शिवपुरी। जिला शिक्षा अधिकारी के नाक के नीचे 0ण्5 करोड़ का वित्तीय घोटाला, अभी तक जांच शुरू नहीं शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। इस खबर के बाद जिला शिक्षा विभाग का असर हुआ, और आज इस मामले में 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जैसा कि विदित है कि करैरा विकासखंड के नियमित 200 शिक्षकों के एरियर भुगतान के रूप में लगभग 50 लाख अधिक भुगतान नियम विरूद्ध कर दिया गया है।
इस खबर को जिला शिक्षा अधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए शनिवार को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है जो तीन दिन के भीतर प्रकाशित खबर के संबंध में विस्तृत जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट डीईओ को सौंपेंगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शासकीय उमावि भटनावर के प्राचार्य एवं पोहरी के डीडीओ पातीराम आदिवासी के नेतृत्व में उक्त जांच कमेटी गठित की गई है। उनके अलावा जांच समिति में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शिवपुरी में पदस्थ लेखापाल रविन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव व शासकीय उमावि क्रमांक 2 शिवपुरी में पदस्थ लेखापाल वीरेंद्र कलावत को शामिल किया गया है।
10 साल पूर्व भी हुआ था ऐसा घोटाला
आज से लगभग 10 साल गुरु जियो के एरियर भुगतान में ऐसा ही मामला सामने आया था। जिले के लगभग सभी तत्कालीन जनपद के सीईओ, संकुल प्रभारी प्राचार्य और तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी देशलहरा पर विभागीय जांच शुरू की गई थी जो जांच भी चल रही है। बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ अधिकारी रिटायर भी हो चुके है लेकिन उनकी पेंशन अभी तक रुकी हुई है।
यह है नियम
मप्र वित्त विभाग के मई 2011 के निर्देश अनुसार किसी भी अतिरिक्त भुगतान होने की दशा में इसे वित्तीय अनिमितता मानते हुए संबंधित से ब्याज सहित वसूली का प्रावधान है, इस मामले में बाबू के द्वारा अतिरिक्त भुगतान किया गया है ऐसे में यदि संबंधित शिक्षकों से ब्याज सहित वसूली के आदेश दिए है तो संबंध ळै कि शिक्षक न्यायालय के शरण में जा सकते है ऐसे में वसूली अटक सकती है।
मामला खुलने के बाद डीईओ आफिस कछुए की चाल
बताया जा रहा है कि मामला खुलने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय शिवपुरी की कार्रवाई की चाल केवल समाचार पत्रो के बयान तक सिमटी हैएइस मामले में अभी तक जांच दल नियुक्ति नहीं किया जाना इसी ओर इशारा करता है।
अपनी छोटी छोटी कार्रवाई के बडे बडे प्रेस नोट जारी कर अपनी जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर ने इस मामले में जांच दल की नियुक्ति के आदेश की खबर अपने पीआरओ से रिलीज नहीं करवाई है यह इसी ओर की इशारा करता है कि इस मामले को भी उसी तरह दफन किया जा सकता है जिस प्रकार बदरवास बीआरी अंगर सिंह तोमर के घोटाले का राज्य शिक्षा मिशन शिवपुरी ने दबा दिया है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला त्रुटिवश नहीं हुआ है रिश्वत लेकर मास्टरो को लाभ दिया गया है इस लाभ की नई फोर व्हीलर गाड़ी बाबू की सडको पर दौड़ रही है।