SHIVPURI NEWS - नंद से परेशान थी भाभी घर छोड दिया, पति ड्राइवर था उसका त्याग कर दिया: हुई सुलह

Bhopal Samachar
3 minute read
शिवपुरी। शिवपुरी मुख्यालय पर पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित परिवार परामर्श केंद्र के शिविर में सुनवाई योग्य 10 प्रकरणों में से 7 में राजीनामा कराने में सफलता मिली है। वहीं समझौता न हो पाने वाले 3 मामले महिला प्रकोष्ठ को वापस कर दिए गए। गौरतलब है कि 2 मामलों में एक पक्ष उपस्थित ही नहीं हुआ।

पुलिस कप्तान रघुवंश सिंह भदौरिया की पहल और निर्देशन में चलाए जा रहे परिवार परामर्श के शिविरों में आपसी समझौता कराकर परिवारों को टूटने से बचाने का काम जिला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र ने किया। इसी कड़ी में आयोजित इस माह के शिविर में 7 मामलों में समझौते हुए।

पत्नी छोड़ अन्य महिलाओं से थे पति के संबंध

शिविर में सुलह के लिए पहुंचे एक मामले में पिछोर के रहने वाला एक युगल दंपति पिछले डेढ़ साल से अलग रह रहा थे। पत्नी का आरोप था कि उसके पति के शादी के बाद भी अन्य महिलाओं से संबंध थे। उसका पति उन्हीं महिलाओं के फेर में घर लापता रहता था। यहीं वजह रही कि दोनों अपने दामपत्य जीवन को छोड़ एक दूसरे से अलग रहने लगे थे।

दोनों के पक्ष को समझ परामर्शदाताओं की समझाइश के बाद पति-पत्नी के मन से सारे दुराग्रह निकाले और दोनों के समझौता हो गया। आखिरकार पत्नी शिविर से ही अपने पति के साथ खुशी-खुशी ससुराल को रवाना हो गई। बता दें इस मौके पर दोनों के चिंतित पिता भी मौजूद थे। सुलह का रास्ता निकलता देख उनके चेहरे पर भी खुशी देखी गई।

नंद और पॉकेट मनी से परेशान महिला ने छोड़ दिया था ससुराल

शिवपुरी के रहने वाले शंकर की शादी 10 वर्ष पूर्व रुठियाई की रहने वाली शांति के साथ हुआ था। दोनों के बच्चा भी था। शांति अपनी ससुराल में नंद से परेशान थी इसके साथ ही उसका पति उसे खर्चे के लिए पॉकेट मनी भी नहीं देता था। इन्हीं वजह से शांति पिछले दो साल से अपने

ससुराल को छोड़कर अपने मायके में रह रही थी। इस मामले में परामर्शदाताओं की समझाइश के बाद पति-पत्नी एक होने पर सहमत हो गए और पत्नी कंट्रोल रूम से ही राजी-खुशी पति के घर 2 साल बाद चली गई‌। इस अवसर पर लड़की के पिता और लड़के के परिजन भी उपस्थित थे।

ड्राइवर पति की नौकरी से परेशान थी पत्नी

शिविर में सबसे मजेदार प्रकरण पहुंचा जहां पति-पत्नी रश्मि-रवि के बीच विवाद सिर्फ पति की नौकरी को लेकर था। पति ड्राइवर था अक्सर वह अपने पेशे के चलते घर से बाहर रहता था। एक दिन रवि ड्राइवरी करने इंदौर गया जहां उसे लगभग 20 दिन गुजारने पड़े।

इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया था और दोनों अलग अलग रहने लगे। ख़ास बात थी कि दोनों की शादी को 14 साल गुजर चुके थे और दोनों के चार बच्चे भी थे। जब परामर्शदाताओं ने बच्चों के भविष्य के बारे में रश्मि-रवि से चर्चा की तब दोनों को एहसास हुआ और दोनों साथ रहने को राजी हुए।

कुल मिलाकर आयोजित इस शिविर के जरिये कइयों के घर उजड़ने से पहले ही बचा लिए गए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, महिला थाना शिखा तिवारी, एस आई कोठारी, कंट्रोल रूम प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह के साथ समीर गांधी, मथुरा प्रसाद एच एस चौहान, डॉ. इकबाल खान, राजेश गुप्ता, संतोष शिवहरे, राजेन्द्र राठौर, सुरेंद्र साहू, रवि गोयल, प्रीति जैन, सुषमा पांडे, रवजोत ओझा, बिंदु छिब्बर, किरण ठाकुर ,पुष्पा खरे ,श्वेता गंगवाल ,आनंदिता गांधी सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था।