शिवपुरी। शिवपुरी जिले में स्वास्थ्य विभाग में लगातार घोटाले सामने आ रहे है,पिछोर में आशा कार्यकर्ताओं की आशा प्रोत्साहन राशि में घोटाला निकल कर आया था,इस मामले में 2 शासकीय कर्मचारियों पर एफआईआर हो चुकी है,अब स्वास्थ्य विभाग का आशा कार्यकर्ता भर्ती घोटाला सामने आया है। इस घोटाले की जांच उपरांत 8 आशा कार्यकर्ताओ की सेवा समाप्त कर दी गई है,वही अभी जांच जारी है। फर्जी रूप से नियुक्ति करने वाले एक अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया है वही दो जिम्मेदारों को इस कांड को लेकर भोपाल स्तर पर लिखा पढी कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक करैरा में आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां फर्जी तरीके से करने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई। जांच दल ने पाया कि आठ आशाओं की नियुक्तियों में प्रक्रिया का किसी तरह से पालन नहीं हुआ है। भोपाल से जारी आदेश पर सीएमएचओ शिवपुरी ने करैरा की 8 आशा कार्यकर्ताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जबकि बीसीएम अवधेश गोरैया को करैरा से हटाकर खनियाधाना अटैच कर दिया है। बीसीएम गोरैया करैरा से पहले नरवर भी पदस्थ रहे। इसलिए यहां भी आशा कार्यकर्ताओं के चयन में फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। विभाग नरवर में भी आशा कार्यकर्ता नियुक्तियों की जांच कराने जा रहा है।
आशा नियुक्ति की संशोधित गाइड लाइन पर ध्यान नहीं दिया
आशा का चयन स्थानीय निकाय द्वारा अधिसूचित मलिन बस्तियों में करना था। अधिसूचित मलिन बस्तियों से जानकारी नहीं ली। जनसंख्या के आधार पर शहरी आशा का चयन समिति के जरिए खाली पदों पर नहीं किया। शहरी आशा चयन के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन के लिए प्रचार-प्रसार नहीं किया। चयन के लिए कहीं भी सूचियां चस्पा नहीं कराईं। आशा चयन प्रक्रिया लगातार 3 सालों तक चलती रही। जबकि इस बीच प्रति वर्ष आशा चयन प्रक्रिया की गाइड लाइन संशोधित होती रहीं, लेकिन करैरा के अमले ने इस पर ध्यान नहीं दिया और मनमाने ढंग से आशा का चयन कर दिया।
इन 8 आशा कार्यकर्ताओं को हटाया
करैरा में नियम विरुद्ध तरीके से आशाओं की नियुक्तियां फर्जी तरीके से पाई गई हैं। इसलिए आठ आशा कार्यकर्ता रीना भार्गव, भारती झा, वर्षा त्रिपाठी, आरती साहू, रजनी मंडोलिया, संगीता सिंह, कामनी सिंह और रितु भार्गव को पद से पृथक कर दिया है। करैरा की तरह नरवर में भी विभाग जांच कराने जा रहा है।
पिछोर व बदरवास में आशा प्रोत्साहन की आड़ में धांधली हो चुकी
करैरा में गलत ढंग से आशाओं का चयन हुआ है। इससे पहले पिछोर में संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर फजल अहमद ने अकाउंटेंट के चार्ज में 19.37 लाख रु. की धांधली कर दी। गबन के मामले में मार्च 2024 में फजल के साथ-साथ बीएमओ व बीसीएम के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। बदरवास में भी आशा कार्यकर्ताओं के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने पर बीसीएम बरुण मंगल को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।
आशाओं को भुगतान की जांच में कुछ भी स्पष्ट नहीं
पिछोर में आशा प्रोत्साहन राशि की आड़ में फजल ने गबन किया। करैरा क्षेत्र में भी आशाओं को बिना काम के भुगतान संबंधी शिकायत सीएमएचओ से की जा चुकी है, लेकिन विभाग द्वारा कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा सकता है।
कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा है
