खनियाधाना। अब साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साइबर अपराधी भी हर दिन नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। अब लूट और चोरी से ज्यादा राशि साइबर अपराधों के माध्यम से लूटी जा रही है। इनका सबसे आसान निशाना ग्रामीण अंचल के लोग बनते हैं क्योंकि उनकी तकनीकी दक्षता कम होती है। ऐसे में वे आसानी से इनके झांसे में फंस जाते हैं।
एक और लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं तो दूसरी और उनकी थानों पर सुनवाई नहीं हो रही है। अपराध के इस बदलते ट्रेंड के लिए थाना स्तर के पुलिसकर्मी इन्हें ट्रेस करने के लिए दक्ष नहीं हैं। इस तरह के अपराधों के लिए जिला स्तर पर साइबर सेल का गठन किया गया है। जब भी कोई साइबर अपराध का पीड़ित थाने पर पहुंचता है तो उसे साइबर सेल में जाने को कह दिया जाता है।
ऐसे में खनियाधाना जैसे साइबर अपराधी अपने तरीकों में लगातार बदलाव करते हैं। अभी तक मोबाइल पर काल आता था और बातों में उलझाकर ठग अकाउंट संबंधित जानकारी लेता था। अब स्थिति यह है कि मोबाइल में सिर्फ लिंक आती है। यदि गलती से उस लिंक को ओपन कर दिया तो आपका अकाउंट खाली होने की संभावना रहती है।
खनियाधाना के लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए 110 किमी दूर आना पड़ता है। इतना दूर आने के बाद भी कोई मामला दर्ज नहीं किया जाता है, बल्कि आवेदन लेकर चलता कर दिया जाता है। इसके बाद कई बार पीड़ितों को साइबर सेल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उक्त दो केस इसी का उदाहरण हैं। दोनों फरियादी साइबर अपराध का शिकार हुए और 110 किमी दूर शिकायत दर्ज कराने पहुंचे,लेकिन मामला ट्रेस नहीं हुआ।
केस-1:
चमरौआ निवासी विजय राजपूत को 28 मार्च को दूरभाष क्रमांक 9165361811 से सीएचसी अपडेट के लिए लिंक आई। जैसे ही लिंक को खोला तो चार बार में खाते से 1800 रुपये कट गए। इसके बाद विजय राजपूत ने उस लिंक को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक उसके खाते से राशि कट चुकी थी। जब इसकी शिकायत खनियाधाना थाने में दर्ज कराई गई तो उसे शिवपुरी साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दे दी गई।
जब थाना प्रभारी अशोक बाबू शर्मा से पूछा गया कि साइबर फ्रॉड होने पर थाने में मामला दर्ज नहीं होता है क्या तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है पूछकर बताता हूं। साइबर सेल तो शिवपुरी में है और इसके मामले वहीं दर्ज होते हैं।
केस-2:
एयरटेल पेमेंट बैंक का काम करने वाले दीपक कुमार कोली निवासी खलक सिंह चौराहा के मोबाइल को 07 जनवरी को हैक कर लिया गया। इसके बाद यस बैंक के खाते में दो नंबरों के माध्यम से 33127 रुपये का फ्रॉड कर दिया गया। इसके बाद दीपक ने थाने के साथ साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। दीपक के अनुसार वह तीन चक्कर शिवपुरी के लगा चुका है और तीन-चार हजार रुपये इसी में खर्च हो गए।
इनका कहना है
तकनीकी संबंधित मामलों का निराकरण करने के लिए टीम और संसाधन जिला मुख्यालय पर ही है। इसलिए हम आवेदक को सलाह देते हैं कि वह जिला मुख्यालय पर ही शिकायत दर्ज कराए जिससे उसकी समस्या का समाधान हो सके।
प्रशांत शर्मा, एसडीओपी