शिवपुरी। भारतीय स्टेट बैंक के एस.एम.ई. विष्णु मंदिर में चीफ एसोसिएट के पद पर पदस्थ श्रीमती समता आलोक इंदौरिया की गरिमामयी विदाई समारोह संपन्न हुआ। श्रीमती समता आलोक इंदौरिया मैडम ने भारतीय स्टेट बैंक की शिवपुरी जिले की विभिन्न शाखाओं में कार्य किया। इनकी सन् 1984 में स्टेट बैंक ऑफ इंदौर की गुरुद्वारा चौक शाखा में नियुक्ति हुई थी। इन्होंने बैंकिंग सेवा में 39 वर्ष 4 माह 18 दिन की गरिमामयी पूर्ण नौकरी की। इन्होंने बैंक के विभिन्न पदों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।
इनकी विदाई समारोह में शिवपुरी एसबीआई के रीजनल मैनेजर मुकेश कुमार राठौर ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा कि श्रीमती समता इंदौरिया ने पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ बैंक में अपनी सेवाएं दी हैं और इनकी ईमानदारी बेमिसाल रहीं हैं। नोट बंदी और कोराना काल में इनकी सेवायें अभिनन्दनीय रही है।
इस अवसर पर झांसी तिराहा के प्रबंधक हितेन्द्र भदौरिया ने अध्यक्षीय भाषण मे कहा कि श्रीमती समता आलोक बैंकिंग में हम सभी की आर्दश रहीं हैं तथा यहां उपस्थित कहीं लोगों को बैंकिंग सिखाईं है।
इस अवसर बैंक सम्माननीय ग्राहक और बागबान होटल के मालिक जीशान खान ने खुद पर घटित एक घटना का जिक्र किया जों श्रीमती समता आलोक की ईमानदारी का परिचायक था। उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवसाय में ऐसे ही ईमानदार कर्मचारियों का होना गर्व का विषय है।
श्रीमती समता इंदौरिया ने अपने उद्बोधन में 39 साल की नौकरी के कहीं अनुभव साझा किए और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अपने सभी साथियों के प्रति खासकर एस एम ई शाखा के सभी सहयोगी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित। इस अवसर पर बैंक परिवार की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा उनके सुखद और उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
इस अवसर पर उनके पति रेड क्रॉस के वाईस चेयरमैन आलोक एम इंदौरिया, उनके पुत्र एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर नमन इंदौरिया, उनकी पुत्री श्रीमती राशिका और दामाद गौरव मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफ़ल संचालन शिवपुरी क्षेत्र के एसबीआई अवार्ड स्टाफ इंप्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय सचिव संजय वर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापित एस एम ई के शाखा प्रबंधक दीपक चौधरी ने किया। इस विदाई समारोह कार्यक्रम में जिले की सभी शाखाओं के स्टाफ सहित अभिषेक जैन,अचला गुप्ता, गौरव यादव, तारकेश्वर सिंह, प्रशांत सगर, अक्षय साहू, हार्दिक, आलोक,रोहित, वरूण, श्रीमती सोनम गुप्ता, मुकेश, प्रशांत और सतेंद्र उपस्थित थे।