SHIVPURI NEWS - जिला शिक्षा अधिकारी के नाक के नीचे 0.5 करोड का वित्तीय घोटाला, अभी तक जांच शुरू नहीं

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिला शिक्षा विभाग में आधा करोड़ का घोटाला सामने आया है,यह घोटाला जिला शिक्षा अधिकारी की नाक के नीचे हो गया और जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर को इस मामले की जानकारी तक नहीं है। अब घोटाला उजागर होने के बाद संबंधित को बचाने की जुगाड का ताना बाना जिला शिक्षा कार्यालय में सेकंड ग्रेड के डीईओ साहब ने बुन लिया हैं यह सेकंड ग्रेड के डीईओ वही मास्टर है जिसको डीईओ समर सिंह ने बच्चो को पढाने से रोकते हुए अवैधानिक रूप से अपने कार्यालय में अपनी अतिरिक्त सेवा के लिए रख रखा है,अब मूल खबर की ओर चलते है।

सरकारी खजाने से 50 लाख रुपए से अधिक का अतिरिक्त भुगतान कर दिया। यह भुगतान इस संवर्ग को मिलने वाले डीए की एरियर राशि के अतिरिक्त उनके GPF खातों में किया गया है। बताया गया है कि एरियर के रूप में 10 से 15 हजार रुपए तक का भुगतान होना था, लेकिन बीईओ अरविंद त्रिपाठी और उनके अधीनस्थ बाबू प्रदीप शर्मा ने इस रू एरियर राशि के अलावा 20 से 25 हजार रुपए का अतिरिक्त भुगतान जीपीएफ खातों में कर दिया। 50 लाख से अधिक की राशि नियम विरूद्ध सरकारी खजाने से लुटाने का यह मामला आला अधिकारियों के कान तक भी जा पहुंचा है।

सरकारी खजाने से अतिरिक्त भुगतान जानबूझकर किया गया है या त्रुटिवश हुआ है। दोनों ही स्थिति में जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की दरकार है। अधिकारी फिलहाल मामले की जांच करवा कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

इनकम टैक्स पत्रक जमा करने पर खुला मामला

करैरा विकासखंड में कार्यरत माध्यमिक स्कूलों के अध्यापक, उच्च श्रेणी शिक्षक, सहायक शिक्षक व भृत्यों को इसी साल जनवरी महीने में डीए जारी किया गया। जिसमें उनके सेलरी अकाउंट में तो 13 हजार रुपए से 15 हजार रुपए तक भुगतान किया गया है, लेकिन करीब 25 हजार रुपए अतिरिक्त जीपीएफ खातों में भी जमा कर दी गई।

यह मामला शायद उजागर नहीं होता, लेकिन इन दिनों सरकारी कर्मचारी इनकम टैक्स को लेकर अपने पत्रक जमा कर रहे हैं और इस अतिरिक्त राशि के कारण जब कुछ शिक्षकों की, नजर इस भुगतान पर पड़ी तो उन्होंने ही सवाल खड़े कर दिए। धीरे-धीरे मामला खुलकर सामने आ गया।

10 साल पूर्व भी हुआ था ऐसा घोटाला

आज से लगभग 10 साल गुरु जियो के एरियर भुगतान में ऐसा ही मामला सामने आया था। जिले के लगभग सभी तत्कालीन जनपद के सीईओ,संकुल प्रभारी प्राचार्य ओर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी देशलहरा पर विभागीय जांच शुरू की गई थी जो जांच भी चल रही है। बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ अधिकारी रिटायर भी हो चुके है लेकिन उनकी पेंशन अभी तक रुकी हुई है।

यह है नियम
मप्र वित्त विभाग के मई 2011 के निर्देश अनुसार किसी भी अतिरिक्त भुगतान होने की दशा में इसे वित्तीय अनिमितता मानते हुए संबंधित से ब्याज सहित वसूली का प्रावधान है,इस मामले में बाबू के द्वारा अतिरिक्त भुगतान किया गया है ऐसे में यदि संबंधित शिक्षकों से ब्याज सहित वसूली के आदेश दिए है तो संबंध ळै कि शिक्षक न्यायालय के शरण में जा सकते है,ऐसे में वसूली अटक सकती है।

मामला खुलने के बाद डीईओ आफिस कछुए की चाल

बताया जा रहा है कि मामला खुलने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय शिवपुरी की कार्रवाई की चाल केवल समाचार पत्रो के बयान तक सिमटी है,इस मामले में अभी तक जांच दल नियुक्ति नहीं किया जाना इसी ओर इशारा करता है। अपनी छोटी छोटी कार्रवाई के बडे बडे प्रेस नोट जारी कर अपनी जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर ने इस मामले में जांच दल की नियुक्ति के आदेश की खबर अपने पीआरओ से रिलीज नहीं करवाई है यह इसी ओर की इशारा करता है कि इस मामले को भी उसी तरह दफन किया जा सकता है जिस प्रकार बदरवास बीआरी अंगर सिंह तोमर के घोटाले का राज्य शिक्षा मिशन शिवपुरी ने दबा दिया है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला त्रुटिवश नहीं हुआ है रिश्वत लेकर मास्टरो को लाभ दिया गया है इस लाभ की नई फोर व्हीलर गाड़ी बाबू की सडको पर दौड़ रही है।

जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे

यह वित्तीय नियमों के विरुद्ध अतिरिक्त भुगतान करने का मामला है। मामला संज्ञान में आया है, यह गंभीर वित्तीय अनियमितता है। हम पूरे मामले की जांच करवा लेते हैं और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
समर सिंह राठौड़, डीईओ शिवपुरी