कौशल भार्गव करैरा। मध्य प्रदेश में राज्य परिवहन निगम की बसें बंद होने के बाद से ही मध्यप्रदेश परिवहन अनुबंधित बसें संचालित हैं जिनमें यात्रियों से मनमाना किराया बसूला जा रहा हैं।
हम बात कर रहे हैं शिवपुरी जिले के करैरा से शिवपुरी जाने वाले यात्रियों की, जहां करैरा से शिवपुरी 55 किलोमीटर, दोनों का किराया 80 रुपये लिया जा रहा हैं। जबकि किराया कम होना चाहिए,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हैं। जब परिचालकों से किराया सूची के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किराया सूची हमको नहीं मिली हैं ना ही हम चस्पा करते आए हैं
यहां पर संचालित एक भी बसों में किराया सूची उपलब्ध नहीं है, ना ही यहां के कंडक्टर ड्राइवर निर्धारित यूनिफॉर्म में रहते हैं। कोई भी कंडक्टर कभी भी बदल जाता है और पैसे वसूलने लगता है। इसको लेकर कई बार झगड़ा भी हुआ है।
कंडक्टर जो टिकट देते हैं उसे पर ना ही बस नंबर होता है,ना ही किलोमीटर। जब की आजकल डिजिटल मशीन सभी जगह संचालित है। जिससे टिकट बनाया जाता है, परंतु परिवहन विभाग शिवपुरी द्वारा कोई भी बसों पर नियंत्रण नहीं है। इसका खामयाजा क्षेत्र की निर्धन सवारियां भोग रही है। यहां तक की बसों में फर्स्ट एड बॉक्स सहित अन्य कोई मूलभूत सुविधाएं नहीं है।
जिससे आए दिन झगड़ा होता रहता है। करेरा से ग्वालियर चलने वाली बस एवं नरवर, पिछोर चलने वाली बसों की सीटे इतनी छोटी है कि तीन की सीट पर तीन सवारी नहीं बैठ पाती है। आधी सवारी लड़की रहती है। यह भी बड़ा सवाल है कि इनको फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे जारी कर दिया गया है। यह भी संदेह के घेरे में है।
नागरिकों ने जिला परिवहन अधिकारी शिवपुरी एवं कलेक्टर से मांग की है की परिवहन विभाग द्वारा संचालित बसों में किराए सूची चस्पा की जाए और सीटों की साइज बढ़ाई जाए। जिससे सवारियां ठीक ढंग से बैठ सकें। कंडक्टरों द्वारा जो टिकट दिया जाता है वह भी डिजिटल होना चाहिए जिसमें किलोमीटर, किराया स्थान सभी अंकित हो
केशव धाकड़ निवासी शिवपुरी का कहना कि हम करैरा पैथोलॉजी पर काम करते हैं इसलिए रोजाना बस द्वारा जाती हैं हमसे ₹80 किराया लिया जाता है बसों में सेटिंग की व्यवस्था खराब है साथ ही क्षमता से अधिक से सवारियां बस में भरी जाती है बसों की कंडीशन खराब है बसों की हालत भी खराब हो चुकी है।
कमलेश तिवारी निवासी करेरा का कहना है कि झांसी जाने के लिए बस चालकों द्वारा 80 से ₹100 लिए जाते हैं जो कि निर्धारित रेट से ज्यादा है बसों में किराय की निर्धारित रेट सूची भी चश्मा नहीं की गई है बस चालकों द्वारा सवारियों से मनमाना किराया बसूला जा रहा है साथी बसों में क्षमता से अधिक सवारियां भी भरी जाती है जिम्मेदार ध्यान नहीं देते हैं कई बार हादासे से भी हो चुके हैं।