पोहरी। पोहरी अनुविभाग की बैराड़ तहसील के खैरारा बनवारीपुरा गांव की 600 बीघा सरकारी जमीन हाईकोर्ट आदेश के दो साल बाद भी कब्जामुक्त नहीं हो पाई है। आदेश का पालन नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने गुरुवार को हाईकोर्ट ग्वालियर में अवमानना याचिका दायर कर दी है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ग्वालियर के 19 जनवरी 2022 के फैसले में खैरारा बनवारीपुरा की 600 बीघा सरकारी जमीन कब्जामुक्त कराने के निर्देश राजस्व विभाग को दिए थे। लेकिन जमीन पर मौजूदा समय में अवैध खेती हो रही है। बैराड़ तहसील के नायब तहसीलदार बृजेश शर्मा ने पिछली साल जमीनें कब्जामुक्त कराना का दावा किया। लेकिन फिर से कब्जे होने की बात कही। लेकिन जनवरी की लिखित शिकायत के बाद भी जमीन कब्जा मुक्त कराने पर ध्यान नहीं दिया। नोटिस देकर सोमवार को संबंधित कब्जाधारियों को तलब किया।
नायब तहसीलदार ने अगली पेशी 4 मार्च 2024 को लगाई है। इस अंतराल का फायदा कब्जाधारी सरसों आदि फसल काटकर सीधे तौर पर उठा रहे हैं। मामले में याचिकाकर्ता चिरौंजी जाटव ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका दाखिल कर सुनवाई शुरू कर दी है। बता दें कि चरनोई की जमीन पर अवैध खेती होने से गांव का गोवंश भटक रहा है। यह गोवंश दूसरे किसानों के खेतों की फसल उजाड़ देता है। राजस्व विभाग ने कब्जे नहीं हटाए तो हताश हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राजस्व अफसर जमीन मुक्त कराने में रुचि नहीं दिखा रहे।