सतनवाडा। शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा थाना सीमा में आने वाले मडीखेडा डैम के पास स्थित पटीघाटी में बीते फरवरी 2023 को एक प्लास्टिक बोर में एक लाश मिली थी,इस लाश की पहचान ग्वालियर के हिस्ट्रीशीटर गौरी राठौर के रूप में हुई,गौरी राठौर की मर्डर मिस्ट्री को सुलझाते हुए हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह हत्या परिवार के लोगो ने की है,वही इस हत्या में शामिल एक आरोपी की भतीजी के साथ मृतक के साले ने बलात्कार किया था इसलिए वह इस हत्या में शामिल हुआ था।
जैसा कि विदित है कि शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित मडीखेडा के पास नरवर रोड पर पटी घाटी में एक पेड से एक प्लास्टिक का बोरा लटका था। बकरी चराने एक वाले आदिवासी से सूचना दी कि वह मड़ीखेड़ा डैम के पास स्थित पटी घाटी पर बकरी चरा रहा था। इस दौरान उसने देखा कि प्लास्टिक के सफेद बोरे में एक शव है।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचे तो घाटी में एक पेड़ टिका हुआ एक प्लास्टिक का सफेद बोरा मिला बोरे का मुंह क्रीम से रंग की फुंदा दार चुनरी से बंधा था जब उसे खोलकर देखा तो उसमें एक शव था जिसके मुँह एवं नाक खून बह रहा है जिसकी उम्र करीब 30 से 35 साल की होगी। जो शरीर पर सफेद रंग की बनियान एवं कत्थई से रंग का लोअर पहने है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा कर उसकी पहचान के लिए छानबीन शुरू कर दी है।
इस लाश की पहचान ग्वालियर के जनकगंज थाना सीमा में निवास करने वाले हिस्ट्रीशीटर गौरी राठौर के रूप में हुई थी। गौरी राठौर के परिजनो ने ताऊ भागीरथ राठौर, भागीरथ के बेटे राकेश और नाती लखन सहित अन्य परिवार वालों पर हत्या का आरोप लगाया था। यह लोग लाश मिलने वाले दिन से घर पर ताला डालकर फरार हो गए थे। इससे पुलिस का शक गहरा गया।
सीएसपी लश्कर आयुष गुप्ता, जनकगंज थाना प्रभारी विपेंद्र सिंह चौहान और उनकी टीम आरोपितों की घेराबंदी में लगी थी। रात को इन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपितों से जब पूछताछ हुई तो इन्होंने गला दबाकर हत्या करना स्वीकार की। पूछताछ में बताया कि गौरी राठौर और उनके बीच तिघरा क्षेत्र में सरकारी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
विवाद के चलते भागीरथ ने अपने बेटे राकेश, नाती लखन और नौकर रामदास वाल्मीकि को बुला लिया। गौरी अचानक लौट आया। तभी फिर झगड़ा हुआ और गला दबाकर मार डाला। फिर उसकी लाश बोरे में रखी। लाश कार से शिवपुरी ले गए, यहां लाश फेंक दी। इस वारदात में ताऊ के यहां काम करने वाला नौकर भी शामिल था। नौकर की भतीजी से मृतक के साले ने दुष्कर्म किया था। इसके चलते वह भी उसके खिलाफ था। इसी वजह से उसने हत्या करने और लाश को ठिकाने लगाने में पूरा सहयोग किया। अभी नौकर नहीं पकड़ा गया है। उसकी तलाश चल रही है।
जिस कार का इस्तेमाल लाश को ठिकाने लगाने में किया, वह किसी और की थी। कार मालिक के घर कार रखने की जगह नहीं थी। इसलिए उसने कार टीनशेड में रखना शुरू कर दी। वह 800 रुपये माह किराया देता था।
जैसा कि विदित है कि शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित मडीखेडा के पास नरवर रोड पर पटी घाटी में एक पेड से एक प्लास्टिक का बोरा लटका था। बकरी चराने एक वाले आदिवासी से सूचना दी कि वह मड़ीखेड़ा डैम के पास स्थित पटी घाटी पर बकरी चरा रहा था। इस दौरान उसने देखा कि प्लास्टिक के सफेद बोरे में एक शव है।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचे तो घाटी में एक पेड़ टिका हुआ एक प्लास्टिक का सफेद बोरा मिला बोरे का मुंह क्रीम से रंग की फुंदा दार चुनरी से बंधा था जब उसे खोलकर देखा तो उसमें एक शव था जिसके मुँह एवं नाक खून बह रहा है जिसकी उम्र करीब 30 से 35 साल की होगी। जो शरीर पर सफेद रंग की बनियान एवं कत्थई से रंग का लोअर पहने है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा कर उसकी पहचान के लिए छानबीन शुरू कर दी है।
इस लाश की पहचान ग्वालियर के जनकगंज थाना सीमा में निवास करने वाले हिस्ट्रीशीटर गौरी राठौर के रूप में हुई थी। गौरी राठौर के परिजनो ने ताऊ भागीरथ राठौर, भागीरथ के बेटे राकेश और नाती लखन सहित अन्य परिवार वालों पर हत्या का आरोप लगाया था। यह लोग लाश मिलने वाले दिन से घर पर ताला डालकर फरार हो गए थे। इससे पुलिस का शक गहरा गया।
सीएसपी लश्कर आयुष गुप्ता, जनकगंज थाना प्रभारी विपेंद्र सिंह चौहान और उनकी टीम आरोपितों की घेराबंदी में लगी थी। रात को इन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपितों से जब पूछताछ हुई तो इन्होंने गला दबाकर हत्या करना स्वीकार की। पूछताछ में बताया कि गौरी राठौर और उनके बीच तिघरा क्षेत्र में सरकारी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
विवाद के चलते भागीरथ ने अपने बेटे राकेश, नाती लखन और नौकर रामदास वाल्मीकि को बुला लिया। गौरी अचानक लौट आया। तभी फिर झगड़ा हुआ और गला दबाकर मार डाला। फिर उसकी लाश बोरे में रखी। लाश कार से शिवपुरी ले गए, यहां लाश फेंक दी। इस वारदात में ताऊ के यहां काम करने वाला नौकर भी शामिल था। नौकर की भतीजी से मृतक के साले ने दुष्कर्म किया था। इसके चलते वह भी उसके खिलाफ था। इसी वजह से उसने हत्या करने और लाश को ठिकाने लगाने में पूरा सहयोग किया। अभी नौकर नहीं पकड़ा गया है। उसकी तलाश चल रही है।
जिस कार का इस्तेमाल लाश को ठिकाने लगाने में किया, वह किसी और की थी। कार मालिक के घर कार रखने की जगह नहीं थी। इसलिए उसने कार टीनशेड में रखना शुरू कर दी। वह 800 रुपये माह किराया देता था।