शिवपुरी। करैरा के बहगवां गांव के जाटव समाज के 40 परिवारों ने हिन्दू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म का अपना लिया है इसकी वीडियो भी सोशल पर वायरल हुई है,वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला मीडिया सुर्खियों में आ गया। इस मामले में गौर किया जाए तो यह धर्मांतरण का मामला अवैध है और सोशल पर वायरल वीडियो को पर गौर करे तो यह मामला हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ भड़काने का मामला है।
यह घटना मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 का उल्लंघन
The Madhya Pradesh Freedom of Religion Act, 2021 के अनुसार - "प्रपीड़न" से अभिप्रेत है, किसी व्यक्ति को किसी माध्यम से जो कुछ भी हो जिसमें मनोवैज्ञानिक दबाव या शारीरिक क्षति कारित करने वाले भौतिक जल प्रयोग या उसकी धमकी द्वारा अपनी इच्छा के विरुद्ध कार्य करने हेतु बाध्य करना।"
ताजा घटनाक्रम में "मनोवैज्ञानिक दबाव" स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता है। अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का लाभ ले सकता है परंतु इससे पहले स्पष्ट होना चाहिए कि वह किसी भी प्रकार के लोभ लालच, दबाव धमकी अथवा किसी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया के अधीन तो नहीं है। इसलिए प्रावधान किया गया है कि 6 महीने पहले कलेक्टर महोदय के समक्ष आवेदन किया जाएगा और उसके बाद धार्मिक स्वतंत्रता का लाभ लिया जा सकता है। वर्तमान घटनाक्रम में अधिनियम का उल्लंघन किया गया है,कुल मिलाकर इस धर्मांतरण के लिए विधिवत अनुमति नहीं ली गई,पूरी प्रक्रिया अवैध है।
यह था घटनाक्रम संक्षेप में पढे
करैरा विधानसभा के बहगवां गांव में जाटव समाज के 40 परिवार ने सामूहिक रूप से 31 जनवरी को टेंट लगाकर मंगल पाठ का आयोजन कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और हिंदू धर्म का परित्याग करने की शपथ ली। बताया जा रहा है कि गांव में 25 साल बाद सामूहिक रूप से सभी समाजों की भागवत कथा का आयोजन किया था,इस कथा में सभी समाज से चंदा लिया था। कथा के अंतिम दिन भंडारे में पत्तल वितरण को लेकर विवाद हुआ।
जाटव समाज के लोगों का कहना था कि हमसे छुआछूत की गई थी हमसे पत्तत नहीं परोसने के काम से हटा दिया और झूठी पत्तल उठाने का काम दिया जा रहा था। इस कारण हमने यह कदम उठाया है। वही गांव के सरपंच पति गजेन्द्र यादव का कहना है कि ऐसा कुछ नही था,कोई छुआछूत नहीं की जा रही थी,इन लोगों ने भागवत के मंच पर एक दिन का भीम—पुराण कराने की बात कही थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
31 दिसंबर को 40 परिवारों को बौद्ध धर्म में कन्वर्ट कर दिया
31 दिसंबर के दिन गांव में टेंट लगाकर जाटव समाज के लोगों ने एक शपथ ली,मंच पर भीम आर्मी के करैरा के महेन्द्र बौद्ध सहित फूल सिंह राजोरिया,ईश्वर प्रसाद जौहरी उर्फ आईपी,जेपी राहुल,अरविंद नरवरिया,शांति दास फूले सहित 02 बौद्ध भिक्षु थे,उन्होंने गांव के लोगों को एकत्रित किया और शपथ दिलाई
बौद्ध धर्म गुरु ने ये शपथ दिलाई...
मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं राम और विष्णु को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति इत्यादि हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा।
मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है। मैं ये बात कभी नहीं मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार हैं। मैं ऐसे प्रचार को पागलपन और झूठा प्रचार समझता हूं।
मैं श्राद्ध कभी नहीं करूंगा और ना ही पिंडदान करूंगा। मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणों के हाथों नहीं कराऊंगा। मैं इस सिद्धांत को मानूंगा कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मैं समानता की स्थापना के लिए प्रयत्न करूंगा। मैं भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलने का प्रयास करूंगा।
मैं प्राणी मात्र पर दया करूंगा। उनका लालन-पालन करूंगा। मैं कभी चोरी नहीं करूंगा, झूठ नहीं बोलूंगा, झूठ का प्रचार नहीं करूंगा, शराब नहीं पियूंगा। मैं अपने जीवन को बौद्ध धर्म के तीन तत्वों ज्ञान, शील, करुणा के अनुसार ढालने का प्रयत्न करूंगा।
मैं मनुष्य की उत्कृष्टता के लिए हानिकारक, मनुष्य मात्र को नीच मानने वाले पुराने हिंदू धर्म को पूर्णत त्यागता हूं और बौद्ध धर्म को अपनाता हूं। मैं पूर्ण विश्वास करता हूं कि बौद्ध धर्म ही सर्वधर्म है। मैं यह मानता हूं कि मेरा नया जन्म हो रहा है। मैं यह प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं आज से बौद्ध धर्म के अनुसार आचरण करूंगा।
यह पूरी की पूरी शपथ भी दिलाई गई है उसमें हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ भडकाने जैसी भाषा का प्रयोग किया है।
प्रशासन को आवेदन देंगे और मामले दर्ज करने की मांग करेंगे
इस मामले पर विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री विनोद पुरी गोस्वामी ने कहा कि इस मामले की जानकारी हमें मीडिया से मिली है, इस समय हमारी रन्नौद में बैठक चल रही है इस बैठक के बाद हम सभी जा रहे है,हमारे जाटव परिवार के लोगों से हम बात करेंगे किसने आपको भड़काया है,और क्या मामला है। जो हमारे हिन्दू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़का रहे है उन लोगों पर मामला दर्ज किया जाए,हम आगे प्रशासन को इस मामले में एक ज्ञापन भी सौंपने का विचार करेगें।
वही इस मामले में करैरा एसडीएम अजय शर्मा को संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र चौधरी की भी इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो सकता है।
यह घटना मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 का उल्लंघन
The Madhya Pradesh Freedom of Religion Act, 2021 के अनुसार - "प्रपीड़न" से अभिप्रेत है, किसी व्यक्ति को किसी माध्यम से जो कुछ भी हो जिसमें मनोवैज्ञानिक दबाव या शारीरिक क्षति कारित करने वाले भौतिक जल प्रयोग या उसकी धमकी द्वारा अपनी इच्छा के विरुद्ध कार्य करने हेतु बाध्य करना।"
ताजा घटनाक्रम में "मनोवैज्ञानिक दबाव" स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता है। अधिनियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का लाभ ले सकता है परंतु इससे पहले स्पष्ट होना चाहिए कि वह किसी भी प्रकार के लोभ लालच, दबाव धमकी अथवा किसी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया के अधीन तो नहीं है। इसलिए प्रावधान किया गया है कि 6 महीने पहले कलेक्टर महोदय के समक्ष आवेदन किया जाएगा और उसके बाद धार्मिक स्वतंत्रता का लाभ लिया जा सकता है। वर्तमान घटनाक्रम में अधिनियम का उल्लंघन किया गया है,कुल मिलाकर इस धर्मांतरण के लिए विधिवत अनुमति नहीं ली गई,पूरी प्रक्रिया अवैध है।
यह था घटनाक्रम संक्षेप में पढे
करैरा विधानसभा के बहगवां गांव में जाटव समाज के 40 परिवार ने सामूहिक रूप से 31 जनवरी को टेंट लगाकर मंगल पाठ का आयोजन कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और हिंदू धर्म का परित्याग करने की शपथ ली। बताया जा रहा है कि गांव में 25 साल बाद सामूहिक रूप से सभी समाजों की भागवत कथा का आयोजन किया था,इस कथा में सभी समाज से चंदा लिया था। कथा के अंतिम दिन भंडारे में पत्तल वितरण को लेकर विवाद हुआ।
जाटव समाज के लोगों का कहना था कि हमसे छुआछूत की गई थी हमसे पत्तत नहीं परोसने के काम से हटा दिया और झूठी पत्तल उठाने का काम दिया जा रहा था। इस कारण हमने यह कदम उठाया है। वही गांव के सरपंच पति गजेन्द्र यादव का कहना है कि ऐसा कुछ नही था,कोई छुआछूत नहीं की जा रही थी,इन लोगों ने भागवत के मंच पर एक दिन का भीम—पुराण कराने की बात कही थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
31 दिसंबर को 40 परिवारों को बौद्ध धर्म में कन्वर्ट कर दिया
31 दिसंबर के दिन गांव में टेंट लगाकर जाटव समाज के लोगों ने एक शपथ ली,मंच पर भीम आर्मी के करैरा के महेन्द्र बौद्ध सहित फूल सिंह राजोरिया,ईश्वर प्रसाद जौहरी उर्फ आईपी,जेपी राहुल,अरविंद नरवरिया,शांति दास फूले सहित 02 बौद्ध भिक्षु थे,उन्होंने गांव के लोगों को एकत्रित किया और शपथ दिलाई
बौद्ध धर्म गुरु ने ये शपथ दिलाई...
मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं राम और विष्णु को कभी ईश्वर नहीं मानूंगा और न ही कभी उनकी पूजा करूंगा। मैं गौरी, गणपति इत्यादि हिंदू धर्म के किसी भी देवी-देवता को नहीं मानूंगा और न ही उनकी पूजा करूंगा।
मैं इस बात पर कभी विश्वास नहीं करूंगा कि ईश्वर ने कभी अवतार लिया है। मैं ये बात कभी नहीं मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार हैं। मैं ऐसे प्रचार को पागलपन और झूठा प्रचार समझता हूं।
मैं श्राद्ध कभी नहीं करूंगा और ना ही पिंडदान करूंगा। मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणों के हाथों नहीं कराऊंगा। मैं इस सिद्धांत को मानूंगा कि सभी मनुष्य एक समान हैं। मैं समानता की स्थापना के लिए प्रयत्न करूंगा। मैं भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलने का प्रयास करूंगा।
मैं प्राणी मात्र पर दया करूंगा। उनका लालन-पालन करूंगा। मैं कभी चोरी नहीं करूंगा, झूठ नहीं बोलूंगा, झूठ का प्रचार नहीं करूंगा, शराब नहीं पियूंगा। मैं अपने जीवन को बौद्ध धर्म के तीन तत्वों ज्ञान, शील, करुणा के अनुसार ढालने का प्रयत्न करूंगा।
मैं मनुष्य की उत्कृष्टता के लिए हानिकारक, मनुष्य मात्र को नीच मानने वाले पुराने हिंदू धर्म को पूर्णत त्यागता हूं और बौद्ध धर्म को अपनाता हूं। मैं पूर्ण विश्वास करता हूं कि बौद्ध धर्म ही सर्वधर्म है। मैं यह मानता हूं कि मेरा नया जन्म हो रहा है। मैं यह प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं आज से बौद्ध धर्म के अनुसार आचरण करूंगा।
यह पूरी की पूरी शपथ भी दिलाई गई है उसमें हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ भडकाने जैसी भाषा का प्रयोग किया है।
प्रशासन को आवेदन देंगे और मामले दर्ज करने की मांग करेंगे
इस मामले पर विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री विनोद पुरी गोस्वामी ने कहा कि इस मामले की जानकारी हमें मीडिया से मिली है, इस समय हमारी रन्नौद में बैठक चल रही है इस बैठक के बाद हम सभी जा रहे है,हमारे जाटव परिवार के लोगों से हम बात करेंगे किसने आपको भड़काया है,और क्या मामला है। जो हमारे हिन्दू धर्म के खिलाफ लोगों को भड़का रहे है उन लोगों पर मामला दर्ज किया जाए,हम आगे प्रशासन को इस मामले में एक ज्ञापन भी सौंपने का विचार करेगें।
वही इस मामले में करैरा एसडीएम अजय शर्मा को संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र चौधरी की भी इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो सकता है।
यह सवाल है
क्या इस धर्मांतरण की विधिवत अनुमति ली गई,किसी भी प्रकार का ओवदन सक्षम अधिकारी को दिया गया
धर्मांतरण के समय का शपथ ले रहे वीडियो सोशल पर वायरल हो रहा है उसमें हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ भड़काया जा रहा है इस पर प्रशासन ने अभी तक क्या कार्रवाई की है।
क्या इस धर्मांतरण की विधिवत अनुमति ली गई,किसी भी प्रकार का ओवदन सक्षम अधिकारी को दिया गया
धर्मांतरण के समय का शपथ ले रहे वीडियो सोशल पर वायरल हो रहा है उसमें हिन्दू देवी देवताओ के खिलाफ भड़काया जा रहा है इस पर प्रशासन ने अभी तक क्या कार्रवाई की है।