शिवपुरी। मप्र बाल आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने शिवपुरी शहर के मनियर में स्थित एसएनवी स्कूल पर छापामार कार्रवाई की,इस कार्रवाई में शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई। डीईओ के नाक के नीचे बिना मान्यता के आवासीय स्कूल चलता मिला। इस छापामार कार्रवाई की सूचना शिक्षा जगत से किसी ने लीक कर दी,इस कारण स्कूल संचालक ने पूरे सबूत मिटाने के कोशिश भी की,लेकिन वह फिर भी पकड़ में आ गया। बिना अनुमति के आवासीय स्कूल संचालित करने पर बाल आयोग की सदस्य निवेदिता मिश्रा ने स्कूल संचालक पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश डीईओ को दिए है।
शनिवार को बाल आयोग की टीम मेंबर निवेदिता शर्मा शिवपुरी आईं और उन्होंने आयोग को मिली शिकायत के आधार पर मनियर में स्थित एसएनवी विद्यालय में जाकर पड़ताल की तो पता चला कि यहां छात्रावास संचालित है। जिसकी अनुमति ली ही नहीं गई। इस संदर्भ में जब उन्होंने मान्यता मांगी तो पहले कक्षा एक से आठ तक की मान्यता दिखाई गई जिसमें छात्रावास चलाने की अनुमति का जो शासन की ओर से कॉलम दिया था उसमें स्कूल संचालक ने नहीं भरा था।
इस पॉइंट पर आयोग सदस्य नाराज हुई और उन्होंने पूछा हाई स्कूल चलता है तो उसकी अनुमति कहां है, तो वह बोले मोबाइल पर डाटा दर्ज है हम उसकी प्रति निकालते हैं। डाटा समय पर न दे पाने के चलते मौजूदा जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ को आयोग अध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
स्कूल संचालक को किराएदार का पता नही
आयोग की टीम जब एसएनवी स्कूल का निरीक्षण कर रही थी तो वहां स्कूल टाइम टेबल कक्षा 9 का लगा मिला। जिस पर विद्यार्थियों की जानकारी ली तो कोई कुछ बोला नहीं। इसके बाद थालियां में रोटी- सब्जी रखी मिली और जूते-चप्पल के साथ टैबलेट उल्टी मिली। जिस पर छात्रावास संचालित होने का शक पक्का हो गया और जब संचालक मोहन सिंह राठौर से इसका जवाब पूछा तो वह बोले छात्रावास का संचालन में नहीं करता हूं इसे हमने किराए पर दे रखा है, कोई और संचालित करता है। इसकी अनुमति क्यों
शिक्षक ने माना यहां छात्रावास चलता है
शिक्षक अखिलेश ने बताया कि यहां पर 20 छात्र अध्ययन करते हैं और उन्हें हम छात्रावास में रखते हैं, यह बात सही है कि हमारे पास इसकी अनुमति नहीं है। वही संचालक मदनलाल राठौर ने कहा कि उनके पास विद्यालय संचालन की कक्षा 10 तक की अनुमति है। छात्रावास की अनुमति नहीं है। इसे हम नहीं चलाते इसे हमने बिल्डिंग को किराए पर दे रखा है।
आश्चर्य डीईओ को जानकारी नहीं है
आश्चर्य की बात यह है कि शहरी क्षेत्र में बिना अनुमति के छात्रावास स्कूल संचालित हो रहे हैं और जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं है। हमने स्कूल संचालक के खिलाफ एफआईआर और स्कूल सील करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ बदरवास में मदरसा के लिए सील करने को कहा है। -
डॉ निवेदिता शर्मा, सदस्य मध्य प्रदेश बाल आयोग भोपाल
वही अंत में इस मामले की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर ने एक जांच दल बना दिया है जो इस स्कूल की जांच करेगा,इस जांच दल में श्री मुकेश मेहता प्राचार्य,शा उमावि सेसई सडक,श्रीमती अर्चना शर्मा प्राचार्य शा उमावि क्रमांक 2 शिवपुरी,अतर सिंह राजोरिया एपीसी,जिला शिक्षा केन्द्र शिवपुरी,बालकृष्ण ओझा बीआरसीसी शिवपुरी और वकार अहमद नोडल अधिकारी शा उमावि क्रमांक 2 शिवपुरी को शामिल किया है। यह जांच दल 4 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
शिवपुरी जिले में एक सैकड़ा स्कूलों पर मान्यता नहीं
शिवपुरी जिले में एक सैकड़ा से अधिक स्कूल ऐसे है जिन पर मान्यता मात्र 8वीं क्लास तक ही है और वह 12वीं क्लास तक के एडमिशन लेकर बच्चो को पढा रहे है। इस प्रकार की मान्यताओ की खबरे लगातर मीडिया प्रकाशित करती है,लेकिन शिवपुरी के शिक्षा जगत में ओपन भ्रष्टाचार के चलते कार्रवाई नहीं होती है,यह स्कूल शिवपुरी के शिक्षा जगत के भ्रष्टाचार का एक नमूना हैं। शिवपुरी शहर में ऐसे कई स्कूल है जो अपने नियमों के पैरामीटर पर खरे नहीं उतरते है,लेकिन उनकी हर बार मान्यता रिन्यूअल हो जाती है।
स्कूल सील कर दिया है, केस दर्ज कराएंगे
हमने स्कूल तो सील कर दिया है, जांच टीम बना दी है। जो हमें रिपोर्ट देगी। इसके बाद एफआईआर की कार्रवाई करेंगे। बदरवास के मदरसा मामले में अभी हमने टीम गठित कर दी है, जल्द रिपोर्ट आ जाएगी और कार्रवाई होगी। -
समर सिंह राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी