शिवपुरी। विवादों का दूसरा नाम शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में एक पखवाड़े में स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने वाली खबर आ गई कि कोलारस विधानसभा की रहने वाली एक 22 साल की विवाहिता की मौत जब हो गई जब उसकी डिलीवरी की जा रही थी। बताया जा रहा है कि डिलीवरी के समय अत्यधिक ब्लीडिंग होने लगी,डॉक्टरों ने उसकी बच्चेदानी निकाल दी,लेकिन विवाहिता की जान नही बच सकी।
डिलीवरी के दौरान ऐसा क्या हुआ कि जच्चा की जान चली गई, इसे लेकर परिजनों को कुछ भी नहीं बताया। हंगामा होने से पहले परिजनों को चुपचाप शव देकर गांव भेज दिया। जिससे दो दिन बाद जच्चा की मौत का मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक जच्चा प्रतीक्षा परिहार उम्र 22 साल पत्नी मोनू परिहार निवासी पचावला की गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे जीएमसी हॉस्पिटल में मौत हो गई है। पति मोनू परिहार का कहना है कि बुधवार की तड़के 3 बजे लुकवासा अस्पताल पहुंचे तो जिला अस्पताल शिवपुरी रेफर कर दिया। जिला अस्पताल सुबह 5 बजे पहुंचे तो यहां डॉक्टर व नर्सें चिल्लाने करने लगीं और जीएमसी हॉस्पिटल रेफर कर दिया। जीएमसी में एडमिट कर लिया और मुताबिक डिलीवरी की बात कहकर दर्द का इंजेक्शन लगा दिया। नॉर्मल डिलीवरी से प्रतीक्षा ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
अचानक डॉक्टर मैडम आकर बोलीं कि ब्लड निकल रहा है, बच्चा दानी निकालनी पड़ेगी। डॉक्टर ने ऑपरेशन से पहले कागज पर शाइन करवा लिए और बाद में शव सौंप दिया। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान क्या गलत हुआ, हमें कुछ नहीं बताया पत्नी की मौत को लेकर दु:खी मोनू का कहना है कि डिलीवरी के वक्त क्या गलत हुआ, हमें कु भी नहीं बताया। जब पत्नी की मौत की खबर लगी तो पूरी तरह टूट गया। विरोध करने तक की क्षमता नहीं बची थी। पिता से शाइन करवाकर हमें शव सौंप दिया और हम गांव आ गए।