शिवपुरी । क्या एक ही कॉलेज में दो-दो प्राचार्य हो सकते है, जबाब होगा नहीं, लेकिन शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग क्षेत्रांतर्गत शासकीय एस.एम.एस. महाविद्यालय में बीते करीब 8 माह से एक नहीं बल्कि दो-दो प्राचार्य अपना जिम्मा संभाल कर कॉलेज का संचालन कर रहे है, ऐसे में कॉलेज के यह छात्र-छात्राएं एक नहीं दो-दो प्राचार्यों के बीच पिस रहे है।
बताया जाता है कि यहां एक प्रभारी प्राचार्य एन.के.जैन है जो कि शिवपुरी निवासी होकर वर्तमान में कोलारस महाविद्यालय एसएमएस का वित्त संभाले हुए जबकि दूसरे प्राचार्य वाय.के.राय है जो स्वयं अपने आपको प्रभारी प्रशासन का प्राचार्य मानकर कॉलेज में अधिकारी के रूप में अपना रौब जमाए हुए नजर आते है।
यहां मूलभूत सुविधाओं से कॉलेज के छात्र-छात्राएं वंचित है जहां ना तो प्रकाश की व्यवस्था है और ना ही पीने के लिए पानी, इसके अलावा पूरे परिसर में ही गंदगी का माहौल निर्मित रहता है जहां नियमित साफ-सफाई ना होने से भी कॉलेज के हालात बदतर बने रहते है जिन्हें दूर करने के लिए प्रबंधन के द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जाता।
कारण जब पता चला तो बताया गया कि यहां मौजूदा प्रभारी प्राचार्य अपनी मनमानी बदस्तूर जारी बनाए हुए है जो लंबे समय से बिना किसी नियुक्ति पत्र के अपनी कुर्सी पर जमे हुए है। इस संबंध में जब उपस्थित मीडियाकर्मियों ने प्रभारी प्राचार्य का जिम्मा संभाले वाय.के.राय से प्रभारी दायित्व संबंधी पत्र मांगा तो वह उचित जबाब नहीं दे पाए।
ऐसे में इन हालातों में स्वयं भू बनकर ही राय साहब एसएमएस महाविद्यालय का संचालन अपनी मनमर्जी से कर रहे है। यहां तबादला नीति को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है जिसमें प्रभारी प्राचार्य वाय.के.राय स्वयं सन् 1995 के बाद से अब तक यहां पदस्थ बने हुए है। जबकि हरेक शासकीय अधिकारी का तीन वर्ष में स्थानांतरण नियमों के तहत होता है लेकिन इस नियमों को भी यहां धता बताया जा रहा है।
सेवानिवृत्त प्राचार्य के नाम की शिला पट्टिका पुतवाई
शासकीय एसएमएस महाविद्यालय कोलारस में स्थानीय लोगों और प्रशासन के सहयोग से कई जनहितैषी कार्यों को लेकर कॉलेज परिसर में ही व्यवस्था जुटाने वाले सेवानिवृत्त प्राचार्य आर.एस.ठाकुर के प्रयासों से योगदान देने वाले लोगों की शिला पट्टिका लगाई गई थी लेकिन आर.एस.ठाकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद यहां प्रभारी प्राचार्य संभाले वाय.के.राय के द्वारा इस शिला पट्टिका में से केवल आरएस ठाकुर के नाम को पुतवा दिया गया जबकि शेष नाम यथावत लिखे हुए है, ऐसे में इस तरह की द्वेषपूर्ण भावना भी कई तरह के सवालों को जन्म दे रही है जिसका जबाब कॉलेज प्रबंधन के पास नहीं है।
