SHIVPURI NEWS - स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट का निकला जाति प्रमाण पत्र फर्जी,टर्मिनेट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। खबर स्वास्थ्य विभाग से मिल रही है कि सिरसौद के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ फार्मासिस्ट का जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी निकला है। फार्मासिस्ट ने अपना जाति प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया और इसी जाति प्रमाण पत्र की दम पर आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त की है। इस पूरे मामले की शिकायत की गई थी। इसमें सबसे बड़ी हैरानी वाली बात यह है कि ग्वालियर के कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लशकर ने इस पत्र क्रमांक रीडर -2 जा /प्र /प /सत्या/ 2024 / 696 दिनांक 05.01.204 के अनुसार इस जाति प्रमाण पत्र को प्रमाणित भी कर दिया गया था लेकिन पुन:इसकी सत्यता की जांच की गई तो यह जाति प्रमाण पत्र फर्जी निकला है।


जानकारी के अनुसार गौरीशंकर राजपूत ने 6 अक्टूबर 2023 को  CMHO कार्यालय को एक आवेदन के माध्यम से एक शिकायत दर्ज कराई कि  श्री महेन्द्र सिंह पुत्र श्री खड़ग सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरसौद जिला शिवपुरी में फार्मासिस्ट के पद पर पदस्थ है,  महेंद्र सिंह के द्वारा कूटरचित अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र शासकीय सेवा में पदस्थ होने के लिए प्रस्तुत किया है। वह कूटरचित है,इसकी जांच कराई जाए।

इस शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू की गई और डॉ. अमर सिंह अनीरिया को जांच अधिकारी बनाया गया। इस मामले की जांच शुरू करते हुए,कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी ने अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) ग्वालियर जिला ग्वालियर को लिखा कि इस श्री महेन्द्र सिंह के जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन के संबंध में पत्र लिखा। पत्र में लिखा गया कि इस जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जाए।
 
इस पत्र के बाद कार्यालय अनुभाग अधिकारी (राजस्व) लक्कर जिला ग्वालियर ने पत्र क्रमांक
काकरीवर-२/वा.प्र.प. सत्या /2024  हवाले से लिखा गया कि संदर्भ आपका पत्र क्रमांक /शिकायत /2023 /13007 शिवपुरी  दिनांक 20.12.2023 -00-

विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के संलग्न आवेदक महेन्द्र सिंह पुत्र खड़ग सिंह पता- सूबे की गोठ लस्कर जिला ग्वालियर म०प्र० का प्रकरण क्रमांक 1671/2002-2003/बी-121 दिनांक 19.10.2002 की छायाप्रति सत्यापन हेतु इस कार्यालय में प्राप्त हुई ।

आवेदक महेन्द्र सिंह पुत्र खडग सिंह पता सूबे की गोठ लश्कर जिला ग्वालियर म०प्र० का प्रकरण क्रमांक 1671/2002-2003/बी-121 दिनांक 19.10.2002 पर मुताबिक दायरा पंजी अनुसार आवेदक की जाति मांझी (अनुसूचित जनजाति) के अन्तर्गत आती है ।

अतः आवेदक महेन्द्र सिंह पुत्र खड़ग सिंह पता सूबे की गोठ लश्कर जिला ग्वालियर म०प्र० का प्रकरण क्रमांक 1671/2002-2003/बी-121 दिनांक 19.10.2002 पर मुताबिक दायरा पंजी अनुसार आवेदक की जाति मांझी (अनुसूचित जनजाति) का नाम दर्ज होना पाया गया ।


इस पत्र के बाद इस जाति प्रमाण पत्र की पुन: सत्यापन कराया गया

कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लश्कर जिला ग्वालियर ने अपने पत्र क्रमांक रीडर-2/ जा /प्र./ प. सत्या / 2024/ 758 ग्वालियर दिनांक 17 जनवरी 2024 ने लिखा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शिवपुरी ग्वालियर
विषय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन बाबत ।
संदर्भ आपका पत्र क्रमांक /शिकायत / 1307/2023 / शिवपुरी दिनांक 20.12.2023 -00-

विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के संलग्न आवेदक महेन्द्र सिंह पुत्र श्री खड़ग सिंह निवासी सूबे की गोठ लश्कर ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक 1671 / 02-03 /बी-121. दिनांक 19.10.2002, जाति- माझी (अनुसूचित जनजाति) का जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति सत्यापन हेतु इस कार्यालय में प्राप्त हुई।

अक्तः मुताबिक दायरा पंजी अनुसार आवेदक आवेदक महेन्द्र सिंह पुत्र श्री खड़ग सिंह निवासी सूबे की गोठ लश्कर ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक- 1671/02-03/बी-121. दिनांक- 19.10.2002. जाति- मांझी (अनुसूचित जनजाति) दर्ज होना नहीं पाया गया।

कुल मिलाकर यह सत्यापित हो गया श्री महेन्द्र सिंह पुत्र श्री खड़ग सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिरसौद ने अपनी नौकरी पाने के लिए कूटरचित जाति प्रमाण पत्र बनवाया था जो कि जांच के दौरान सिद्ध हो गया। अब इस मामले में जांच अधिकारी क्या करते है यह अब देखने का विषय है। वही बताया जा रहा है कि जाति प्रमाण पत्र कूटरचित बनाया गया है महेंद्र सिंह अब नौकरी से हटाया जा सकता है और कूटरचित दस्तावेज बनाने के अपराध में मामला भी दर्ज करवाया जा सकता है।