शिवपुरी। माधव राष्ट्रीय उद्यान में 27 वर्ष के अंतराल के बाद टाइगर पर्यटन शुरू किया गया है। यहां एक जनवरी से भरकुली गेट से पर्यटकों को प्रवेश देना शुरू किया गया। पहले दिन दिनभर टिकट खिड़की खुली रही। जानकारी का अभाव और तेज ठंड पर्यटकों के पहुंचने में बाधा रहे। पहले दिन मुठ्ठीभर पर्यटक ही माधव राष्ट्रीय उद्यान में टाइगरों का दीदार करने के लिए पहुंचे।
करीब तीन दशक के अंतराल के बाद बाघों को देखने का उत्साह लोगों में नजर नहीं आया। पार्क की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रतिभा अहिरवार का कहना था कि कोहरे के कारण कम पर्यटक पहुंचे थे। सुबह ज्यादा सैलानी नहीं आए। दोनो दिन के पर्यटकों की संख्या के साथ साझा करेंगें।
उल्लेखनीय है कि 10 मार्च को माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो बाघ लाए गए थे। इसके बाद एक और बाघिन पन्ना से लाई गई। मार्च के अंत तक ही इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया गया था। करीब 10 महीने बाद बाघों की टेरिटरी के क्षेत्र में पर्यटन शुरू किया गया है।
इसके लिए 'भरकुली से प्रवेश दिया जा रहा है और करीब 13 किमी के रूट में पर्यटकों को घुमाया जा रहा है। फिलहाल टिकट व्यवस्था सेलिंग क्लब पर रखी गई है क्योंकि अभी तक पर्यटक यहीं पहुंचते हैं। यहां से टाइगर पर्यटन के लिए उन्हें 25 किमी दूर भरकुली जाना होता है।