शिवपुरी। शिवपुरी यदि काली मिर्च में पपीते के बीजों को मिलाकर बेचा जा रहा है तो इसका प्रयोग आप घर बैठकर कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि आप थोड़ी सी जागरूकता रखें। घर में पपीते के बीजों को कांच के गिलास में डाल दें, यदि वह अच्छी तरह नीचे बैठ जाएं तो समझ जाइए इसमें मिलावट नहीं है,और यदि मिलावट है तो वह ऊपर तैरते नजर आएंगे। खाद्य पदार्थों में मिलावट की यह प्रक्रिया प्रदेश के चार जिलों से आए खाद्य अधिकारियों ने जिले के हर विभाग प्रमुख को कलेक्ट्रेट में करके दिखाई।
ताकि वह यह जान सके कि भले ही वह मैदान में जाकर दूसरे लोगों की दुकानों पर पहुंच कर खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच पड़ताल कर रहे हैंl कहीं ऐसा तो नहीं कि वह खुद मिलावटी पदार्थों को खा रहे हो। दरअसल सोमवार को टीएल बैठक होने के उपरांत कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने सभी जिलाधिकारी से कहा कि पूरे जिले में खाद्य पदार्थों की जांच इन दिनों की जा रही है।
ऐसे में अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किस खाद्य पदार्थ की जांच कैसे करें। इसके लिए आवश्यक है वह खाद्य पदार्थ जिनकी जांच आसानी से घर में की जा सकती है उनकी जानकारी हो, इसके लिए कम से कम रोजमर्रा उपयोग में आने वाली लाल मिर्च, काली मिर्च, नमक, दूध जो सभी के लिए आवश्यक है। उन्हें विशेष रूप से परखा जाए। यदि हम इस टेस्ट में सफल हो गए तो न केवल खुद मिलावटी खाद्य पदार्थ से बच सकेंगे, वरन घर के अन्य सदस्यों के साथ-साथ और लोगों को भी जागरूक कर सकेंगे।
इसलिए पहली बार टीएल बैठक में यह प्रयोग करके दिखाया गया। जिसमें अधिकारियों ने न केवल खाद्य अधिकारियों की टीम से सवाल जवाब किए वरन पूछे गए सवालों का चार जिलों के खाद्य अधिकारी द्वारा जवाब भी दिया गया। इन अधिकारियों में खंडवा के संजीव मिश्रा, रीवा के इंद्रजीत सिंह, सतना के शीतल सिंह और धार के शैलेश गुप्ता के साथ शिवपुरी के विष्णु दत्त शर्मा शामिल रहे।
1. लाल मिर्च पाउडर-आप घर में जो लाल मिर्च पिसी हुई खा रहे हैं, उसमें मिलावट है या नहीं इसकी जानकारी करने के लिए एक कांच के गिलास में पानी लें। उसमें एक चम्मच लाल मिर्च का पाउडर डाल दें। यदि वह पूरी तरह घुल कर नीचे बैठ जाए और रंग ना छोड़े तो समझ जाइए मिर्च पाउडर असली है। और यदि इसमें लाल रंग बरकरार है या पानी रंगीन आ रहा है तो मिलावट तय है।
2. आयोडीन नमक की पहचान- बाजार में आयोडीन के नाम से बिकने वाले नमक की पहचान करना भी बेहद आसान है। इसके लिए घर में सब्जी के रूप में उपयोग आने वाले आलू पर नमक को रगड़े और दो-तीन मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद इस पर दो बूंद नींबू के रस की डालें, यदि वायलेट कलर आता है तो यह आयोडीन का सूचक है। यदि दो-तीन मिनट बाद भी ऐसा नहीं होता तो तय मानिए नमक आयोडीन युक्त नहीं हैl
3. खाद्य अधिकारियों ने यह भी बताया कि दूध में पानी की मिलावट है या नहीं इसे भी आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके लिए किसी थाली या पात्र में हम 45 डिग्री का कोण बना लें और उसमें दूध की दो ड्राप छोड़ दें। यदि दूध तेज रफ्तार के साथ बिना निशान बनाए नीचे धड़क आता है तो तय मानिए दूध में पानी की मिलावट है।और यदि दूध अपना निशाना छोड़ते हुए धीरे-धीरे बर्तन के निचले तले पर पहुंचता है तो दूध में पानी की भी मिलावट नहीं है।
इनका कहना हैं
खाद्य पदार्थों की जांच इन दिनों विक्रेताओं की दुकान और गोदाम पहुंचकर की जा रही है। टीएल बैठक के उपरांत कलेक्टर ने अधिकारियों को भी इसका प्रशिक्षण देने को कहा। जिसके तहत हमने विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट कैसे पहचानी जा सकती है, यह बताया। इस दौरान अधिकारियों ने सवाल भी किया, जिनका जवाब हमने दिया।
- विष्णु दत्त शर्मा, खाद्य अधिकारी, शिवपुरी