शिवपुरी। आज रामनवमी की पूरे देश में धूम है। इस समय लोकसभा चुनाव का समय है भाजपा राम के नाम पर वोट मांग रही है,लेकिन आज भी अमोला के प्रभु राम और उनका परिवार प्रशासन की कैद में है,अभी राम परिवार को अपनी पुन:प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
शिवपुरी जिले के अमोला गांव में 16 साल पहले भगवान राम का मंदिर हुआ करता था इस गांव के पास हुए अटल सागर बांध के निर्माण के दौरान यह मंदिर डूब क्षेत्र में आ गया। मंदिर हो अन्य किसी जगह विस्थापित करना था लेकिन इसके बाद मंदिर को बसाने के लिए किसी भी प्रकार की पहल जिला प्रशासन की तरफ से नहीं की गई। जिसको स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
अमोला गांव इसके आसपास के लोग बताते है। कि भगवान राम अयोध्या में अपने घर पर विराजमान हो गए लेकिन अमोला गांव में पिछले 12 वर्षो से भगवान श्रीराम और उनके दरबार को आज भी इंतजार है। बांध के निर्माण के दौरान उसके डूब क्षेत्र में आए भगवान राम के मंदिर के दरबार की मूर्तिया जिला कलेक्टर के आदेश पर एक दुकान में बंद है। यहां पर शटर में ताला लगाकर भगवान राम के रखवा दिया गया था। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन को इस मंदिर को पुनः: बसाने की पहल करनी चाहिए थी। ऐसा नहीं हुआ आज भी भगवान के दरबार को दुकान में ताले लगाकर कैद कर दिया गया है। अगर मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है। यह मंदिर शिवपुरी में सिंध नदी के किनारे बसा हुआ था। वहां पर जो जागीरदार हुआ करते थे उनके द्वारा यह मंदिर बनवाया गया था। इनमें श्री राम दरबार का राज मंदिर मुख्य मंदिर था।
जब अटल सागर बांध में पानी भरने लगा तो अमोला गांव खाली हुआ कुछ परिवार डैम के कैचमेंट एरिया से थोड़ी दूर अमोला क्रेशर पर जाकर बस गए। प्रशासन के द्वारा हाट बाजार के निर्माण कराया गया था। उसकी दुकानों में भगवान राम को उनके दरबार के साथ रख दिया गया था। प्रशासन के पास मंदिर के विस्थापन का 27 लाख रुपए उनके कोष में जमा है। इसी पैसे से मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाना चाहिए था।
22 जनवरी को इस मंदिर का मामला शिवपुरी की मीडिया ने उठाया था,मामले ने तूल पकडा और भगवान राम के विस्थापन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए करैरा एसडीएम को कलेक्टर शिवपुरी ने आदेशित किया था,एसडीएम करैरा अजय शर्मा अपने अमले के साथ करैरा गए थे,लेकिन नतीजा शून्य था। आज रामनवमी का दिन था देश के राम मंदिर पर आज अनेक धार्मिक अनुष्ठान जारी है लेकिन अमोला की राम का अभी वनवास समाप्त नहीं है। 16 साल से भगवान पंचायत की एक दुकान में कपड़े में बांधे रखे हुए है।
इनका कहना
तीन मंदिरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। बस मूर्तियों का स्थापना होने शेष है आचार संहिता होने के कारण विलंब हो हुआ है। नहीं तो पहले ही मूर्तियां स्थापित होनी थी। इस संबंध में मेरे द्वारा मेडी खेड़ा एई निर्देश गए है। जिससे आचार संहिता हटती है। वैसे ही मंदिर में मूर्तियां स्थापित की जाएगी। अजय शर्मा एसडीएम करैरा
इनका कहना
मंदिर का निर्माण कार्य तो 2007 में ही हो चुका है। उन तीनों मंदिर पर बाबाओं ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। जब से अभी तक मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती तो आगे कैसे होगी।
रामवरण सिंह ग्रामीण ग्राम आमोला