शिवपुरी। शिवपुरी जिले का स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ समय से आर्थिक संकट झेल रहा है। ऐसे में कभी कर्मचारियों को दो महीने में वेतन मिल रहा है तो कभी कम बजट के चलते कुछ लोगों को वेतन मिल पाता है कुछ को नहीं। इसी क्रम में जिला अस्पताल के तीन कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्हें आठ महीने से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में तीनों कर्मचारियों को काफी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि आठ माह से उधार लेकर चल रही जिंदगी अब थमने लगी है, क्योंकि राशन, दूध आदि सब कुछ उधार मिलना बंद हो गया है।
वार्ड ब्याय के पद पर कार्यरत कैलाश कुशवाह गंभीर रूप से बीमार है, बीमारी के कारण उसकी हालत यह हो गई है कि बह खड़ा होना तो दूर ठीक से बैठ तक नहीं पा रहा है, लेकिन आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण वह अपना इलाज तक नहीं करवा पा रहा है। कैलाश के अनुसार वह उपचार के अभाव में हर रोज तिल-तिल मरने को मजबूर है।
वहीं हरिशंकर कुशवाह के घर में 17 अप्रैल को बेटी की शादी है। आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण बाजार का पहले ही काफी उधार हो गया है, इसलिए बाजार में दुकानदारों ने उधार देने से मना कर दिया। हरिशंकर के अनुसार उसे बेटी के हाथ पीले करने के लिए ऊंची ब्याज दर पर पैसा उधार उठाना पड़ है, क्योंकि बेटी का विवाह तो रोका नहीं जा सकता है। लगभग ऐसा ही हाल जिला अस्पताल में कार्यरत सुनीता भगत नामक महिला का भी है।
इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव से बात की तो पता चला कि आर्थिक संकट के कारण ऐसे हालात बने हैं। उनके अनुसार उन्हें तक फरवरी माह का वेतन नहीं मिला है। ऐसे में वह भी जनवरी तक का इनकम टैक्स ही जमा कर सके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मदों में भी बजट कम आया था, इसलिए कुछ कर्मचारियों को कम-ज्यादा वेतन दे दिया गया है। यह तीनों कर्मचारी रेगुलर कंटीजेंसी के पदों पर हैं।
वकील डा यादव इन कर्मचारियों से मेरी भी चर्चा हुई थी, मैंने पहले भी पत्र भेजे हैं। उनके अनुसार वह अब 12 अप्रैल को एक बार फिर उक्त कर्मचारियों के संबंध में पत्र भेजने के अलावा व्यक्तिगत रूप से एडी फाइनेंस से चर्चा करेंगे और उनकी व्यक्तिगत परेशानियों बीमारी व शादी का हवाल देंगे ताकि उन तीनों कर्मचारियों को वेतन मिल सके। डा. यादव का कहना है कि तीनों कर्मचारियों का वेतन व दूसरे, तीसरे हफ्ते में मंगवा रक तत्काल उनके खातों में ताकि उनकी समस्या का कुछ समाधान हो जाए।
वार्ड ब्याय के पद पर कार्यरत कैलाश कुशवाह गंभीर रूप से बीमार है, बीमारी के कारण उसकी हालत यह हो गई है कि बह खड़ा होना तो दूर ठीक से बैठ तक नहीं पा रहा है, लेकिन आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण वह अपना इलाज तक नहीं करवा पा रहा है। कैलाश के अनुसार वह उपचार के अभाव में हर रोज तिल-तिल मरने को मजबूर है।
वहीं हरिशंकर कुशवाह के घर में 17 अप्रैल को बेटी की शादी है। आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण बाजार का पहले ही काफी उधार हो गया है, इसलिए बाजार में दुकानदारों ने उधार देने से मना कर दिया। हरिशंकर के अनुसार उसे बेटी के हाथ पीले करने के लिए ऊंची ब्याज दर पर पैसा उधार उठाना पड़ है, क्योंकि बेटी का विवाह तो रोका नहीं जा सकता है। लगभग ऐसा ही हाल जिला अस्पताल में कार्यरत सुनीता भगत नामक महिला का भी है।
इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव से बात की तो पता चला कि आर्थिक संकट के कारण ऐसे हालात बने हैं। उनके अनुसार उन्हें तक फरवरी माह का वेतन नहीं मिला है। ऐसे में वह भी जनवरी तक का इनकम टैक्स ही जमा कर सके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मदों में भी बजट कम आया था, इसलिए कुछ कर्मचारियों को कम-ज्यादा वेतन दे दिया गया है। यह तीनों कर्मचारी रेगुलर कंटीजेंसी के पदों पर हैं।
वकील डा यादव इन कर्मचारियों से मेरी भी चर्चा हुई थी, मैंने पहले भी पत्र भेजे हैं। उनके अनुसार वह अब 12 अप्रैल को एक बार फिर उक्त कर्मचारियों के संबंध में पत्र भेजने के अलावा व्यक्तिगत रूप से एडी फाइनेंस से चर्चा करेंगे और उनकी व्यक्तिगत परेशानियों बीमारी व शादी का हवाल देंगे ताकि उन तीनों कर्मचारियों को वेतन मिल सके। डा. यादव का कहना है कि तीनों कर्मचारियों का वेतन व दूसरे, तीसरे हफ्ते में मंगवा रक तत्काल उनके खातों में ताकि उनकी समस्या का कुछ समाधान हो जाए।