शिवपुरी। शिवपुरी के बैराड़ कस्बे के कालामढ की काव्या धाकड़ का काला सच बहार आ गया, काव्या ने ही अपने अपहरण की रचना रची और अपने पापा रघुवीर धाकड से 30 लाख रुपए ऐंठने के लिए अपने की अहपरण की कहानी रचते हुए रघुवीर धाकड़ को अपहरण के फोटो शूट करते हुए मैसेज कर दिए। राजस्थान और मप्र की पुलिस ने इस अपहरण काण्ड के पूरी पोल खोल दी। इस पूरे कांड में 2 पहलू सामने निकल कर आए थे कि पापा की परी कोटा नही इंदौर में सागर के हर्षित के साथ लिवइन में रह रही थी। पापा अभी भी अपनी परी के इस सच को स्वीकार नहीं कर रहे है और एसी कोटा पर ही आरोप लगा रहे है।
कम शब्दों में समझे इस कहानी का
बैराड़ में लॉर्ड लखेश्वरी स्कूल के संचालक रघुवीर धाकड़ ने अपनी पत्नी के साथ 3 अगस्त 2023 को कोटा नीट की तैयारी करने को भेजा था। 18 मार्च को काव्या के हाथ पैर बंधे और मुंह से खून निकलने जैसे फोटो रघुवीर धाकड़ के फोन पर आए थे,मैसेज में काव्या के अपहरण होने की बात कहकर 30 लाख रुपए मांगें। पिता ने शिवपुरी पुलिस से संपर्क किया और शिवपुरी पुलिस ने कोटा पुलिस से इस मामले से अवगत कराया।
कोटा पुलिस के विज्ञान नगर थाने ने इस अपहरण कांड की जांच शुरू हुई तो शुरुआती जांच में यह तथ्य सामने आए कि परिवार जिस कोचिंग में काव्या का एडमिशन बता रहे थे और जिस हॉस्टिल में काव्या का रहना बता रहे थे वह काव्या का एडमिशन नहीं निकला और जिस हॉस्टल के संचालक ने भी मना कर दिया कि काव्या धाकड़ नाम की कोई लड़की यहां नहीं रहती।
राजस्थान के कोटा शहर एसपी ने बीते रोज खुलासा कर दिया कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ है,उसने ही अपने अपहरण की झूठी कहानी रची है,वह विदेश जाना चाहती थी इसलिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी। उसने और उसके दोस्तों ने मिलकर इस कहानी रचना की है।
काव्या कोटा में रहकर इंदौर अपने सागर वाले दोस्त हर्षित के साथ लिवइन में रह रही थी, काव्या ने जो फोटो भेजे थे वह इंदौर में उसके दोस्त की किचन में शूट किए थे, काव्या 16 मार्च को इंदौर से चली और 17 मार्च को जयपुर पहंची और 18 मार्च को यह फोटो पिता को भेजे उसके बाद वह वापस इंदौर पहुंची। इंदौर में जिन लड़कों से उसकी पहचान हुई, उनके नाम हर्षित और गजेंद्र हैं। ये सागर के रहने वाले हैं। इनसे नजदीकियों और विवाद का पता चलने पर पिता उसने वापस शिवपुरी ले गए थे। छात्रा की पढ़ाई की जिद पर परिवार उसे इंदौर के बजाय कोटा ले गया। वहां वह नीट की तैयारी करने का कहकर गई।
कोटा पुलिस की माने तो वह अगस्त 2023 में अपनी मां के साथ कोटा आई। यहां वह सिर्फ तीन दिन रही। किस कोचिंग में एडमिशन लिया, इसका कोई स्पष्ट खुलासा नहीं है। बताया गया कि मां के शिवपुरी लौटते ही छात्रा इंदौर अपने दोस्त के पास चली गई। जब भी घर से फोन आते तो वह माता-पिता को कहती रही कि वह कोटा में पढ़ रही है।
यह लिखा रघुवीर धाकड़ ने
आदरणीय बेटी तो मिली नहीं एक तरफ फिरौती मांगने वाला गर्दन काटने की कह रहा है। आप कह रहे है पढ़ाई के लिए पैसे मांगने की बात कर रहे है। बेटी आने पर क्या बयान देगी तभी तो पता चलेगा। आप किडनैपर के दोस्त की बात मान रहे है। एसपी साहब भी किडनैपर के दोस्त या भाई की बयानबाजी पर बोल रहे है। में अभी कोटा में बैठा हुआ हूं। किडनैपर एवं बेटी अभी तक पुलिस के हाथ नही लगे है।