शिवपुरी। बारिश के पहले नगर पालिका ने नालों की सफाई शुरू कर दी है। इस बार नगर पालिका नाला सफाई में हर दिन करीब 18 हजार रुपये की बचत करेगी। पिछली बार नालों की सफाई में लाखों रुपये खर्च किए गए थे जिन्हें लेकर कई तरह के आरोप भी लगे। हालांकि इस बार वर्तमान में आचार संहिता लागू होने से किसी तरह का राजनीतिक दखल नहीं है और ऐसे में अधिकारियों ने स्वयं नपा के ही संसाधनों से सफाई कार्य कराने का निर्णय लिया है।
शनिवार को नालों की सफाई के काम की शुरुआत की गई। सीएमओ डा. केशव सिंह सगर की मौजूदगी में सुबह छह बजे ठंडी सड़क के नाले की सफाई शुरू की गई। इस दौरान स्वच्छता निरिक्षक योगेश शर्मा, नाला गैंग प्रभारी अजय घोलपुरिया, अनिल गांगले, पंकज शर्मा, महेन्द्र खरे एवं नाला सफाई अमला साथ में मौजूद थे।
सीएमओ ने बताया कि पिछले साल पोकलेन मशीन किराए से ली गई थी जिसमें हर घंटे तीन हजार रुपये किराया लगता था। ऐसे में एक दिन में ही 30 हजार रुपये किराया हो जाता था। टेंडर से आठ से 10 लाख रुपये चंद दिन में खत्म हो गए थे। नोटशीट पर भी काम करें तो 90 हजार की नोटशीट पर सिर्फ तीन दिन ही सफाई संभव थी। इस बार नपा के पास खुद की पोकलेन मशीन है तो उससे 1800 रुपये प्रति घंटा की बचत हो रही है यानी हर दिन 18 हजार रुपये बचेंगे।
मगरमच्छ होने से श्रमिक नहीं कर पाते सफाई
शिवपुरी शहर के नालो में मगरमच्छ होने से पुराना बस स्टैंड, बर्फ फैक्ट्री नाला, रामपौर दरवाजा, जाधव सागर एवं अन्य नालों में श्रमिकों के द्वारा सफाई नहीं हो पाती थी। इससे पिछले वर्ष तक नाला सफाई का कार्य कराने के लिए नपा के द्वारा बाजार से किराये पर पोकलेन मशीन लगाई जाती थी। बालों की ठीक से सफाई होने के बाद इनमें मगरमच्छों की संख्या भी कम हो जाएगी।