SHIVPURI NEWS - नई तकनीक से ऑफ सीजन में ​सब्जियों की पैदावार कर लाखों रुपये कमा रहे किसान, कीटनाशक के लिए ड्रोन की भी सुविधा

Bhopal Samachar

शिवपुरी। किसानों को खेती करने के लिए सरकार के द्धारा लाखो करोडो रुपये खर्च कर उन्हे नई तकनीक से खेती करने के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही सरकार के द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के द्धारा भी किसानों को नई तकनीक से खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रदशे में कई किसान ऐसे भी है जो नई तकनीक से खेती कर लाखो रुपए कमा रहे है।

शिवपुरी जिले के किसानों को नई तकनीक से खेती करने के लिए कृषि विभाग शिवपुरी के द्वारा समय समय पर जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन आज भी कई किसान ऐसे है जो परंपरागत तरीके से खेती करते है लेकिन उन्हे मुनाफ कम होता है। लेकिन आज के इस समय में  कुछ किसान ऐसे भी है जो आज नई तकनीक से खेती कर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे है। सरकार की नई तकनीक के द्वारा अब शिवपुरी जिले के किसान भी ड्रोन के द्धारा अपने खेतो में कीट नाशक दवा का छिड़काव कर सकते है।

आज हम आपको जिले के एक ऐसे युवा किसान के बारे में बताना चाहते है जो नई तकनीक के द्वारा खेती कर लाखों रुपये सालाना कमा रहे है तानपुर गांव के रहने वाले रवि रावत जो की 35 साल के है रवि के पास 53 बीघा जमीन है जिसे वह हर बार बटाई पर दे देते थे जिससे उनको कम मुनाफा होता था 10 साल पहले रवि ने स्नातक कर खेती करने का फैसला किया और अब करीब 50 बीघा से ज्यादा में क्रॉप कवर और प्लास्टिक टनल के जरिए खेती कर रहे हैं। 

अक्सर आपने देखा होगा की किसान सीजन के हिसाब से ही फल सब्जी व फसल की पैदावार करते है लेकिन रवि ने ऑफ सीजन पर टमाटर, भिंडी और टिंडे की सब्जी उगाकर एक सीजन में करीब 80 लाख रुपए की तक की कमाई कर रहे है।

इस तरह करे ऑफ सीजन में सब्जी की खेती

भिंडी और टिंडा: 50 दिन में आने वाली भिंडी और टिंडे की फसल फरवरी-मार्च में बोई जाती है। टनल का इस्तेमाल कर इसे जनवरी में ही लगा दी गई है। सब्जियां फरवरी में आना शुरू हो जाएंगी। जब तक दूसरे किसानों की फसल बाजार में आएगी। तब तक वह डेढ़ से दो माह तक बाजार में फसल को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। 3-3 बीघा में भिंडी और टिंडा की फसल लगाई है। इसमें 40 हजार रुपए प्रति बीघा की लागत आई है और मुनाफा पांच गुना होगा।

मिर्च: मिर्च की फसल सामान्य: जून-जुलाई में उगाई जाती है, लेकिन मैं अभी से टनल के जरिए फसल उगाना शुरू कर दिया है। मेरी फसल फरवरी आखिरी या फिर मार्च के पहले सप्ताह बाजार में आ जाएगी।

टमाटर: टमाटर मार्च महीने तक बाजार में पहुंचेगा। इसके बाद टमाटर बाजार में आना बंद हो जाएगा। इसके लिए मैं अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है। टमाटर मार्च से बाजार में जाना शुरू हो जाएगा, जबकि दूसरे किसानों का टमाटर अक्टूबर में बाजार में आएगा। इस बीच मेरे टमाटर को अच्छा भाव मिलेगा। मुझे 5 गुना से ज्यादा का मुनाफा हो सकता है। मुझे एक बीघा में 60 हजार की लागत आई है।

ड्रोन से इस तरह होगा किसानों को लाभ

कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन कैमरे का उपयोग जिले में किया जा चुका है। यह किसानों के लिए भी उपलब्ध हो सकता है, पर सर्त यह है कि उसने पूर्व से अपना पंजीयन करा लिया हो। खास बात यह है कि 10 लीटर कैपेसिटी क्षमता वाले इस ड्रोन में एक साथ 1 घंटे में चार एकड़ क्षेत्र में दवा का छिड़काव समान रूप से किया जा सकता है।

अभी तक किसान छोटे पंपो व देशी तकनीक से छिडकाव करते थे। जिसकी वजह से कहीं मात्रा कम गिरती थी कहीं ज्यादा गिरती थी इस वजह से पूरी फसल को एक साथ लाभ नहीं हो पता था। लेकिन ड्रोन तकनीकी आ जाने से अब किसान सिर्फ एक घंटे में ही चार एकड़ की फसल में समान मात्रा में ड्रोन कैमरे के जरिए छिड़काव कर सकता है। यह पद्धति एकदम नई है और किसानों को रुचिकर भी लग रही है, जिससे समय की बचत होने के साथ-साथ तकनीक का बेहतर उपयोग होने से किसान इसके उपयोग से बेहतर फसल लेने के साथ-साथ निर्धारित मात्रा में ही कीटनाशकों का उपयोग कर सकेंगे। जिससे किसान का अनावश्यक खर्च भी बचेगा।

इस तरह कर सकते है पंजीयन
ऐसे कर सकते हैं पंजीयन सबसे पहले सोसाइटी समूह का संचालन करने वाली समूह को अपना पंजीयन करना होगा। 5000 की पंजीयन राशि है, यदि उनका पंजीयन हो जाता है तो यह राशि एडजस्ट हो जाएगी। और यदि पंजीयन में नाम नहीं आता है तो फिर यह राशि उन्हें वापस मिल जाएगी। पंजीयन में नाम आने के बाद स्व-सहायता समूह के महिला समूह को सिर्फ ₹2 खर्च करने होंगे। इसके साथ ही जिन्हें ड्रोन कैमरे उपलब्ध होंगे उन्हें इसकी दक्षता ट्रेनिंग भी दिलाई जाती है।