एक्सरे ललित मुदगल @ शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका में सीसी रोड की गुणवत्ता की कंट्रोल के लिए परिषद में कॉरकटिंग का सकंल्प पास किया था,जिससे शहर डाली जा रही सीसी रोडो की गुणवत्ता बनी रहे। इसी कॉरकटिंग के कारण बीते रोज नगर पालिका में कलह मच गई। नगर पालिका सीएमओ डॉ केशव सगर को कॉरकटिंग करने से रोका गया,विवाद हुआ और मामला थाने तक पहुंचा,और भाजपा नेताओं के प्रेशर में आकर कलेक्टर शिवपुरी ने सीएमओ डॉ केशव सगर को फोर्स-लीव पर भेज दिया और नगर पालिका के एई चौहान के शिवपुरी नगर पालिका सीएमओ को चार्ज दे दिया।
पहले समझे की क्या है कोर कटिंग
सीएमओ नगर पालिका डॉ केशव सगर ने शहर मे बनी सीसी रोड की कोर कटिंग कराकर जांच के लिए सैंपल इंजीनियरिंग कॉलेज भेजे थे जिसमें 4 सीसी रोड के सैंपल हो जाने के कारण नगर पालिका ने इन सीसी सडको का लगभग 60 लाख का भुगतान रोक दिया। बताया जा रहा है कि इन चार रोड के जो ठेकेदार थे वह कही कही नगर पालिका की राजनीति में हस्तक्षेप रखते है।
कोर कटिंग के कारण नगर पालिका के नेताओं की रुकी काली कमाई
नगर पालिका का एक धड़ा चाहता हे कि किसी भी प्रकार से कोर कटिंग रूक जाए,लेकिन सीएमओ शिवपुरी केशव सगर बीते रोज अपने दलबल के साथ सीसी रोडो की कोर कटिंग करने निकले थे। 4 सीसी रोडो की कोर कटिंग हो चुकी थी लेकिन शहर के वार्ड नंबर 27 में विष्णु मंदिर के पास सीसी रोड का निर्माण किया था। इस सीसी रोड की लागत 19 लाख रूपए थी और इस सीसी सड़क का निर्माण हर्षवर्धन डेवलपर्स ने किया था। हर्षवर्धन डलवर्स के प्रोपराइटर हर्षवर्धन राठौर है और हर्षवर्धन राठोर भाजपा के पार्षद ताराचंद राठौर के भानजे बताए जा रहे है।
कोर कटिंग के दौरान पहुंचीं नपाध्यक्ष
वार्ड 27 विष्णु मंदिर कॉलोनी में हर्षवर्धन डेवलपर्स ने सीसी रोड बनाई थी,तथा सड़क की गुणवत्ता ठीक न होने की वजह से ठेकेदार भी इस बात को लेकर आशंकित था कि यदि कोर कोर कटिंग हुई तो भुगतान रुकना तय है। उक्त ठेकेदार नपाध्यक्ष का नजदीकी बताया जा रहा है, इसलिए कोर कटिंग के दौरान नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा भी वहां पहुंच गईं। टीम के साथ नपा सीएमओ डॉ. केएस सगर भी मौजूद थे। चूंकि सीएमओ एवं नपाध्यक्ष के बीच आपसी खींचतान पहले से चल रही है, इसलिए कोर कटिंग को लेकर दोनों फिर आमने-सामने आ गए।
नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने मौके पर पहुंचकर नपा के इंजीनियरों से पूछा कि इस सड़क को बनाए हुए कितना समय हो गया और यह जांच किसके आदेश से हो रही है। इस दौरान वार्ड के लोग व ठेकेदार के नजदीकी भी वहां आ गए तो उन्होंने भी नपाध्यक्ष के साथ सुर से सुर मिलाते हुए नपा के इंजीनियरों को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं नपाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि मैं सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दूंगी। इस दौरान आधी सड़क की कोर कटिंग ही हो सकी।
भाजपा के नेताओं ने सुशासन की हत्या कर दी:षड्यंत्र हुआ शुरू
इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करने वाले पार्षदों ने षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया,और भाजपा के सुशासन की हत्या कर दी,वार्ड क्रमांक 27 की पार्षद सुमन राजू बाथम फिजिकल थाने पहुंच गई और सीएमओ पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए एफआईआर की मांग करने लगी,सीएमओ भी फिजिकल थाने पहुंचे,रात 12 बजे तक नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। रात के 12 बजे एसडीएम ने बताया कि कलेक्टर शिवपुरी के निर्देश पर सीएमओ को केशव सगर को फोर्स लीव पर भेज दिया गया है और नगर पालिका के एई सचिन चौहान को सीएमओ का जार्च दिया गया है। इसके बाद एपिसोड खत्म हो गया।
25 जनवरी को दी थी उपयंत्री ने सूचना
इस सीसी रोड के विषय में रघुवीर प्रसाद भार्गव उपयंत्री नगर पालिका शिवपुरी ने 25 जनवरी को नगर पालिका सीएमओ को पत्र लिखकर सूचित किया था कि शिवपुरी नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 27 में स्थित विष्णु मंदिर के पीछे वाली गली मे हुई सीसी सड़क के निर्माण के 28 दिन पूरे हो चुके है,कुल मिलाकर इस सीसी को 25 जनवरी को 28 दिन अवधि पूर्ण हो चुकी थी,अब ठेकेदार के भुगतान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कोर कटिंग करनी आवश्यक थी,इस रिपोर्ट के पॉजिटिव आने के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता। अगर उपयंत्री के इस पत्र पर गौर किया जाए तो नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का आरोप गलत है कि अभी सीसी सड़क निर्माण को 28 दिन पूरे नहीं हुए है।
पूरे मामले पर यह सवाल उठते है जिसके जवाब नहीं है
जब नगर पालिका अध्यक्ष की मौजूदगी में पालिका की परिषद की बैठक में सीसी रोड की कोर कटिंग का संकल्प पास किया गया था,इसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा सीसी रोड की कोर कटिंग के विरोध में सड़क पर क्यों उतरी।
जब नगर पालिका की टीम कोर कटिंग कर रही थी तो उसे क्यों रोका गया,अगर नगर पालिका का प्रशासन का अमला गलत काम कर रहा था तो ठेकेदार को विरोध करना था,इस पूरे सीन में ठेकेदार कही नही दिखा। भाजपा के नेता हर्षवर्धन के समर्थन में क्यों आए,नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद की पहली जिम्मेदारी होती है कि निर्माण में गुणवत्ता की कमी नहीं रहे,फिर इस गुणवत्ता की जांच को क्यों रोका जा रहा था।
कौन है हर्षवर्धन, क्या रिश्ता है हर्षवर्धन और नगर सरकार में बैठे जिम्मेदारों का। अगर नगर पालिका के अधिकारी कोर कटिंग अवैध कर रहे थे तो बीते रोज हुई 4 कोर कटिंग का विरोध क्यो नही हुआ,वहां के पार्षद नगर पालिका के सीएमओ से क्या नही उलझे। इसका सीधा सा अर्थ है सड़क किसी भाजपा के नेता ने ही डाली है हर्षवर्धन सिर्फ एक नाम है, नाम है इसलिए ही वह इस पूरे सीन में कह भी नही दिख। कुल मिलाकर भाजपा के सुशासन के नारे की हत्या भाजपा की नगर सरकार ने ही कर दी है।