SHIVPURI NEWS - जारी है जहर का कारोबार आरओ वाटर, स्वयं की कापी स्वयं चैक करते है यह, पढिए पूरी खबर

Bhopal Samachar
ललित मुदगल, एक्सरे @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले में घर घर आरओ वाटर सप्लाई करने के कई प्लांट है। शिवपुरी शहर में भी एक दर्जन से अधिक प्लांट है। पानी की शुद्धता के नाम पर यह बिजनेस शिवपुरी शहर में भी चल रहा है,लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस पानी शुद्धता के लिए कोई सरकारी मानक नही है वह यह अपनी शुद्धता का पैमाना स्वयं तय करते है। सीधे शब्दों में लिखे तो यह अपनी कॉपी खुद ही चेक करते है।

शासन में बैठे विभागीय अधिकारियों को यह नही पता कि यह किस विभाग के अंतर्गत आते है। ना ही शासन के अधिकारियों ने आरओ वाटर प्लांट की जांच की और ना ही शुद्धता की। शिवपुरी जिले में मात्र एक ही आरओ वाटर सरकारी खाते में दर्ज है। मानक ओर विभाग तय नही होने के कारण शिवपुरी जिले में इस जहरीले पानी का कारोबार बेधडक संचालित किया जा रहा है।

पहले जाने आरओ वाटर में कितना टीडीएस होना चाहिए

शिवपुरी शहर में लगे आरओ प्लांट शुद्ध पानी के नाम पर पानी के कैंपरो मे घर,आफिस,स्कूल,अस्पताल,सरकारी आफिस,शादी समारोह सहित कई आयोजनो में यह पानी पहुंचता है। आर ओ प्लांट से सादा पानी को शुद्ध कर हमे कैंपरो में भरकर हमारे पास आता है और उसे हम शुद्ध पानी समझ कर पीते है,लेकिन आज तक किसी ग्राहक ने इसका टीडीएस नही नापा है कि यह पानी कितने टीडीएस का है क्या यह पानी पीने योग्य है कि नही,ना की किसी सरकारी एजेंसी ने इन बोतलो की जांच शिवपुरी शहर में की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड ने RO या दूसरी तकनीक से साफ़ किये गए पानी के लिए एक आदर्श पैमाना तय किया है। पानी की शुद्धता को Total dissolved solids (TDS) में मापते हैं। आसान शब्दों में कहें जो वैज्ञानिक तर्कों पर भी सटीक है, शुद्ध पानी वह है जो स्वादरहित, गंधरहित और रंगरहित हो. कई लोग पानी को मीठा बनाने के लिए RO या दूसरी तकनीकों से पानी को शुद्ध करने के लिए टीडीएस 100 कर देते हैं, जिस स्तर पर प्लास्टिक और दूसरे चीजों के कण पानी में घुलने लगते हैं। लेकिन आरओ वाटर का WHO ने एक आदर्श पैमाना 350 तय किया है,लेकिन शिवपुरी शहर में आज तक किसी भी आरओ प्लांट का किसी भी सरकारी विभाग ने भौतिक रूप से जांच नही की है।

एक लीटर पानी को शुद्ध करने के लिए 3 लीटर पानी बर्बाद होता है

1 लीटर सादा पानी को पीने योग्य पानी बनाने के लिए 3 लीटर पानी बर्बाद होता है। अब बात करते है शिवपुरी शहर के आरओ वाटर प्लांटो की,शिवपुरी शहर में 11 वाटर प्लांट है और कई सप्लायर्स अलग से है जो प्लांटो से पानी लेकर सप्लाई करते है। शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने जब इन आरओ वाटर प्लाटो के विषय में जानकारी एकत्रित की तो पता चला कि कई प्लांट वालो के पास अपना स्वयं का बोरवेल नही है वह बाहरी टैंकरों से अपने प्लांट में पानी मांगते है और फिल्टर कर बेचते है।

1 लीटर पानी को शुद्ध करने के लिए 3 लीटर पानी बर्बाद होता है तो इस बर्बाद पानी का आरओ वाटर प्लांट वाले क्या करते है। यह पानी कहा जाता है प्रतिदिन एक आरओ वाटर प्लांट वाला एक टैंकर पानी को फिल्टर करता है तो उसे 4 टैंकर पानी लगता है फिर इस पानी का वह क्या करते है यह एक बडा जांच का विषय है।

स्वयं के बोरवेल वाले प्लांट बेचते है इस पानी को

जानकारी मिल रही है कि जिन आरओ वाटर प्लांट वालो के यहां बोरबैल लगे है और वह पानी दे रहे है तो यह वाटर प्लांट वाले फिल्टर प्रक्रिया से निकला बेस्ट पानी को टैंकर में भरकर बाजार में सप्लाई करते है जबकि यह पानी पीने योग्य नही होता है अन्य कामों में यूज कर सकते है लेकिन यह सब बाते वह बताते नही है। ऐसे प्लांट वाले जिनके पास बोर वैल नही है वह गर्मियों में जब पानी की डिमांड बढ़ जाती है तो आरओ वाटर प्लांट वाले केवल पानी को ठंडा कर बोतलों में भरकर सप्लाई कर देते है। कुल मिलाकर शिवपुरी शहर में जहरीले पानी की कारोबार जारी है इसकी सुध लेने वाला कोई नही है।

आरटीई की जानकारी में बताया एक पंजीयन

शिवपुरी शहर के हरवीर सिंह चौहान ने शहर में मौजूद वाटर सप्लायरों एवं उनके पंजीयन की जानकारी के लिए आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। चौहान ने बताया कि मुझे जो जानकारी दी गई, उसमें एकमात्र वाटर सप्लायर पीएचई में पंजीकृत बताया गया, जबकि शेष बिना पंजीयन के शहर में संचालित हो रहे हैं।

फूड सेफ्टी ने किया जांच से इनकार

उपभोक्ता दिवस के कार्यक्रम में जब पानी के कैंपरों की जांच का सवाल किया तो फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा ने कहा कि हमें सिर्फ पैकिंग वाले पानी की जांच का अधिकार है, हम यह आरओ कैंपर चेक नहीं कर सकते। हमारे यहां इनका पंजीयन भी नहीं होता, इसलिए हमें पता भी नहीं है कि कितने वाटर सप्लायर हैं।

हमारे यहां नहीं एक भी प्लांट पंजीकृत

आरओ वाटर सप्लायर हमारी नगरपालिका में पंजीकृत नहीं हैं। लेकिन अब हम सोच रहे हैं कि जिस तरह चिकन मटन की दुकानों का पंजीयन हुआ है, उसी तरह पानी कारोबारियों का भी पंजीयन नगरपालिका में करवाया जाए।
डॉ. केएस सगर, सीएमओ नपा

हमारे यहां नहीं है कोई भी पंजीयन

पानी के कारोबारियों का हमारे उद्योग विभाग में कोई पंजीयन नहीं है। यह तो फूड सेफ्टी के अंतर्गत आता है। हमारे यहां पहले पंजीयन होता था, लेकिन पिछले लंबे समय से हमारे यहां पंजीयन खत्म हो गया।
संदीप उइके, प्रबंधक उद्योग विभाग