शिवपुरी। गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से अंत:नेशनल कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी राव देशराज सिंह यादव के रूप में घोषित कर दिया है। शिवपुरी समाचार ने 19 मार्च को गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी राव यादवेन्द्र सिंह यादव होंगे ? शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। कांग्रेस ने इस खबर पर मुहर लगा दी। 22 साल बाद फिर सिंधिया और राव परिवार के बीच मुकाबला होगा। रणक्षेत्र भी गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट है अंतर सिर्फ इतना है कि राव परिवार अब कांग्रेस के झंडे के साथ में है और सिंधिया परिवार भाजपा के झंडे के नीचे है। इससे पूर्व इस परिवार के चुनावी मुकाबले में 2 बार आपसी टक्कर हुई है और दोनो बार राव परिवार का पराजय का सामना करना पडा है,जब सिंधिया परिवार कांग्रेस के साथ था और राव परिवार भाजपा की ओर से।
कांग्रेस नेता यादवेन्द्र सिंह यादव मुंगावली के दिवंगत विधायक राव देशराज सिंह यादव के बेटे है। दिवंगत नेता देशराज सिंह यादव सिंधिया परिवार के विरोधी थे। गुना संसदीय क्षेत्र में भाजपा के कद्दावर नेता रहते हुए उन्होंने हमेशा सिंधिया परिवार का विरोध किया। भाजपा ने भी दो बार देशराज सिंह को चुनावी मैदान में उतारा।
पहली बार 1999 में माधवराव सिंधिया के सामने चुनाव लड़ाया। 3 साल बाद माधवराव सिंधिया के निधन के बाद साल 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी उपचुनाव में देशराज सिंह से ही मुकाबला करना पड़ा। हालांकि दोनों ही बार सिंधिया परिवार ने उन्हें हरा दिया।
22 साल बाद अब दूसरी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया का राव परिवार से मुकाबला होगा। इस बार उनके सामने स्वर्गीय देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह चुनावी मैदान में रहेंगे। यादवेन्द्र सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का साथ छोड कमलनाथ का हाथ लिया था और विधानसभा चुनाव लड़े थे। जिसमें यादवेन्द्र सिंह यादव चुनाव हार गए थे।
माधवराव ने 2 लाख से ज्योतिरादित्य ने 4 लाख मतों से हराया
मुंगावली से 3 बार विधायक रहे दिवंगत नेता राव देशराज सिंह को 1999 में पहली बार लोकसभा चुनाव में माधवराव सिंधिया ने हराया। सिंधिया को 443965 वोट मिले जबकि देशराज सिंह को 229537 वोट प्राप्त हुए। इस प्रकार माधवराव सिंधिया ने देशराज सिंह को 214428 वोट से पराजित किया। बाद में साल 2002 के उपचुनाव में कुल 7 लाख 21 हजार 222 मतदाताओं में से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 35 हजार 728 वोट प्राप्त किए जबकि प्रतिद्वंदी राव देशराज सिंह को सिर्फ 1 लाख 29 हजार 160 वोट मिले। यानी दूसरी बार राव देशराज सिंह की 4 लाख 6 हजार 568 वोटों से हार हुई।
जानिए यादवेन्द्र सिंह यादव के विषय में
राव यादवेन्द्र सिंह यादव अशोकनगर जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके है। भाजपा के कद्दावर नेता स्व:राव देशराज सिंह यादव के बेटे है। दिवंगत राव देशराज सिंह यादव मुंगावली से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 3 बार विधायक रहे चुके है। वही यादवेन्द्र सिंह यादव की मां अशोकनगर जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। यादवेंद्र सिंह यादव मप्र पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम अध्यक्ष अजय यादव उपाध्यक्ष (दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री) के भाई भी है। कुल मिलाकर यादवेन्द्र सिंह यादव एक राजनीतिक परिवार से हे
विधानसभा चुनाव हार गए थे यादव
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद यह परिवार भाजपा में उपेक्षित महसूस करने लगा था। इस कारण विधानसभा चुनावो से पूर्व 22 मार्च 2023 को राव यादवेन्द्र सिंह यादव ने भाजपा को त्याग करते हुए कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। भाजपा का त्याग करने पर कांग्रेस ने उपकृत करते हुए 2023 के विधानसभा चुनावो में राव को मूंगालवी से अपना प्रत्याशी बनाया था। भाजपा से ब्रजेन्द्र सिंह यादव चुनाव लड़े थे और इस कांटे भरे मुकाबले में राव यादवेन्द्र सिंह यादव 5 हजार वोटो से चुनाव हार गए थे।