शिवपुरी। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर साइबर पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। सोशल मीडिया पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साइबर पुलिस के मुताबिक वर्तमान डिजिटल परिवेश में जब हम व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय रहते हैं। कई ग्रुपों में भी हमें परिचितों व अनजान व्यक्तियों द्वारा जोड़ लिया जाता है।
इन ग्रुप में विभिन्न तरह की पोस्ट, तस्वीरें और वीडियोज देखने को मिलते हैं। ऐसी वीडियो या चलचित्र सामग्री जिनमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लैंगिक प्रदर्शन करते हुए या इस तरह की एक्टिविटी में संलिप्तता दिखाया जाता है, उसको चाइल्ड पोर्नोग्राफी कहा जाता है।
यदि आप चाइल्ड पोर्नोग्राफी तैयार, संग्रहित, प्राप्त, डाउनलोड, आदान-प्रदान, वितरित अथवा ब्राउज सर्च करेंगे या बढ़ावा देंगे तो आईटी एक्ट की धारा 67 बी, आईपीसी की धारा 354 सी तथा पोक्सो एक्ट की धारा 11/12 के तहत अपराधी बन जाएंगे।
सरकार लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर रखती है। साथ ही भारत में संचालित होने वाली सभी इंटरमीडियरीज जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, गूगल इत्यादि द्वारा ऐसे विभिन्न प्रोफाइलों की जानकारी जो किसी भी तरह की चाइल्ड पोर्नोग्राफी तैयार, संग्रहित, प्राप्त, डाउनलोड, आदान-प्रदान, वितरित अथवा ब्राउज, सर्च भी करते हैं अथवा किसी को भेजते हैं। इसे एकत्रित कर पुलिस के साथ साझा करती है। इस तरह की शिकायतों पर मध्यप्रदेश की राज्य साइबर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।
इन ग्रुप में विभिन्न तरह की पोस्ट, तस्वीरें और वीडियोज देखने को मिलते हैं। ऐसी वीडियो या चलचित्र सामग्री जिनमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लैंगिक प्रदर्शन करते हुए या इस तरह की एक्टिविटी में संलिप्तता दिखाया जाता है, उसको चाइल्ड पोर्नोग्राफी कहा जाता है।
यदि आप चाइल्ड पोर्नोग्राफी तैयार, संग्रहित, प्राप्त, डाउनलोड, आदान-प्रदान, वितरित अथवा ब्राउज सर्च करेंगे या बढ़ावा देंगे तो आईटी एक्ट की धारा 67 बी, आईपीसी की धारा 354 सी तथा पोक्सो एक्ट की धारा 11/12 के तहत अपराधी बन जाएंगे।
सरकार लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर रखती है। साथ ही भारत में संचालित होने वाली सभी इंटरमीडियरीज जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, गूगल इत्यादि द्वारा ऐसे विभिन्न प्रोफाइलों की जानकारी जो किसी भी तरह की चाइल्ड पोर्नोग्राफी तैयार, संग्रहित, प्राप्त, डाउनलोड, आदान-प्रदान, वितरित अथवा ब्राउज, सर्च भी करते हैं अथवा किसी को भेजते हैं। इसे एकत्रित कर पुलिस के साथ साझा करती है। इस तरह की शिकायतों पर मध्यप्रदेश की राज्य साइबर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है।
यह एहतियात बरतें
किसी भी तरह के सोशल मीडिया के ऐसे ग्रुपों में न जुड़ें जिनमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी का आदान प्रदान होता हो। अपने व्हाट्सएप, टेलीग्राम की सेटिंग को मजबूत रखें ताकि अपनी अनुमति के बगैर कोई भी व्यक्ति किसी ग्रुप में न जोड़ सके। अपने व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि की सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड बंद करें जिससे जब तक आप न चाहें तब तक किसी भी प्रकार की कोई तस्वीर व वीडियो आपके मोबाइल में डाउनलोड ना हो सके।
ऐसे ग्रुप छोड़ दें जिनमें गलत सामग्री आती है
ऐसे ग्रुप को छोड़ दें जिनमें बच्चों से जुड़ी गलत सामग्री आती है। ऐसी किसी भी वेबसाइट को विजिट न करें और न ही किसी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करें जहां चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री हो। यदि आपके साथ कोई साइबर अपराध घटित होता है या किसी साइबर अपराध की जानकारी मिलती है तो उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम पोर्टल अथवा साइबर क्राइम हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1930 पर करें।
किसी भी तरह के सोशल मीडिया के ऐसे ग्रुपों में न जुड़ें जिनमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी का आदान प्रदान होता हो। अपने व्हाट्सएप, टेलीग्राम की सेटिंग को मजबूत रखें ताकि अपनी अनुमति के बगैर कोई भी व्यक्ति किसी ग्रुप में न जोड़ सके। अपने व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि की सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड बंद करें जिससे जब तक आप न चाहें तब तक किसी भी प्रकार की कोई तस्वीर व वीडियो आपके मोबाइल में डाउनलोड ना हो सके।
ऐसे ग्रुप छोड़ दें जिनमें गलत सामग्री आती है
ऐसे ग्रुप को छोड़ दें जिनमें बच्चों से जुड़ी गलत सामग्री आती है। ऐसी किसी भी वेबसाइट को विजिट न करें और न ही किसी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करें जहां चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री हो। यदि आपके साथ कोई साइबर अपराध घटित होता है या किसी साइबर अपराध की जानकारी मिलती है तो उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम पोर्टल अथवा साइबर क्राइम हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1930 पर करें।