शिवपुरी। शादी करने के लिए कागजों में विकलांग बने युवक को बीते रोज जब पोल खुल गई जब वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करना चाहता था। शनिवार को पटवारी भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज का परीक्षण कर रहे शिवपुरी एसडीएम अनूप श्रीवास्तव को युवक के दिव्यांग सर्टिफिकेट पर शक हुआ तो उन्होंने मौके पर ही मेडिकल टीम से दस्तावेज की जांच कराई तो पोल खुल गई।
पकडे गए युवक श्योपुर जिले का रहने वाला है और उसका नाम हंसराज मीणा बताया जा रहा है,शादी के लिए विकलांग बने युवक हंसराज मीणा के खिलाफ एसडीएम ने एसएलआर को एफआईआर के निर्देश दिए है। आरोपी ने कहा कि शादी नहीं हो रही थी, इसलिए दोस्त की सलाह पर 2.20 लाख रुपए देकर फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट मुरैना से बनवाया।
पटवारी भर्ती परीक्षा-2023 का परिणाम जून-2023 में घोषित किया गया था लेकिन विवाद होने पर इस परिणाम पर रोक लग गई थी। अब सरकार ने जांच के बाद उसी परिणाम को मान्यता दी तो चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज परीक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई।
शिवपुरी में शनिवार को कलेक्ट्रेट में दस्तावेज परीक्षण के दौरान जांच समिति के प्रमुख एसडीएम अनूप श्रीवास्तव के साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग के डीओ राजेंद्र जाटव और प्रोफेसर पवन श्रीवास्तव ने दस्तावेज जांचे। 31 आवेदकों में से 28 आवेदक दस्तावेज लेकर आए। इनमें हंसराज मीणा भी शामिल था।
आरोपी हंसराज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसके छोटे भाई की शादी हो गई और वह अब तक कुंवारा है। दोस्त की सलाह पर उसने यह दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाया ताकि नौकरी लग जाए और शादी हो जाए। इसके लिए 2.20 लाख रुपए मैंने दलाल को दिए। मुझे माफ कर दो, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी।
इनका कहना है
मुरैना से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए जाने की पुष्टि नहीं की गई। फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी हासिल करने वाले हंसराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश एसएलआर को दिए हैं।' -अनूप श्रीवास्तव, एसडीएम