वहीं दूसरी ओर अभी कुछ समय पूर्व ही कोलारस विधायक महेन्द्र यादव भी कॉलेज परिसर में आए और हालातों को लेकर नाराजगी प्रकट भी की, साथ ही अपनी ओर से उन्होंने मौके पर ही सरस्वती प्रतिमा स्थल के निर्माण की बात कही, जिस पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है जबकि इसके पूर्व ही कई निर्माण कार्य पूर्व सेवानिवृत्त प्राचार्य आर.एस.ठाकुर के द्वारा कराए गए लेकिन उनके नाम का निर्माण कार्य व योगदान देने वाले लेागों की सूची में से मिटा दिया गया, इस तरह वर्तमान में कॉलेज प्रबंधन का इस तरह का कृत्य भी चर्चाओं में बना हुआ है।
फैक्लटी की उपस्थिति पर अवैध उगाही की जनचर्चा
सूत्र बताते है कि कोलारस महाविद्यालय में यूं तो होने को 35 लोगों का स्टाफ है जिसमें 20 फैकल्टी, 09 आउटसोर्स और शेष दो प्रभारी प्राचार्य, एक एकाउटेंट व अन्य कर्मचारी शामिल है। ऐसे में यहां मप्र के दूरस्थ जिलों से फैकल्टी के रूप में अपनी सेवाऐं देने के लिए 20 ऐसे शिक्षक तैनात है जो महाविद्यालय में यदि महीने भर में ही यदा-कदा नजर आ जाए तो बड़ी बात होगी, हालांकि सूत्रों ने बताया है कि ऐसे सभी फैकल्टी और आउसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं के बदले यहां काफी अवैध उगाही की जनचर्चा भी सुनाई देती है
जिसमें हाथों से हस्ताक्षर पंजी को ढककर प्रभारी प्राचार्य के द्वारा हस्ताक्षर कराए जाते है जिससे उनकी महीने भर में उपस्थिति और वसूली देानों का कार्य समान रूप से हो जाए। सूत्रों के अनुसार एसएमएस महाविद्यालय कोलारस में होने को करीब 650से अधिक छात्र-छात्राऐं विभिनन संकायों में अध्ययनरत है लेकिन इन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकगण ही मौके पर उपस्थित नहीं होते है और यहां केवल देखने-दिखाने को ही महाविद्यालय का संचालन बदस्तूर जारी है। एक-एक शिक्षक की उपस्थिति और अनुपस्थिति के एवज में की जाने वाली उगाही का सर्वाधि हिस्सा प्रभारी प्राचार्य के पास ही जमा होता है।
मीडिया के आकस्मिक कवरेज के बाद तीन को थमाया नोटिस, उपस्थिति का समय भी बदला
बीते रोज जब कुछ मीडियाकर्मी एसएमएस महाविद्यालस कोलारस में अनियमितताओं को लेकर कवरेज करने पहुंचे तो यहां मौके पर प्रभारी प्रचार्या वाय.के.राय. सहित अन्य कर्मचारी मिले लेकिन यहां मीडियाकर्मियों के जाने के अगले ही दिन प्रभारी प्राचार्य ने इस तरह की आकस्मिक गतिविधि के चलते ना केवल शिक्षकों की उपस्थिति जो कि समय पूर्व 4 बजे चले जाते थे उन्हें अब सायं 5 बजे तक महाविद्यालय में रूकने के निर्देश जारी किए गए बल्कि मीडियाकर्मियों की उपस्थिति के चलते यहां द्ववेषपूर्ण भावना से तीन कर्मचारियों को भी जबरन नोटिस थमाया गया है।
इनका कहना है-
कोलारस एसएमएस महाविद्यालय में मेरे प्रभारी प्राचार्य का दायित्व है जबकि प्रो.एनके जैन पर वित्त का प्रभार है, जब उन्हें आवश्यक होता है तब वह कॉलेज आ जाते है, आना-ना आना उनकी मर्जी, हम कॉलेज का शासन के नियमों के अनुरूप ही संचालन कर रहे है।
वाय.के.राय
प्रभारी प्रचार्या
एस.एस.महाविद्यालय कोलारस
इस संबंध में प्रभारी प्राचार्य एन.के.जैन से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल अनरीचेबल बताया गया और संपर्क नहीं हो सका।