शिवपुरी। शिवपुरी जिले में ठंड का अटैक लगातार जारी है। इस ठंड के कारण जन जीवन पर काफी असर पड रहा है। साथ में फसलें और पशुओं को भी परेशानी हो रही है। सूर्य देव के प्रकट नहीं होने के कारण अब फसलों को भी नुकसान होने की आशंका हो रही है। मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण आलू के पत्तों में कुछ जगह जहां झुलसा रोग लग गया है, वही सरसों में पोलियो अर्थात तना गलन की बीमारी प्रारंभ हो सकती है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने एडवाइजरी तो जारी कर दी है, लेकिन लगातार मौसम का यही हाल आगामी हफ्ते में भी रहा तो फिर फसलों पर संकट आना तय है।
कृषि विभाग के उपसंचालक यू एस तोमर ने बताया कि वर्तमान के हालातों में बहुत ज्यादा नुकसान तो फसलों को नहीं है, लेकिन लगातार ऐसा मौसम बना रहा तो फिर फसलों को कुछ नुकसान हो सकता है। अभी तो जो मौसम है उसे फसलों को फायदा है। परेशानी यह है कि धूप निकलने के बाद ही फोटोसिंथेसिस क्रिया होती है। जिसके चलते फसलों का विकास होता है, ऐसे में यदि लगातार सूरज नहीं निकलता है और कोहरे की स्थिति बनी रहती है, तो फिर फसलों में हरेपन की शिकायत आ सकती है।
लेकिन अभी हालात ऐसे लग नहीं रहे। तापमान अधिक गिरने पर ही यानी 4 डिग्री से यदि कम तापमान पहुंचता है तो फिर धनिया जैसी कई फसलों को नुकसान होता है। गनीमत यह है कि अभी तापमान 11-12 डिग्री के आसपास है।
ऐसे उतर रहा है पारा
31 दिसंबर की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10.4 और अधिकतम 18.5 था। जबकि 1 जनवरी को न्यूनतम तापमान 11.4 तक रहा, लेकिन अधिकतम तापमान 4 डिग्री तक काम गिरकर 14.2 हो गया। 2 दिसंबर को अधिकतम तापमान भले ही 11 डिग्री रहा हो, लेकिन न्यूनतम तापमान 31 अगस्त की तुलना में सीधा 5 डिग्री कम होकर 13.01 रह गया, और यदि हम 3 दिसंबर के तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस था और अधिकतम तापमान 14.5 डिग्री था, लेकिन दिनभर कोहरा छाया रहा। आसमान से बर्फ गिरने जैसे हालात बने रहे और शाम होते-होते बारिश के भी हालात बने। अभी कहीं एक हफ्ते इसी तरह का मौसम बना रहा तो फिर इसे आमजन भी प्रभावित होगा और फसलों पर भी असर पड़ेगा।
फसलों को शीतलहर से बचने
1. फसल- वर्तमान मौसम को देखते हुए आलू की फसल में झुलसा रोग आने की संभावना अधिक है। उपाय- किसान मेटालेक्जिल एवं मैकोजन के रेडीमिक्स मिश्रण दवा का 25 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना 10 दिन के अंतराल से 02 बार छिड़काव करें।
2. मौसम- आसमान साफ होने पर हवाएं न चलने की स्थिति में तापमान गिरने की अधिक संभावना रहती है। ऐसी दशा में पाला गिरता है। उपाय- फसलों को पाले से बचाव के लिए घुलनशील गंधक 25 ग्राम प्रति लीटर पानी के मान से घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करें।
3. पशुधन -दुधारू पशुओं को बाहर न निकाले,शेड में ही रखें। उपाय- स्वच्छ, ताजा, गुनगुना पानी गुड के साथ खिलाएं एवं पशु आहार में सरसों की खली भी प्रयोग में लाएं। शीत लहर से पशुओं के शरीर को जूट के बोरों से ढककर रखें, डेयरी शेड के आसपास अलाव जलाएं।
4. सरसों फसल में तना गलन (पोलियो रोग) आने की संभावना उपाय - सुरक्षात्मक उपाय करें, 15 दिन फसल में पानी न लगाएं।
5. फसलों को शीतलहर से बचने के लिए हल्की सिंचाई करें। रात के समय खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में सावधानीपूर्वक कचरा कूड़ा ऐसे जलाएं कि धुआं होता रहे और वहां के सूक्ष्म जलवायु (माइक्रोक्लाइमेट) में सुधार हो।
एडवाइजरी : कोहरे में हेडलाइट हाई बीम पर रखना खतरनाक
