SHIVPURI NEWS - रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व उतारे गए भगवा ध्वज, कार्यक्रम निरस्त की घोषणा

Bhopal Samachar

शिवपुरी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 24 घंटे ही बचे है पूरे देश में उत्सव का माहौल है,लेकिन पोहरी में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से से पहले ही पोहरी नगर में लगाए गए भगवा ध्वज,बैनर और पोस्टर उतार लिए गए है और सभी कार्यक्रमो के निरस्त करने घोषणा भी कर दी। मप्र में पोहरी एक ऐसा नगर होगा जहां भव्य कार्यक्रम की तैयारी के बीच एक विवाद होने के कारण यह कार्यक्रम रोक दिया गया है। 

कारण स्पष्ट है कि पोहरी के पूर्व विधायक आर म प्र शासन मे मंत्री रहे सुरेश राठखेडा के पुत्र जीतू राठखेडा ने कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी कर रहे बजरंग दल और आरएसएस कार्यकर्ताओ के साथ अभद्रता करते हुए गाली गलोच कर दी। हिन्दूवादी एक एफआईआर के लिए धरने पर बैठे लेकिन पोहरी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो हिंदूवादी संगठनों ने इस कार्यक्रम को निरस्त करने की घोषणा कर दी।

पोहरी कस्बे में शुक्रवार की देर रात भाजपा और हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को उत्सव के रूप में मनाने के लिए नगर को सजाने का काम कर रहे थे। इसी दौरान वहां पोहरी के पूर्व विधायक मंत्री सुरेश राठखेड़ा का बेटा जीतू अपने तीन चार साथियों के साथ आया। उसने नगर में झंडे, बैनर लगाकर सजावट का काम कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं से पूछा कि ये क्या हो रहा हो? जब कार्यकर्ताओं ने जीतू को कारण बताया तो उसने भाजपा कार्यकर्ताओं को खूब गालियां दीं।


कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जीतू का कहना था कि यहां के बाप हम हैं और यहां हमारी मर्जी के बिना कोई काम नहीं होगा। बताया जाता है कि जीतू ने कार्यकर्ताओं को झंडे बैनर लगाने से भी रोका। इसी के चलते सभी कार्यकर्ता आंदोलन पर उतारू हो गए।  परंतु पुलिस ने मामले में एफआईआर नहीं की, जिससे क्षुब्ध होकर भाजपा कार्यकर्ताओं पुराने थाने पर धरना देने बैठ गए। उन्होंने वहां जीतू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध को देख पूर्व मंत्री के कुछ समर्थक उनके पास पहुंचे और मामले को शांत करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया।

माफी नहीं मांगी तो निकाल दिए झंडा बैनर
आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं ने यह शत रख दी कि जीतू राठखेड़ा यहां धरना स्थल पर आए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगे तो वह अपनी शिकायत वापस लेने तैयार है, लेकिन जीतू राठखेड़ा देर दोपहर तक सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार नहीं हुआ। इस दौरान एसडीओपी सुजीत भदौरिया ने भी आंदोलन कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया कि आप कोई पांच लोग कार्यालय में चलो और वहीं पर  जीतू को का बुलाकर बात कर लेते हैं, परंतु आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता इस पर तैयार नहीं हुए और धरना प्रदर्शन जारी रहा।

अंततः जी जीतू ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगने से इंकार दिया, जिससे कार्यकर्ता क्षुब्ध हो गए और उन्होंने पोहरी में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों को निरस्त करने की बात कही। उन्होंने नगर में लगाए गए बैनर, पोस्टर, झंडे निकाल दिए। उक्त लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि पुलिस उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रही है।

यह आरोप गलत हैं
वहीं इस संबंध में पोहरी एसडीओपी संजीव भदौरिया का कहना है कि रात के समय पूर्व मंत्री के बेटे जीत् राठखेडा और हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच कुछ मुंहवाद हुआ था। हमें आवेदन दिया गया है
जिस पर कई लोगों के हस्ताक्षर हैं। अगर वह थाने आकर शिकायत दर्ज कराते हैं तो हम शिकायत की जांच कर लेंगे और जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी वह करेंगे। यह आरोप गलत है कि हम कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।