शिवपुरी। शिवपुरी शहर के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना का बजट 1 अरब रुपए से ऊपर चला गया है लेकिन शिवपुरी शहर के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। इसका जिंदा उदाहरण वार्ड क्रमांक 16 में देखने को मिला है कि इस क्षेत्र में सिंध की पाइप लाइन नहीं पहुंची,और वार्ड में जो बोर है वह खराब है इसलिए लोग एक कुंए से अपनी प्यास बुझा रहे है ओर इस कुँए के पानी में कीड़े साथ में आ रहे है इस वार्ड के लोग उसे छानकर पी रहे है।
शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित गौशाला,मदकपुरा में सिंध की पाइप लाइन नहीं है। वही सभी बोर खराब हो चुके है इस कारण इस वार्ड के लोगो को एक कुंए से पानी लाना पड़ रहा है। इस कुंए में भी पानी सूख चुका है बस आधा फुट पानी बचा है। उसी में से पानी भरकर पीते हैं। लोगों की बातों की हकीकत को समझने के लिए जय कुआं पर जाकर देखा तो वहां एक व्यक्ति कुआं से पानी भरने का प्रयास कर रहा था।
काफी प्रयासों के बाद उसकी बाल्टी में सिर्फ आधी भरकर आ रही थी। बाल्टी में आए पानी में कचरा और कीड़े साथ आ रहे थे। यह उस पानी को कपड़े से छान-छान कर कट्टियों में भरने लगा था। इसके बावजूद कई बारीक कीड़े और कीचड़ उसके कपड़े से निकलकर कट्टी में जा रहे थे। पानी भर रहे व्यक्ति ने बातचीत में स्वीकार किया कि वह और उसका परिवार इस पानी को पीएगा। कुआं के पास खड़े एक अन्य व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की कि उन्हें मजबूरन यह कीचड़ और कोड़ों का पानी पीना पड़ रहा है क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इनका कहना है
6 उस बस्ती के लोग नेता ज्यादा है, मुझसे बात करते नहीं है, सीधा विधायक, कलेक्टर और सीएमओ के यहां जाते हैं। मीडिया के पास पहुंच जाते हैं। अगर वह मेरे पास आएंगे और मुझसे कहेंगे तो फिर मैं समस्या के समाधान की का प्रयास करूंगा।
माखन आदिवासी, वार्ड पार्षद।
शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित गौशाला,मदकपुरा में सिंध की पाइप लाइन नहीं है। वही सभी बोर खराब हो चुके है इस कारण इस वार्ड के लोगो को एक कुंए से पानी लाना पड़ रहा है। इस कुंए में भी पानी सूख चुका है बस आधा फुट पानी बचा है। उसी में से पानी भरकर पीते हैं। लोगों की बातों की हकीकत को समझने के लिए जय कुआं पर जाकर देखा तो वहां एक व्यक्ति कुआं से पानी भरने का प्रयास कर रहा था।
काफी प्रयासों के बाद उसकी बाल्टी में सिर्फ आधी भरकर आ रही थी। बाल्टी में आए पानी में कचरा और कीड़े साथ आ रहे थे। यह उस पानी को कपड़े से छान-छान कर कट्टियों में भरने लगा था। इसके बावजूद कई बारीक कीड़े और कीचड़ उसके कपड़े से निकलकर कट्टी में जा रहे थे। पानी भर रहे व्यक्ति ने बातचीत में स्वीकार किया कि वह और उसका परिवार इस पानी को पीएगा। कुआं के पास खड़े एक अन्य व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की कि उन्हें मजबूरन यह कीचड़ और कोड़ों का पानी पीना पड़ रहा है क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कनेक्शन काटने और वोर खराब होने से गौशाला में भी संकट
वार्ड क्रमांक-16 के गौशाला क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था बोरों से होती है, परंतु यहां पर लगभग सभी बोर खराब पड़े हुए हैं। इस कारण मदकपुरा के जो लोग करीब एक किमी की दूरी तय कर यहां से पेयजल ले जाते थे, वह भी अब नहीं कर पा रहे हैं। पंप आपरेटर हनीफ खान ने बताया कि क्षेत्र में करीब आठ बोर है, जिनमें से दो बोर चालू है, एक बोर पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिया गया है जबकि कुछ बोरों के बिजली कनेक्शन बिल न भरने के कारण काट दिए गए है। एक बोर पिछले दस दिन से खराब है, नपा में शिकायत के बावजूद ठेकेदार बोर सही करने तैयार नहीं है।इनका कहना है
6 उस बस्ती के लोग नेता ज्यादा है, मुझसे बात करते नहीं है, सीधा विधायक, कलेक्टर और सीएमओ के यहां जाते हैं। मीडिया के पास पहुंच जाते हैं। अगर वह मेरे पास आएंगे और मुझसे कहेंगे तो फिर मैं समस्या के समाधान की का प्रयास करूंगा।
माखन आदिवासी, वार्ड पार्षद।