कोहरे के दौरान हेडलाइट को हाई बीम पर रखना सामने से आ रहे वाहन के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए इसे लो बीम पर रखें। साथ ही डिफॉगर ऑन रखें, जिससे शीशों पर धुंध नही जमती और शीशे पर जमा धुंध को कपडे से भी साफ कर सकते है। यह एडवाइजरी आरटीओ रंजना कुशवाहा द्वारा जारी की गई है। आरटीओ ने बताया कि कोहरे में कम गति पर वाहन चलाएं। कोहरे के दौरान हाइवे पर कम गति में अपनी लेन में गाड़ी चलाएं। बार-बार लेन बदलने से पीछे वाले वाहन चालक भ्रमित हो सकते है, जिससे हादसे की आशंका बढ़ जाती है।
कृषि विभाग के उपसंचालक यू एस तोमर ने बताया कि वर्तमान के हालातों में बहुत ज्यादा नुकसान तो फसलों को नहीं है, लेकिन लगातार ऐसा मौसम बना रहा तो फिर फसलों को कुछ नुकसान हो सकता है। अभी तो जो मौसम है उसे फसलों को फायदा है। परेशानी यह है कि धूप निकलने के बाद ही फोटोसिंथेसिस क्रिया होती है। जिसके चलते फसलों का विकास होता है, ऐसे में यदि लगातार सूरज नहीं निकलता है और कोहरे की स्थिति बनी रहती है, तो फिर फसलों में हरेपन की शिकायत आ सकती है।
लेकिन अभी हालात ऐसे लग नहीं रहे। तापमान अधिक गिरने पर ही यानी 4 डिग्री से यदि कम तापमान पहुंचता है तो फिर धनिया जैसी कई फसलों को नुकसान होता है। गनीमत यह है कि अभी तापमान 11-12 डिग्री के आसपास है।
ऐसे उतर रहा है पारा
31 दिसंबर की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10.4 और अधिकतम 18.5 था। जबकि 1 जनवरी को न्यूनतम तापमान 11.4 तक रहा, लेकिन अधिकतम तापमान 4 डिग्री तक काम गिरकर 14.2 हो गया। 2 दिसंबर को अधिकतम तापमान भले ही 11 डिग्री रहा हो, लेकिन न्यूनतम तापमान 31 अगस्त की तुलना में सीधा 5 डिग्री कम होकर 13.01 रह गया, और यदि हम 3 दिसंबर के तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस था और अधिकतम तापमान 14.5 डिग्री था, लेकिन दिनभर कोहरा छाया रहा। आसमान से बर्फ गिरने जैसे हालात बने रहे और शाम होते-होते बारिश के भी हालात बने। अभी कहीं एक हफ्ते इसी तरह का मौसम बना रहा तो फिर इसे आमजन भी प्रभावित होगा और फसलों पर भी असर पड़ेगा।
फसलों को शीतलहर से बचने
1. फसल- वर्तमान मौसम को देखते हुए आलू की फसल में झुलसा रोग आने की संभावना अधिक है। उपाय- किसान मेटालेक्जिल एवं मैकोजन के रेडीमिक्स मिश्रण दवा का 25 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना 10 दिन के अंतराल से 02 बार छिड़काव करें।
2. मौसम- आसमान साफ होने पर हवाएं न चलने की स्थिति में तापमान गिरने की अधिक संभावना रहती है। ऐसी दशा में पाला गिरता है। उपाय- फसलों को पाले से बचाव के लिए घुलनशील गंधक 25 ग्राम प्रति लीटर पानी के मान से घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करें।
3. पशुधन -दुधारू पशुओं को बाहर न निकाले,शेड में ही रखें। उपाय- स्वच्छ, ताजा, गुनगुना पानी गुड के साथ खिलाएं एवं पशु आहार में सरसों की खली भी प्रयोग में लाएं। शीत लहर से पशुओं के शरीर को जूट के बोरों से ढककर रखें, डेयरी शेड के आसपास अलाव जलाएं।
4. सरसों फसल में तना गलन (पोलियो रोग) आने की संभावना उपाय - सुरक्षात्मक उपाय करें, 15 दिन फसल में पानी न लगाएं।
5. फसलों को शीतलहर से बचने के लिए हल्की सिंचाई करें। रात के समय खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में सावधानीपूर्वक कचरा कूड़ा ऐसे जलाएं कि धुआं होता रहे और वहां के सूक्ष्म जलवायु (माइक्रोक्लाइमेट) में सुधार हो।
एडवाइजरी : कोहरे में हेडलाइट हाई बीम पर रखना खतरनाक
कोहरे के दौरान हेडलाइट को हाई बीम पर रखना सामने से आ रहे वाहन के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए इसे लो बीम पर रखें। साथ ही डिफॉगर ऑन रखें, जिससे शीशों पर धुंध नही जमती और शीशे पर जमा धुंध को कपडे से भी साफ कर सकते है। यह एडवाइजरी आरटीओ रंजना कुशवाहा द्वारा जारी की गई है। आरटीओ ने बताया कि कोहरे में कम गति पर वाहन चलाएं। कोहरे के दौरान हाइवे पर कम गति में अपनी लेन में गाड़ी चलाएं। बार-बार लेन बदलने से पीछे वाले वाहन चालक भ्रमित हो सकते है, जिससे हादसे की आशंका बढ़ जाती है।