शिवपुरी। शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा के वहगवां में हुए 40 परिवारों के धर्मांतरण के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। बहगवां गांव के धर्मांतरण करने लोगो ने एक वीडियो सोशल पर वायरल किया है जिसमें एक युवक कह रहा है कि प्रशासन ने जो समझौता कराया है,वह दबाव में कराया है,हम इस समझौते को नहीं मानते, हम कार्रवाई चाहते है,। शिवपुरी समाचार इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
पहले समझे मामले को
करैरा विधानसभा के बहगवां गांव में जाटव समाज के 40 परिवार ने सामूहिक रूप से 31 जनवरी को टेंट लगाकर मंगल पाठ का आयोजन कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और हिंदू धर्म का परित्याग करने की शपथ ली। बताया जा रहा है कि गांव में 25 साल बाद सामूहिक रूप से सभी समाजों की भागवत कथा का आयोजन किया था, इस कथा में सभी समाज से चंदा लिया था। कथा के अंतिम दिन भंडारे में पत्तल वितरण को लेकर विवाद हुआ।
जाटव समाज के लोगों का कहना था कि हमसे छुआछूत की गई थी हमसे पत्तत नहीं परोसने के काम से हटा दिया और झूठी पत्तल उठाने का काम दिया जा रहा था। इस कारण हमने यह कदम उठाया है। वही गांव के सरपंच पति गजेन्द्र यादव का कहना है कि ऐसा कुछ नही था कोई, छुआछूत नहीं की जा रही थी,इन लोगों ने भागवत के मंच पर एक दिन का भीमकृपुराण कराने की बात कही थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
31 दिसंबर को 40 परिवारों को बौद्ध धर्म में कन्वर्ट कर दिया
31 दिसंबर के दिन गांव में टेंट लगाकर जाटव समाज के लोगों ने एक शपथ ली, मंच पर भीम आर्मी के करैरा के महेन्द्र बौद्ध सहित फूल सिंह राजोरिया, ईश्वर प्रसाद जौहरी उर्फ आईपी, जेपी राहुल, अरविंद नरवरिया, शांति दास फूले सहित 02 बौद्ध भिक्षु थे,उन्होंने गांव के लोगों को एकत्रित किया और शपथ दिलाई।
थाने से खबर मिली की दोनो पक्षो में शांति बहाल
सोमवार को गांव का माहौल बिगड़ता देख प्रशासन ने आगामी कोई तनावपूर्ण स्थिति न बने इसके लिए मध्यस्थता करने के लिए लगातार प्रयास किया। नरवर तहसीलदार अमित दुबे और सुनील राजपूत थाना प्रभारी सीहोर, अमित चतुर्वेदी थाना प्रभारी अमोला ने थाना परिसर सीहोर में दोनों पक्षों के लोगों से पहले अलग अलग चर्चा की गई।
इसके बाद निर्णय में सामने आया कि दोनों पक्षों के बीच जो गलतफहमी उत्पन्न हुई जिसके कारण उक्त विवाद उत्पन्न हुआ उसका आपसी सामंजस्य से दोनों पक्षों मे राजीनामा कराया गया और भविष्य में दोनों पक्षों के एक.दूसरे के काज शादी विवाह व त्योहार में हंसी खुशी हिस्सा लेंगे।
गांव के सभी समाज के लोगों से गांव के अन्य समाज के लोगों को बराबर का मान सम्मान दिया जाएगा। गांव मे पूर्व की भांति गांव के सभी समाज के लोग आपसी भाईचारे व सौहार्द के साथ रहेंगे और किसी का किसी से किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं है,और गले मिलने के फोटो जारी हुए।
6 फरवरी को फिर वीडियो वायरल
b l 5 फरवरी को पुलिस प्रशासन ने हमें थाने बुलाया। थाने पर हम 8 से 10 लोग गए थे। वहां दूसरी पार्टी भी मौजूद थी। प्रशासन ने हमारे ऊपर दबाव डाला, हमने राजीनामा करने से इनकार कर कहा कि हमारा और रिश्तेदारों का जो अपमान हुआ है उस पर कठोर कार्रवाई की जाए। अगर कार्रवाई नहीं की तो राजीनामा नहीं होगा।
इस पर अफसरों ने मुझे अकेले ले जाकर और कंधे पर हाथ रखकर जबरदस्ती हाथ मिलाकर फोटो खिंचवा लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। हमारा कोई राजीनामा नहीं हुआ है। यदि हमें फंसाएंगे तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे। हमारा राजीनामा नहीं हुआ है।
फोटो में दावा 2 साल पूर्व ही चल पडे थे बौद्ध धर्म की राह पर
इस मामले को लेकर एक फोटो भी वायरल किया गया है इस फोटो में दावा किया जा रहा है कि बहगवां गांव में केवल यह प्रपंच किया जा रहा है। जिन लोगो ने बौद्ध धर्म अपनाने का वीडियो जारी कर हिन्दू धर्म को त्याग करने की बात कही है,उनकी शादी बौद्ध धर्म के अनुसार की जा रही है। यह फोटो बहगवां गांव की जाटव समाज की बेटी की शादी का है और इसकी शादी आज से 2 साल पूर्व ही हो चुकी है।
किसके दबाव में ऐसा बोल रहे हैं मुझे पता नहीं है
तहसीलदार के सामने दोनों पक्षों ने स्वयं की इच्छा के चलते राजीनामा कर लिया था। आज एक पक्ष वीडियो वायरल कर ऐसा क्यों और किसके दबाव में ऐसा बोल रहे हैं पता नहीं।
सुनील राजपूत, थाना प्रभारी, सीहोर