शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पोहरी बस स्टैंड के पास एक 10 साल की बालिका जान जोखिम में डाल कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाली एक 10 साल की बालिका को सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडे ने वन स्टॉप सेंटर भेजने के आदेश किए है। इस बालिका के साथ इसकी 6 साल की छोटी बहन और माता पिता और मामा भी थे।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की दोपहर सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडे को जानकारी मिली की पोहरी बस स्टैंड के पास एक 10 साल की बालिका अपनी जान जोखिम मे डालकर लगभग 15 फुट की ऊंचाई पर रस्सी चलते हुए करतब दिखा रही थी। जान जोखिम में डालकर यह बच्ची अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी।
इस सूचना पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडे, बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा एवं बाल कल्याण समिति सदस्य रविन्द्र कुमार ओझा ने मौके पर पहुंच कर देखा तो एक 10 साल की बालिका 15 फुट की उंचाई पर रस्सी पर चल रही थी और करतब दिखा रही थी,अगर इस करतब को दिखाते हुए एक प्रतिशत की भी चूक हो जाती तो बालिका किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो जाती है,वही एक 8 साल की बालिका भी नीचे खडी थी साथ में उसका परिवार भी था। इस करतब को देखने के लिए वहां भीड़ भी एकत्रित थी।
जब सीडब्ल्यूसी की टीम ने इस तमाशे को रुकवाया और कहा कि यह बालिका के जीवन को जोखिम में डालने वाला काम है, बगैर सुरक्षा इंतजामों के यह नहीं करा सकते। परिजन गरीबी और अपना व्यवसाय बताने लगे, कुछ स्थानीय लोग भी उसका समर्थन करने लगे।
लेकिन सीडब्ल्यूसी की टीम ने बालिका को संरक्षण में लिया। वहां मौजूद बालिका के माता.पिता को टीम ने समझाया कि तुम दोनों शारीरिक रूप से स्वस्थ हो तो खुद मजदूरी करो, बच्चों को कमाई का साधन मत बनाओ।
बताया जा रहा है यह छत्तीसगढ़ का एक नट परिवार था,इस नट परिवार का यह पीढ़ियों का पेशा है छोटी बच्चियों को बहुत छोटी सी उम्र ही यह रस्सी पर चलने के लिए ट्रेंड कर देते है। मौके पर इस बालिका के माता पिता और मामा भी था। बालिका ने बताया कि वह कभी स्कूल ही नहीं गई है उसने स्कूल का मुंह भी नहीं देखा है। सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष ने इस बालिका को वन स्टाॅप सेंटर भेजने के आदेश किए।