शिवपुरी। खबर शिवपुरी के फिजिकल थाना सीमा में स्थित पीएचई कार्यालय में पदस्थ प्यून के पैर में 315 बोर की बंदूक से गोली लगी है। घायल प्यून को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया उसके बाद उसे ग्वालियर रेफर कर दिया बताया जा रहा है कि फायर इतने पास से हुआ था कि प्यून के पैर को चीरते हुए गोली गेट की चौखट में जा घुसी,इस घटना के बाद चाचा—भतीजे ने फिजिकल चौकी यह हथियार सहित सरेंडर कर दिया।
जानकारी के अनुसार फिजिकल क्षेत्र में कोठी नंबर 7 के पास स्थित पीएचई कार्यालय में चंद्रभान राजपूत आवक जावक शाखा में बाबू के रूप में कार्य करता है। चंद्रभान के भतीजे भूपेन्द्र सिंह राजपूत ने कुछ ही दिन पूर्व 315 बोर की राइफल खरीदी थी जिसको वह चढवाने के लिए फिजिकल थाने जा रहा था लेकिन बीच में वह अपने चाचा चंद्रभान की ऑफिस में रुक गया।
बताया जा रहा है चाचा चंद्रभान ने उससे कहा कि मंदिर पर चलो राइफल की पूजा करते है,पीएचई ऑफिस के पास ही शिव मंदिर है जहां चाचा भतीजे ने जाकर राइफल की पूजा की,लेकिन पूजा करने के बाद यह लाइसेंसी बंदूक चंद्रभान के हाथ में थी और उसने उसकी सफाई करने की कोशिश की तो अचानक से उसका ट्रिगर दब गया और जिससे बंदूक से फायर हो गया और गोली पीएचई कार्यालय में पदस्थ प्यून आशीष सोलकिया के पैर में जा लगी।
फायर इतने पास से था कि आशीष के पैर एडी और टिकने के बीच से निकलते हुए लोहे के गेट की चौखट में धंसी। घायल आशीष सोलकिया को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे उचित इलाज की सलाह देते हुए ग्वालियर रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि बंदूक की गोली ने आशीष के पैर की हड्डी को तोड दिया है वही आशीष ने माना है कि यह गोली धोखे से चली है। इस घटना के बाद चाचा चंद्रभान और भतीजे भूपेन्द्र सिंह ने सरेंडर कर दिया।
जानकारी के अनुसार फिजिकल क्षेत्र में कोठी नंबर 7 के पास स्थित पीएचई कार्यालय में चंद्रभान राजपूत आवक जावक शाखा में बाबू के रूप में कार्य करता है। चंद्रभान के भतीजे भूपेन्द्र सिंह राजपूत ने कुछ ही दिन पूर्व 315 बोर की राइफल खरीदी थी जिसको वह चढवाने के लिए फिजिकल थाने जा रहा था लेकिन बीच में वह अपने चाचा चंद्रभान की ऑफिस में रुक गया।
बताया जा रहा है चाचा चंद्रभान ने उससे कहा कि मंदिर पर चलो राइफल की पूजा करते है,पीएचई ऑफिस के पास ही शिव मंदिर है जहां चाचा भतीजे ने जाकर राइफल की पूजा की,लेकिन पूजा करने के बाद यह लाइसेंसी बंदूक चंद्रभान के हाथ में थी और उसने उसकी सफाई करने की कोशिश की तो अचानक से उसका ट्रिगर दब गया और जिससे बंदूक से फायर हो गया और गोली पीएचई कार्यालय में पदस्थ प्यून आशीष सोलकिया के पैर में जा लगी।
फायर इतने पास से था कि आशीष के पैर एडी और टिकने के बीच से निकलते हुए लोहे के गेट की चौखट में धंसी। घायल आशीष सोलकिया को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे उचित इलाज की सलाह देते हुए ग्वालियर रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि बंदूक की गोली ने आशीष के पैर की हड्डी को तोड दिया है वही आशीष ने माना है कि यह गोली धोखे से चली है। इस घटना के बाद चाचा चंद्रभान और भतीजे भूपेन्द्र सिंह ने सरेंडर कर दिया।