शिवपुरी। राजेंद्र मेमोरियल स्कूल में स्पिक मेके द्वारा आयोजित किए गए शहनाई वादन कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने जाने माने शहनाई वादक संजीव शंकर और अश्विनी शंकर की शहनाई पर भजन सुने। बच्चों ने बताया कि शहनाई के विषय में हमें बहुत जानकारी मिली है।
बच्चों ने शहनाई वादक संजीव शंकर और अश्विनी शंकर से शहनाई के विषय में कई सवाल किए। आप कब से शहनाई बज रहे हैंए और घर में और कोई भी शहनाई बजाता था क्या ? शहनाई वादक ने बच्चों को बताया कि 350 सालों से शहनाई वादन हमारे परिवार का हिस्सा है।
पीढ़ियों से हमारे यहां यह बजती चली जा रही है। हमारे दादाजी पंडित अर्जुन लाल और हमारे पिता पंडित दयाशंकर जो बनारस घराने की पहचान है, उन्हें संगीत नाट्य अकादमी से सम्मानित किया जा चुका है। जब हमारी उम्र महज 5 साल की थी, तब हम खिलौनों से नहीं खेले, दादा और पिता ने शहनाई से अभ्यास कराया। हमें घुट्टी में शहनाई की धुन विरासत में मिली। यही वजह है कि इसमें हम इसमें महारत हासिल कर सके।
कार्यक्रम आयोजन के दौरान उन्होंने जब गांधी जी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम, राग वृंदावनी सारंग, राग भीम पलासी और वैष्णव जन ते तेने कहिए रे, धुनों के द्वारा शहनाई वादन किया तो मौजूदा विद्यार्थियों ने तालियां बजाकर उनका अभिनंदन किया।
प्रारंभ में कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और सरस्वती पूजन से की गई और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया, और वर्तमान समय में ग्वालियर शहर के महाविद्यालय में कार्यरत श्री विनय बिंदे जी जो की एक प्रसिद्ध तबला वादक है। इन सभी के द्वारा विद्यालय में शहनाई और तबला वादन की जुगलबंदी से सभी का मन मोह लिया और इस कार्यक्रम का सभी बच्चों ने भी लुफ्त उठाया जो की बहुत ही सराहनीय था।