शिवपुरी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के जिला प्रधान न्यायाधीश व अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सहित दो सदस्यों अंजू गुप्ता व राजीव कृष्ण शर्मा ने एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए एक मेडिकल कॉलेज के छात्र की मृत्यु होने पर इंदौर के मेडिकल कॉलेज को उसकी जमा फीस 13 लाख 75 हजार रुपए वापस करने के साथ फरियादी को मानसिक परेशानी के 5 हजार रुपए व मामले में व्यय के रूप में 2 हजार रुपए का भुगतान करने के आदेश दिए है।
दरअसल, मेडिकल कॉलेज से कोई भी अपना पक्ष रखने नहीं आया था। इस वजह से न्यायालय ने यह फैसला एक पक्षीय ही सुनाया दिया। मामले में पीड़ित पक्ष से पैरवी एडवोकेट संजीव बिलगैया ने की।
अभियोजन के मुताबिक, शिवपुरी शहर के न्यू ब्लॉक निवासी अमित पुत्र यशवंत कुमार गुप्ता ने अपने बेटे आयुष्मान गुप्ता का दाखिला एमबीबीएस के लिए वर्ष 2019-2020 में इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिचर्स सेंटर इंदौर में कराया था।
एक सत्र पूरा होते ही दूसरे सत्र की फीस आयुष्मान के पिता अमित ने 12 लाख 75 हजार रुपए कॉलेज में जमा कर दिए और दुर्भाग्यवश दूसरा सत्र शुरू होने से पूर्व आयुष्मान की हॉस्टल परिसर में ही 12 जनवरी 2021 को असमय मृत्यु हो गई। इसके कुछ दिन बाद आयुष्मान के पिता अमित ने कॉलेज प्रबंधन को पत्र लिखकर दूसरे सत्र की फीस 12 लाख 75 हजार रुपए वापस करने की मांग रखी। अमित ने बताया कि जब उसके बेटे की मृत्यु हो गई और उसने दूसरे सत्र की पढ़ाई नहीं की, इसलिए यह फीस वापस की जाए।
कॉलेज प्रबंधन ने फीस वापस नहीं की और न ही कोई संतोषजनक जवाब दिया। परेशान होकर अमित गुप्ता ने इस मामले का परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में दाखिल किया। मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने कॉलेज प्रबंधन को समन भेजा लेकिन वहां से कोई भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ।
इस पर कोर्ट ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए अमित गुप्ता की मांग को सही मानते हुए इंदौर के कॉलेज प्रबंधन को दूसरे सत्र की 12 लाख 75 हजार रुपए की फीस वापस करने व पीड़ित को मानसिक परेशानी के 5 हजार रुपए व प्रकरण व्यय के 2 हजार रुपए भुगतान करने के आदेश दिए है। यह राशि कॉलेज प्रबंधन को 1 माह के भीतर अदा करना है। अगर ऐसा नहीं होता तो आगामी दिनो में राशि को 6 प्रतिशत वार्षिक व्याज की दर से वापस करना होगा।