शिवपुरी। शिवपुरी का अग्रणी कॉलेज श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय अब प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज होगा। नए शैक्षणिक सत्र में इस कॉलेज को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कालेज के नाम से ही जाना जाएगा। इसके अलावा इस महाविद्यालय को एक्सीलेंस बनाने के लिए इसमें न सिर्फ शैक्षणिक व कार्यालयीन स्टाफ में वृद्धि की जाएगी बल्कि अधोसंरचना का भी विकास किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहली कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के 53 महाविद्यालय को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज के रूप में विस्तारित करने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में शिवपुरी का अग्रणी महाविद्यालय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय को भी इन कालेज में शामिल किया गया।
कालेज में अधोसंरचनात्मक विकास के लिए सरकार द्वारा पहली किस्त के रूप में साढ़े चार करोड़ की राशि कॉलेज के विस्तार के लिए स्वीकृत कर दी है, जिससे कॉलेज में आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी। प्राध्यापकों की कमी पूरी करने के लिए 31 नए पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 24 पद सहायक प्राध्यापकों के हैं, जबकि सात पद कार्यालयीन स्टाफ के हैं।
ला की डिग्री रहेगी जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंध
बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र 2024- 25 के लिए ला कॉलेज को जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल चुकी है। ऐसे में इस शैक्षणिक सत्र में तो शिवपुरी ला कॉलेजों को संबद्धता जीवाजी विश्वविद्यालय से ही रहेगी। इसके अलावा आगे के शैक्षणिक सत्रों के संबंध में शासन द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। ला डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो दिग्विजय सिंह सिकरवार का कहना है कि लॉ कॉलेज किस विश्वविद्यालय से संबंध रहेगा, इसका निर्णय इस पर निर्भर करता है कि अमर शहीद तात्या टोपे विश्वविद्यालय द्वारा ला की डिग्री कराई जाती है या फिर नहीं।
यह नए कोर्स भी शुरू हो सकते है
प्रदेश स्तर से सहायक प्राध्यापकों के जो नए पद स्वीकृत किए गए हैं उन पदों में चार पद बायो टेक्नोलॉजी विषय के सहायक प्राध्यापक शामिल हैं तो पांच पद कंप्यूटर साइंस विषय के सहायक प्राध्यापक शामिल हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आने वाले शैक्षणिक सत्रों में यहां जल्द ही छात्र-छात्राओं को बीएससी बायो टेक्नोलाजी में करने की सुविधा प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा कम्प्यूटर साइंस से संबंधित कोर्स भी यहां प्रारंभ किए जा सकते हैं। इसके अलावा अन्य विषयों के प्राध्यापकों की कमी को भी पूरा करने का पूरा प्रयास इन पदों की स्वीकृति के क्रम में किया गया है।
अमर शहीद तात्या टोपे विश्वविद्यालय से होगा संबंद्ध
इसके अलावा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नया परिवर्तन यह होगा कि अब तक शिवपुरी जिले के जितने भी शासकीय और अशासकीय महाविद्यालय जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंद्ध थे, वह सारे कालेज अब शैक्षणिक सत्र 2024-25 से गुना में अस्तित्व में आए नए अमर शहीद तात्या टोपे विश्वविद्यालय से संबंद्ध होंगे।
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक स्तर पर गुना के महाविद्यालय को अपग्रेड कर विश्व विद्यालय इसलिए बनाया गया है क्योंकि भौगोलिक रूप से गुना और अशोकनगर जिले के महाविद्यालयों को अगर विश्वविद्यालय से संबंधित कोई काम होता था तो उसकी दूरी इन जिलों से काफी अधिक थी।
यही कारण रहा कि गुना में विश्वविद्यालय स्थापित कर इसमें गुना, अशोकनगर वा शिवपुरी जिले के कॉलेजों को शामिल कर दिया गया है। वहीं अब ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से ग्वालियर के अलावा भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर जिले को शामिल किया गया है।