शिवपुरी। शिवपुरी जिले के करैरा नगर में निवास करने वाली एक 10वीं क्लास की स्टूडेंट आग पढ़ना चाहती थी उसके 5 तारीख से फाइनल एग्जाम शुरू हो चुके है और परिजन 16 फरवरी को उसकी शादी करना फायनल कर दी थी। इस बात से दुखी होकर नाबालिग किशोरी ने पुलिस की मदद दी। नाबालिग ने कहा कि मैं आगे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हूं लेकिन मेरे दादा दादी ने मेरी शादी फिक्स कर कर दी है और बीच एग्जाम में मेरी शादी है।
किशोरी ने थाना प्रभारी को बताया कि मेरे माता-पिता नहीं हैं, भाई और दादा-दादी विवाह करना चाहते हैं। थाना प्रभारी ने मामले की जानकारी महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर को दी। परियोजना अधिकारी बुनकर ने मौके पर पहुंचकर बालिका एवं उसके परिजनों से अलग-अलग चर्चा की तथा परिजनों को 18 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले विवाह नहीं करने को कहा, लेकिन परिजन विवाह की जिद पर अड़े थे।
जब परियोजना अधिकारी ने उन्हें बाल विवाह करने पर होने वाली सजा और जुर्माने की जानकारी देते हुए विवाह करने पर जेल भिजवाने की चेतावनी दी, तब परिजन माने और उन्होंने लिखित शपथ-पत्र दिया कि अब वे किशोरी का विवाह 18 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद ही करेंगे। टीम में पर्यवेक्षक विनीता पाठक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अलका मिश्रा भी मौजूद रहीं।
जागरूकता बढ़ रही है
बाल विवाह के दुष्परिणामों को समाज समझने लगा है। अब बेटियां खुद अपने बाल विवाह की खिलाफत करने लगीं हैं, यह एक अच्छा संकेत है। महिला बाल विकास विभाग की टीम किशोरी व उसके परिवार पर नजर भी रखेगी।
राघवेन्द्र शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी, शिवपुरी