शिवपुरी। शासन सभी जनहितैषी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने का दावा करती है लेकिन धरातल पर हालात विपरीत है,समय पर अगर एक युवा का आयुष्मान कार्ड बन जाता तो आज वह जिंदा होता और अपने परिवार की जिम्मेदारी अपनी कंधो पर उठा रहा होता। युवा के लंबी बीमारी के चलते निधन के बाद उसका परिवार अब बेसाहरा गया है।
जानकारी के अनुसार करैरा अनुविभाग के अमोला थाना सीमा के नया अमोला क्रमांक 3 में निवास करने वाले मनीष कुशवाह 18 साल पुत्र पर्वत कुशवाह की मौत बीते रोज हो गई। बताया जा रहा है कि मनीष को टीबी की बीमारी थी और इसके चलते मनीष की मौत हुई है। मनीष का इलाज पिछले कई महीनों से चल रहा था।
बताया जा रहा है कि एक माह पूर्व मनीष को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था वहां से उसे ग्वालियर रेफर कर दिया था,लेकिन मनीष को वहां से घर यह कहकर वापस भेज दिया था कि अब वह सही है उसकी घर पर ही देखभाल करो,लेकिन बीते रोज अपनी बीमारी से लडते हुए मनीष की मौत हो गई।
नहीं था आयुष्मान कार्ड
मनीष कुशवाह पर आयुष्मान कार्ड पिछले माह ही अमोला के सेक्रेटरी ने बनवाया था,समय पर यह कार्ड मनीष पर होता तो शायद टीबी जैसी गंभीर बीमारी उसके शरीर में पनपती नही। मनीष कुशवाह घर की आर्थिक तंगी के कारण जेसीबी पर करैरा में हैल्परी का काम करने लगा था। मनीष के पिता मजदूरी का कार्य करते है। मनीष पर ही अपनी मां और भाई बहन की जिम्मेदारी थी। अब मनीष की मौत के बाद उसके परिवार का माहौल गमगीन है साथ में चिंतित है कि अब मनीष की मौत के बाद उसके घर की जिम्मेदारी कौन उठाऐगा।
जानकारी के अनुसार करैरा अनुविभाग के अमोला थाना सीमा के नया अमोला क्रमांक 3 में निवास करने वाले मनीष कुशवाह 18 साल पुत्र पर्वत कुशवाह की मौत बीते रोज हो गई। बताया जा रहा है कि मनीष को टीबी की बीमारी थी और इसके चलते मनीष की मौत हुई है। मनीष का इलाज पिछले कई महीनों से चल रहा था।
बताया जा रहा है कि एक माह पूर्व मनीष को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था वहां से उसे ग्वालियर रेफर कर दिया था,लेकिन मनीष को वहां से घर यह कहकर वापस भेज दिया था कि अब वह सही है उसकी घर पर ही देखभाल करो,लेकिन बीते रोज अपनी बीमारी से लडते हुए मनीष की मौत हो गई।
नहीं था आयुष्मान कार्ड
मनीष कुशवाह पर आयुष्मान कार्ड पिछले माह ही अमोला के सेक्रेटरी ने बनवाया था,समय पर यह कार्ड मनीष पर होता तो शायद टीबी जैसी गंभीर बीमारी उसके शरीर में पनपती नही। मनीष कुशवाह घर की आर्थिक तंगी के कारण जेसीबी पर करैरा में हैल्परी का काम करने लगा था। मनीष के पिता मजदूरी का कार्य करते है। मनीष पर ही अपनी मां और भाई बहन की जिम्मेदारी थी। अब मनीष की मौत के बाद उसके परिवार का माहौल गमगीन है साथ में चिंतित है कि अब मनीष की मौत के बाद उसके घर की जिम्मेदारी कौन उठाऐगा।