आठ आशाओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। स्थानीय स्तर से बीसीएमओ अवधेश गोरैया को हटाकर खनियाधाना कर दिया है। तत्कालीन बीएमओ और बीसीएम के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा है। -
डॉ. पवन जैन, सीएमएचओ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला शिवपुरी
जानकारी के मुताबिक करैरा में आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां फर्जी तरीके से करने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई। जांच दल ने पाया कि आठ आशाओं की नियुक्तियों में प्रक्रिया का किसी तरह से पालन नहीं हुआ है। भोपाल से जारी आदेश पर सीएमएचओ शिवपुरी ने करैरा की 8 आशा कार्यकर्ताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जबकि बीसीएम अवधेश गोरैया को करैरा से हटाकर खनियाधाना अटैच कर दिया है। बीसीएम गोरैया करैरा से पहले नरवर भी पदस्थ रहे। इसलिए यहां भी आशा कार्यकर्ताओं के चयन में फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। विभाग नरवर में भी आशा कार्यकर्ता नियुक्तियों की जांच कराने जा रहा है।
आशा नियुक्ति की संशोधित गाइड लाइन पर ध्यान नहीं दिया
आशा का चयन स्थानीय निकाय द्वारा अधिसूचित मलिन बस्तियों में करना था। अधिसूचित मलिन बस्तियों से जानकारी नहीं ली। जनसंख्या के आधार पर शहरी आशा का चयन समिति के जरिए खाली पदों पर नहीं किया। शहरी आशा चयन के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन के लिए प्रचार-प्रसार नहीं किया। चयन के लिए कहीं भी सूचियां चस्पा नहीं कराईं। आशा चयन प्रक्रिया लगातार 3 सालों तक चलती रही। जबकि इस बीच प्रति वर्ष आशा चयन प्रक्रिया की गाइड लाइन संशोधित होती रहीं, लेकिन करैरा के अमले ने इस पर ध्यान नहीं दिया और मनमाने ढंग से आशा का चयन कर दिया।
इन 8 आशा कार्यकर्ताओं को हटाया
करैरा में नियम विरुद्ध तरीके से आशाओं की नियुक्तियां फर्जी तरीके से पाई गई हैं। इसलिए आठ आशा कार्यकर्ता रीना भार्गव, भारती झा, वर्षा त्रिपाठी, आरती साहू, रजनी मंडोलिया, संगीता सिंह, कामनी सिंह और रितु भार्गव को पद से पृथक कर दिया है। करैरा की तरह नरवर में भी विभाग जांच कराने जा रहा है।
पिछोर व बदरवास में आशा प्रोत्साहन की आड़ में धांधली हो चुकी
करैरा में गलत ढंग से आशाओं का चयन हुआ है। इससे पहले पिछोर में संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर फजल अहमद ने अकाउंटेंट के चार्ज में 19.37 लाख रु. की धांधली कर दी। गबन के मामले में मार्च 2024 में फजल के साथ-साथ बीएमओ व बीसीएम के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। बदरवास में भी आशा कार्यकर्ताओं के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आने पर बीसीएम बरुण मंगल को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।
आशाओं को भुगतान की जांच में कुछ भी स्पष्ट नहीं
पिछोर में आशा प्रोत्साहन राशि की आड़ में फजल ने गबन किया। करैरा क्षेत्र में भी आशाओं को बिना काम के भुगतान संबंधी शिकायत सीएमएचओ से की जा चुकी है, लेकिन विभाग द्वारा कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा सकता है।
कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा है
आठ आशाओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। स्थानीय स्तर से बीसीएमओ अवधेश गोरैया को हटाकर खनियाधाना कर दिया है। तत्कालीन बीएमओ और बीसीएम के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा है। -
डॉ. पवन जैन, सीएमएचओ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला शिवपुरी