शिवपुरी। नरवर के अखिल भारतीय विद्यार्थी नगर मंत्री के पोस्ट आफिस में संचालित खाते में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके संज्ञान में लाए बिना ही सवा तीन लाख रुपये की राशि डाली और फिर उसका आहरण भी कर लिया गया। जब अभाविप के नगर मंत्री ने अपने खाते पीड़ित भीष्म रावत के ट्रांजेक्शन चेक करवाए तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। संबंधित ने जब पोस्ट ऑफिस में संपर्क किया तो पोस्ट आफिस प्रबंधन ने उसे कुछ भी बताने से मना कर दिया। खाता धारक ने मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज करवा कर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार अभाविप के नरवर नगर मंत्री भीष्म रावत निवासी इंदरगढ़ ने वर्ष 2022 में नरवर के पोस्ट आफिस में एक खाता खोला था। इस खाते में काफी समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया थाए लेकिन जब कुछ समय पहले उसने आधार लिंक के माध्यम से खाते की स्थिति को जाना तो उक्त खाते में वर्ष 2022 में फरवरीए मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई में तीन लाख 20 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया।
बकौल भीष्म जब उन्होंने पोस्ट आफिस में जाकर इस संबंध में जानकारी जुटाई तो उसे इतना तो बताया गया कि उनके खाते में कहीं बाहर से पैसा आया हैए परंतु उन्हें अधिक जानकारी देने से मना कर दिया और कहा कि वे सिर्फ पुलिस को जानकारी देंगे। इसके बाद एसपी आफिस में शिकायत दर्ज कराई।
बदल गया मोवाइल नंवर पता तक नहीं चला
खास बात यह है कि भीष्म रावत के खाते में उसका मोबाइल नंबर लिंक था। यानि जब भी कोई ट्रांजेक्शन होता तो उनके मोबाइल पर मैसेज आना चाहिए थाए परंतु संभवतः पोस्ट आफिस से ही उसके खाते में लिंक उनके मोबाइल नंबर को बदल कर किसी अन्य व्यक्ति का मोवाइल नंबर लिंक कर दिया गया।
ऐसे में उसके मोबाइल पर किसी भी प्रकार का कोई मैसेज नहीं आया। ऐसे में भीष्म को इस बात का भी संदेह है कि इस पूरे लेनदेन में पोस्ट आफिस के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार अभाविप के नरवर नगर मंत्री भीष्म रावत निवासी इंदरगढ़ ने वर्ष 2022 में नरवर के पोस्ट आफिस में एक खाता खोला था। इस खाते में काफी समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया थाए लेकिन जब कुछ समय पहले उसने आधार लिंक के माध्यम से खाते की स्थिति को जाना तो उक्त खाते में वर्ष 2022 में फरवरीए मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई में तीन लाख 20 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया।
बकौल भीष्म जब उन्होंने पोस्ट आफिस में जाकर इस संबंध में जानकारी जुटाई तो उसे इतना तो बताया गया कि उनके खाते में कहीं बाहर से पैसा आया हैए परंतु उन्हें अधिक जानकारी देने से मना कर दिया और कहा कि वे सिर्फ पुलिस को जानकारी देंगे। इसके बाद एसपी आफिस में शिकायत दर्ज कराई।
बदल गया मोवाइल नंवर पता तक नहीं चला
खास बात यह है कि भीष्म रावत के खाते में उसका मोबाइल नंबर लिंक था। यानि जब भी कोई ट्रांजेक्शन होता तो उनके मोबाइल पर मैसेज आना चाहिए थाए परंतु संभवतः पोस्ट आफिस से ही उसके खाते में लिंक उनके मोबाइल नंबर को बदल कर किसी अन्य व्यक्ति का मोवाइल नंबर लिंक कर दिया गया।
ऐसे में उसके मोबाइल पर किसी भी प्रकार का कोई मैसेज नहीं आया। ऐसे में भीष्म को इस बात का भी संदेह है कि इस पूरे लेनदेन में पोस्ट आफिस के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं।