शिवपुरी । पोहरी विकासखंड में एकीकृत मावि गाजीगढ़ परीक्षा केंद्र पर केंद्र अध्यक्ष के रूप में तैनात शिक्षक ने पोहरी बीईओ पर पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए डीपीसी, डीईओ और कलेक्ट्रेट में शिकायत दर्ज कराई है। शिक्षक का आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर बीईओ ने परीक्षा को प्रभावित किया।
एकीकृत मावि गाजीगढ़ के केंद्राध्यक्ष प्रहलाद जाटव का आरोप है कि पोहरी बीईओ अवधेश सिंह तोमर ने 14 मार्च को होने वाले पेपर से पहले सहायक केंद्राध्यक्ष होतम सिंह लखन को फोन किया और पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग करते हुए उक्त राशि घर पहुंचाने की बात कही। इसके साथ ही धमकी दी कि अगर यह राशि घर पर नहीं पहुंची तो वह केंद्र पर पहुंचकर परीक्षा के दौरान वहीं बैठे रहेंगे।
शिक्षक प्रहलाद जाटव के अनुसार जब यह राशि उन्हें नहीं भेजी गई तो वह 14 मार्च को सुबह 9 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे समय परीक्षा केंद्र पर मौजूद रह कर बार-बार बच्चों की सर्चिंग की और पर्यवेक्षकों को डराया धमकाया।
इस तरह उन्होंने बार-बार सचिंग कर बच्चों का समय बर्बाद किया। प्रहलाद जाटव का आरोप है कि बीईओ की धमकी से डरकर तीन-चार परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र से भाग गए और परीक्षाओं से वंचित हो गए। शिक्षक द्वारा मामले की शिकायत डीपीसी, डीईओ तथा कलेक्टर को दर्ज करवाई है।
वहीं इस पूरे मामले में जब पोहरी बीईओ अवधेश सिंह तोमर से बात की गई तो उनका कहना था कि मैं 14 मार्च को परीक्षा के निरीक्षण पर निकला था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे जब गाजीगढ़ परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो निरीक्षण के दौरान पाया कि सभी प्रश्न पत्रों पर पहले से ही ओटी के निशान लगे हुए था तथा खाली स्थान भरे हुए थे। इस पर मैंने जब केंद्राध्यक्ष को इस संबंध में जवाब तलब करते हुए अपनी
निरीक्षण प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख किया तो केंद्राध्यक्ष ने अपने बचाव में यह पूरा मनगढ़ंत कहानी रच कर शिकायत दर्ज कराई है। बीईओ के अनुसार उन्होंने अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में भी इस बात का उल्लेख किया है कि प्रश्न पत्र में पहले से ओटी और खाली स्थान भरे हुए थे। बीईओ का कहना है कि मैंने उसी समय उन प्रश्न पत्रों के फोटो भी खींचे थे जिनमें ओटी पर निशान और खाली स्थान भरे हुए थे।
बकौल बीईओ अवधेश सिंह तोमर, स्कूल में बच्चों को सामूहिक रूप से नकल करवा कर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा था और जब इसका विरोध किया तो केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष ने मिलकर यह मनगढ़ंत कहानी रची है। बीईओ का दावा है कि अगर उन्होंने रिश्वत मांगी है तो इसका साक्ष्य उपलब्ध करवाएं।
यहां बताना होगा कि बोर्ड पैटर्न पर आयोजित होने वाली पांचवी और आठवीं की परीक्षाओं में सामूहिक नकल का मामला शिवपुरी विकासखंड के शासकीय विद्यालय मोहनगढ़ में भी सामने आया था। इस मामले का स्कूल में पदस्थ एक अतिथि शिक्षक ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रचारित कर दिया था। इस वीडियो में छह सरकारी शिक्षक नकल की पर्चियां बनाते हुए दिखाई दे रहे थे। डीईओ राठौड़ ने इस मामले में सभी छह शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इस मामले में जो साक्ष्य उपलब्ध हुए हैं, उससे यह मामला भी परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल का ही प्रतीत हो रहा है।