शिवपुरी। नेपाल के एक किशोर को मंगलम वात्सल्य गृह के प्रयासों से अंततः अपना घर मिल गया। गुरुवार को नई दिल्ली स्थित नेपाल राज दूतावास में उसके माता-पिता को राजनयिकों के समक्ष सौंपा गया। दो साल बाद अपने माता-पिता को पाकर किशोर बेहद खुश हुआ तथा माता-पिता की आंखे भी खुशी से छलक आई।
बाल गृह की प्रभारी मनीषा कृष्णानी ने बताया कि नेपाली मूल का किशोर जनवरी 2022 में भटक कर शिवपुरी के खनियाधाना क्षेत्र में आ गया था, जिसे स्थानीय पुलिस ने बाल कल्याण समिति के आदेश से मंगलम बाल गृह में रखा था। किशोर भाषा और घर से भटकने की परिस्थितियों के चलते सदमे में था। बाल गृह ने सतत काउंसलिंग के बाद उसके नेपाली घर का पता खोज निकाला और उसके परिवार की खोजबीन शुरू की।
महिला बाल विकास के आला अधिकारियों ने भी विदेश मंत्रालय से सम्पर्क किया। शिवपुरी के कारोबारी त्रिलोक चंद्र अग्रवाल ने नेपाल के एक एनजीओ के साथ किशोर की जानकारी साझा की। एक साल के सतत प्रयासों के बाद बुधवार को किशोर के परिजन उसे लेने के लिए बाल गृह आए। बालक के परिवार के साथ जिला न्यायाधीश अर्चना सिंह ने लंबी चर्चा की और फिर गुरुवार को विदेश मंत्रालय के दिशा निर्देशों के क्रम में बालक को महिला बाल विकास एवं बाल गृह की टीम ने नेपाल दूतावास में उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
दिल्ली से भटक गया था किशोर
परिजनों ने बताया कि किशोर दिल्ली में एक होटल पर काम करन नेपाल के कावसोती से आया था, लेकिन वहां से नेपाल जाते समय रास्ता भटक गया। जनवरी 2022 में उसने फोन कर नेपाल आने की बात कही, लेकिन उसके बाद संपर्क नहीं हुआ। बालक परिवार का इकलौता पुत्र है। बालक को परिजन से मिलाने में महिला बाल अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. सुषमा पांडे, बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा, नवीन जोशी, त्रिलोक चन्द्र अग्रवाल समेत बाल गृह स्टाफ की महती भूमिका रही।