शिवपुरी। मेडिकल ऑफिसर डॉ. अंजना जैन ने गीता पब्लिक स्कूल की छात्राओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। उनके साथ स्कूल की बायोलॉजी पीजीटी डॉ. श्वेता श्रीवास्तव, सोशल वर्कर व न्यूज रिपोर्टर आरती जैन, स्कूल एकेडमिक हेड हरविंदर कौर व अन्य स्कूल शिक्षिकाओं की भी उपस्थित रही।
डॉ. अंजना जैन ने बड़े ही सरल तरीके से छात्राओं को उनके स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए मेंस्ट्रूअल साइकिल व उससे संबंधित ध्यान रखने योग्य बातें, हाथों की साफ सफाई, घर में स्वच्छता, लड़कियों व महिलाओं में एनीमिया के कारण व समाधान, गलत खानपान की वजह से होने वाली परेशानियां, पेट से जुड़ी हुई समस्याएं, एडोलिसेंट एज में होने वाले हार्मोनल बदलाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छात्राओं को दी। साथ ही सरकारी अस्पतालों व आंगनवाड़ियों में महिलाओं हेतु सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
डॉ. श्वेता श्रीवास्तव ने छात्राओं को गुड टच बैड टच के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों को अपनी हर बात अपने माता-पिता के साथ शेयर करनी चाहिए। समाज सुधारक व न्यूज रिपोर्टर आरती जैन ने भी छात्राओं को समाज में बच्चियों के साथ होते गलत कार्यों की जानकारी देते हुए ऐसा ना हो इसके लिए उन्हें जागरूक किया।
स्कूल छात्राओं द्वारा स्वास्थ्य से जुड़े कई सारे प्रश्न जैसे कमजोरी महसूस होना, चिड़चिड़ाहट होना, गुस्सा आना खासकर के मेंस्ट्रुअल साइकिल के समय, हार्मोन फ्लक्चुएशन से होने वाले शरीर में बदलाव पूछे गए जिनका जवाब डॉक्टर अंजना जैन ने अपने रियल लाइफ एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए बखूबी दिया। इस कार्यक्रम में क्लास 6th से 12th तक की छात्राओं ने हिस्सा लिया।
छात्राओं को समझाते हुए डॉक्टर अंजना जैन ने कहा कि बच्चों को अपने पेरेंट्स से खुलकर बात करनी चाहिए। साथ ही पेरेंट्स के बारे में भी उनका कहना था कि उन्हें अपने बच्चों की बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए। यदि माता-पिता और बच्चों में कम्युनिकेशन गैप नहीं होगा तो कई सारी परेशानियों का हल आसानी से निकल जाएगा। इस कम्युनिकेशन गैप के कारण कई बार बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, सुसाइड कर लेते हैं।
इसके साथ उन्होंने अपने कई सारे गर्ल चाइल्ड केसेस के बारे में छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता के अभाव में किस तरह से छोटी बच्चियां कई बार गलत हाथों का शिकार हो जाती हैं और मर जाती हैं या मरवा दी जाती हैं। इसलिए माता-पिता व बच्चों में कम्युनिकेशन अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं का उत्साह बना रहा।