शिवपुरी। जिला न्यायालय न्यायाधीश सुनीता पचौरिया ने 5 साल पहले नमो नगर के डुप्लेक्स को प्रशासन द्वारा तोड़ने वाले मामले को गलत ठहराया और स्टे को जारी रहने के निर्देश दिए। दरअसल 24 दिसंबर 2019 को प्रेम नारायण सिंघल और हेमंत भार्गव के डुप्लेक्स को नमो नगर में हिटेची से जमींदोज कर दिया गया था। जिसमें प्रशासन का तर्क था कि डुप्लेक्स शासकीय भूमि पर बना हुआ है।
जबकि आवेदक ने दस्तावेज दिखाकर कहा था कि यह भूमि उन्होंने वर्तमान में पोहरी से विधायक कैलाश कुशवाहा से खरीदी थी और यह पूरी तरह से वैद्य है। जिसमें 248 का नोटिस तहसीलदार कार्यालय से नमो नगर की सर्वे नंबर 51 बटे एक की भूमि पर जारी हुआ।
जिसका जवाब देते हुए सारे दस्तावेज सिंघल परिवार के सदस्यों ने एडवोकेट एमडी गोयल के माध्यम से तहसील न्यायालय में लगाए, लेकिन फरियादी की माने तो तत्कालीन तहसीलदार भूपेंद्र कुशवाहा द्वारा सुनवाई के अगले दिन ही नमो नगर पहुंचकर प्रशासन की टीम के साथ डुप्लेक्स को जमींदोज कर दिया था।
जबकि आवेदक ने दस्तावेज दिखाकर कहा था कि यह भूमि उन्होंने वर्तमान में पोहरी से विधायक कैलाश कुशवाहा से खरीदी थी और यह पूरी तरह से वैद्य है। जिसमें 248 का नोटिस तहसीलदार कार्यालय से नमो नगर की सर्वे नंबर 51 बटे एक की भूमि पर जारी हुआ।
जिसका जवाब देते हुए सारे दस्तावेज सिंघल परिवार के सदस्यों ने एडवोकेट एमडी गोयल के माध्यम से तहसील न्यायालय में लगाए, लेकिन फरियादी की माने तो तत्कालीन तहसीलदार भूपेंद्र कुशवाहा द्वारा सुनवाई के अगले दिन ही नमो नगर पहुंचकर प्रशासन की टीम के साथ डुप्लेक्स को जमींदोज कर दिया था।