शिवपुरी। भाजपा सरकार भले ही सुशासन का दावा करती हो लेकिन राजस्व विभाग में भ्रश्टाचार किस कदर हावी है उसका उदाहरण शिवपुरी कलेक्ट्रेट में देखने को मिला। आज मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में दो युवक हड़ताल का बैनर लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में आकर बैठ गए। युवको का कहना था कि दो बार रिश्वत देने के बाद भी उनकी जमीन का नामांतरण नहीं हो सका। हालांकि कलेक्टर ने दोनों युवकों को समझाइश दी। तब जाकर दोनों ने हड़ताल खत्म किया।
पिछोर तहसील के गरेठा गांव के रहने वाले मुकेश कलावत पुत्र राम सेवक कलावत ने बताया कि उन्होंने 3 रजिस्ट्री के आवेदन तहसील में नामांतरण के लिए लगाए थे। उस दौरान नामांतरण के नाम पर तहसीलदार के बाबू ने रजिस्ट्री का आदेश कराने के नाम पर 4 हजार की रिश्वत ली थी। करीब 5 माह गुजर जाने के बाद भी रजिस्ट्री का आवेदन दर्ज नहीं किया गया। न ही तहसीलदार ने आज तक कोई नामांतरण की कार्रवाई की।
इतना ही नहीं तहसीलदार के बाबू ने नकली प्रकरण बनाकर दे दिया गया। जिसकी पड़ताल की गई उक्त प्रकरण फर्जी पाया गया। इसके बाद जमीन के नामांतरण की बात पटवारी से की थी। पटवारी ने भी 7 हजार की रिश्वत की मांग की थी।
पटवारी को भी मौके पर ही 7 हजार रिश्वत के दे दिए गए थे। इसके बावजूद आज तक तहसीलदार व मोजा पटवारी की ओर से कोई नामांतरण नहीं किया गया था। इसी से परेशान होकर वह भूख हड़ताल पर बैठने कलेक्ट्रेट परिसर में आए थे। जिससे उन्हें न्याय मिल सके।