शिवपुरी। आदर्श आचार संहिता के दौरान पिछोर विधायक के घर जाकर मुलाकात कर माला पहने वाले चार शिक्षकों का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस फोटो का पीछा करते हुए शिवपुरी समाचार ने खबर को '' पिछोर में 4 कांग्रेसी शिक्षक अप्रत्याशित रूप से भाजपा में शामिल,फोटो वायरल,मचा बवाल '' शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। इस मामले में निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच के दौरान इन चारो शिक्षकों को दोषी मानते हुए इन शिक्षकों पर कलेक्टर शिवपुरी के आदेश से विभागीय जांच शुरू करते हुए इन शिक्षकों जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
क्या था मामले पहले पढे
शिक्षक अरविंद शर्मा प्राथमिक शिक्षक शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 01 विकासखंड खनियाधाना,शिक्षक यशपाल बघेल माध्यमिक शिक्षक शासकीय हाई स्कूल अहारवानपुर खनियाधाना,अनिल कुमार पाराशर प्राथमिक शिक्षक शासकीय प्राथमिक सिक्खो का मजरा विकासखंड शिवपुरी,अब्दुल परवेज खान प्राथमिक शिक्षक शासकीय सटेलाइट प्राथमिक विद्यालय प्राथमिक विद्यालय गाजेट पारा विकासखंड पोहरी का एक फोटो पिछोर विधायक प्रीतम लोधी के साथ माला पहने वायरल हुआ था।
उक्त चारों शिक्षक पिछोर विधायक प्रीतम लोधी से उनके निवास पर जाकर 17 मार्च को मुलाकात की बातचीत की और माला पहनी। उक्त फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इस फोटो के आधार पर समाजसेवी युवा नेता कृष्णम दुबे ने राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी। उक्त शिकायत की जांच के आधार पर इन शिक्षकों को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी मानते हुए इन चारो शिक्षकों पर कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र चौधरी ने विभागीय जांच शुरू करने के आदेश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए है,साथ मे इन नेतागिरी करने वाले शिक्षकों को डीईओ कार्यालय शिवपुरी अटैच कर दिया गया है।
यह उल्लेख किया जांच में
जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी ने इस मामले की जांच की। डीईओ ने अपने जांच प्रतिवेदन क्रमांक 1641 दिनांक 19 मार्च में में उल्लेख किया है कि उक्त शिक्षकों ने जांच में कथन किया है कि इन्होने राजनीतिक दल की सदस्यता नहीं ली है और सौजन्य मुलाकात की है। 16 मार्च से आदर्श आचार संहिता प्रभावी है इन चारो शिक्षक ने पिछोर विधायक प्रीतम लोधी के निवास पर जाकर 17 मार्च को मुलाकात की है।
इस कारण इन शिक्षकों ने आदर्श आचार संहिता पर मैनुअल वर्ष 2019 के अध्याय 19 की कंडिका 19.1.2 सरकारी अधिकारी देश की संपूर्ण निर्वाचन प्रणाली का हिस्सा होते है। और उससे उपेक्षा की जाती है कि वह लोकतंत्र में अपने कर्तव्य का पालन करे। निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की अवधि में सरकारी कर्मचारी और किसी राजनीतिक पदाधिकारियों के बीच में किसी निजी बैठक के आयोजन पर प्रतिबंध लगा रखा है,इस प्रकार उक्त चारों शिक्षकों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
शिक्षकों का यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विरुद्ध किया गया आचरण है। इसलिए इन चारो शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए विभागीय जांच संस्थित की जाती है। इन चारो शिक्षकों तत्काल प्रभाव से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच किया जाता है।