शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पुरानी शिवपुरी में स्थित इमामबाड़ा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनो से आवारा कुत्तों ने एक दर्जन लोगों को अपना शिकार बना लिया है। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। नगर पालिका के द्वारा इन कुत्तों को नही पकडने के कारण लोगों में भय का माहौल है। शिवपुरी शहर के आवारा कुत्तों की संख्या कम करने के लिए बीते साल में आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए टेंडर भी कॉल किया था लेकिन एक आपत्ति के बाद मामला अब दिल्ली में अटक चुका है।
शहर के लगभग 10 हजार श्वान हैं, जिनमें से नर श्वान की नसबंदी की जाएगी तथा प्रत्येक नसबंदी पर 309 रुपए का भुगतान होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि एनीमल लवर प्रियंका बुधोलिया का कहना है कि जिस संस्था को काम मिला है, वो एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया में रजिस्टर्ड नहीं है, जबकि सीएमओ का कहना है कि रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है।
शिवपुरी शहर में श्वानों की संख्या में तेजी से न केवल इजाफा हो रहा है, बल्कि वे शहरवासियों को काट कर जख्मी भी कर रहे हैं। श्वानों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए नगर पालिका ने नर श्वानों की नसबंदी कराए जाने के लिए टेंडर कॉल किया था। जिसमें जय दुर्गे एनीमल संस्था का टेंडर फाइनल हो गया है तथा पीआईसी की बैठक में उसे हरी झंडी देकर नसबंदी का काम शुरू कराया जाएगा।
टेंडर लेने वाली संस्था शहर में नर श्वानों को पकड़कर उनकी नसबंदी करने का प्लान था, जिसमें उनकी डॉक्टरों की टीम व अन्य स्टाफ इस कार्य को करेगा। नपा के जिम्मेदारों का मानना है कि नसबंदी होने से एक ओर जहां श्वानों की संख्या घटेगी वहीं उनके काटने की घटनाएं भी कम हो जाएंगी। चूंकि श्वान की आबादी बढ़ने से उन्हें पर्याप्त भोजन आदि नहीं मिल पा रहा, जिसके चलते वो हिंसक होकर लोगों पर अटैक कर देते हैं। एक आंकड़े के अनुसार शिवपुरी शहर में नर और मादा श्वान को मिलाकर इनकी संख्या 10 हजार के लगभग है।
मई 2023 से आवारा कुत्तो की नसबंदी करने का टेंडर फायलन हो चुका था। जिनमें से नर श्वान की नसबंदी की जाएगी तथा प्रत्येक नसबंदी पर 309 रुपए का भुगतान होगा,लेकिन एक एनिमल सस्था ने इस पर अपत्ति दर्ज कराई थी कि जिस संस्था को काम मिला है, वो एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया में रजिस्टर्ड नहीं है, जबकि सीएमओ का कहना है कि रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है,वही सीएमओ केशव सगर का कहना था कि रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है।
इनका कहना है
हां श्वानो की नसबंदी का टेंडर बीते वर्ष ही फायनल हो चुका था,लेकिन बोर्ड आफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी,उसके बाद हमने जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार दिल्ली को पत्र लिखकर इस मामले में सलाह मांगी थी,इसमें क्या कर सकते है,मामला अटका हुआ है अब इस मामले को आगे दिखवाते है।
केशव सगर, सीएमओ नपा शिवपुरी