शेखर यादव @ शिवपुरी। आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय जनता पार्टी ने शिवपुर-गुना लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सिंधिया ने अपनी चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दी है,और भाजपा अपना चुनावी कार्यालय खोलने की तैयारी भी कर रही है लेकिन आज सिंधिया के नाम घोषणा के 12 दिन बाद भी कांग्रेस अपने प्रत्याशी की खोज कर रही है। कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों के नाम हवा में उड रहे है लेकिन ने किसी भी नाम पर फिलहाल ठप्पा नहीं लगाया है।
शिवपुरी विधानसभा की टिकट की दौड़ के दौरान ऐसा माना जा रहा था की कांग्रेस से वीरेन्द्र रघुवंशी को टिकट मिलेगा लेकिन केपी सिंह ने बिना दौड़ के ही टिकट के पास पहुंच गए,ऐसा माना जा रहा था कि विधायक नहीं तो वीरेन्द्र रघुवंशी लोकसभा का चुनाव लड सकते है लेकिन इन कयासों पर वीरेन्द्र रघुवंशी ने ही विराम लगा दिया,मीडिया को दिए गए बयान में वीरेन्द्र रघुवंशी ने अपने बेटे की शादी का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया।
शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से दूसरा नाम हरिवल्लभ शुक्ला के रूप में सामने आया, उनका दावा था कि अब तक जितने भी लोकसभा चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लड़े हैं, उसमें उनके साथ हुए मुकाबले में जीत का अंतर उन्होंने 85000 पर ला दिया। यही वजह है कि पूरे गुना- शिवपुरी लोकसभा सीट पर ब्राह्मण समाज और अन्य जातियों में अपने नेटवर्क मजबूत होने की बात कर रहे हैं। लेकिन उनका नाम सिर्फ चर्चाओं में है टिकट मिलेगा यहा नहीं यह भविष्य की गर्त में है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस की राजनीति सिर्फ दिग्विजय सिंह के इशारे पर चल रही है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के जब टिकट घोषित हुए तो उनमें जितने भी प्रत्याशी घोषित हुए उनमें दिग्विजय सिंह का ही ठप्पा लगा। शिवपुरी-गुना क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने उनके और उनके बेटे जयवर्धन सिंह का नाम लेना शुरू कर दिया। जिस पर शिवपुरी में दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि जयवर्धन सिंह विधायक हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने की क्या जरूरत है। जब उनसे पूछा कि क्या वह खुद उम्मीदवार नहीं हो सकते। इस पर पहले तो उन्होंने चुप्पी साधी, फिर बोले इस पर निर्णय लेने का अधिकार कांग्रेस संगठन का है।
संगठन में पिछले तीन दिनों से गुना-शिवपुरी लोकसभा के लिए अरुण यादव का नाम भी तेजी से चल रहा है। क्योंकि गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर 2 लाख से अधिक यादव वोटर की मौजूदगी है। इस वजह से माना जा रहा है कि अरुण यादव यहां से मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने गुना से उम्मीदवार बनाए जाने पर सहमति भी जाहिर कर दी है।
वही ऐसा माना जा रहा है कि शिवपुरी-गुना लोकसभा सीट से अशोकनगर जिले से यादव समाज से किसी नेता को टिकट मिल सकता है,सिंधिया के बाद इस सीट से अशोकनगर का गणित सफल रहा है इस कारण दिवंगत नेता राव देशराज सिंह यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव चुनाव लड सकते है। यादवेंद्र सिंह यादव ने भाजपा से नाराज होकर विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था।
इसलिए भी है प्रबल संभावना
भाजपा के कद्दावर नेता एवं 3 बार विधायक रहे स्व. देशराज सिंह यादव के बड़े बेटे ने 23 मार्च 2023 को भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। भाजपा के कद्दावर दिवंगत नेता राव देशराज सिंह यादव मुंगावली से 3 बार विधायक रह चुके है। सिंधिया परिवार हमेशा से ही गुना सीट से चुनाव लड़ता आ रहा है। माधवराव सिंधिया का आखिरी व ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहले चुनाव के प्रतिद्वंदी स्व. देशराज सिंह यादव रहे थे। सिंधिया परिवार दोनों चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, जबकि देशराज सिंह बीजेपी के टिकट पर लोकसभा लड़े थे,लेकिन यहां समीकरण बदले है अब सिंधिया भाजपा से चुनाव लड़ेंगे और यादवेंद्र सिंह यादव कांग्रेस से चुनाव लड सकते है। यहां अगर जातिगत आंकड़े की बात करे तो शिवपुरी गुना लोकसभा सीट पर ढाई लाख यादव मतदाता है,इसलिए संभावना जताई जा रही है कि यह चुनाव यादव और सिंधिया के बीच ही होगा।