बामौरकलां। बामौरकला में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य मुनि श्री 108 सरल सागर जी महाराज जी के केश लोचन नवीन धर्मशाला बामौर कलां में किए । मुनिश्री सरल सागर महाराज ने शुक्रवार को केश लोचन (स्वयं के हाथ से सिर और दाढ़ी के बाल उखाड़े) किया। मुनिश्री ने चार माह बाद केश लोचन किया।
मुनिश्री प्रत्येक चार माह में केश लोचन करते हैं। केश लोचन ब्रह्म मुहूर्त में शुरू हुआ। उन्होंने बताया ये एक तरह का तप है। ये हर कोई नहीं कर सकता।
ऐसे होता है केश लोचन
मुनिश्री स्वयं के हाथों से सिर और दाढ़ी के बाल निकालते हैं। हाथों की पकड़ से बाल फिसले नहीं। इसलिए राख हाथ में लगाकर खींचते हैं।
तीन बातें सिखाता है
सहनशीलता : केश लोचन के समय असहनीय दर्द होता है। उसे सहन करते हैं।
आत्मनिर्भर : मुनि किसी पर निर्भर नहीं रहते। स्वयं केश लोचन करते हैं।
त्याग : केश लोचन कर मुनिश्री अपने बालों का त्याग करते हैं।