मोहन सिंह 'पोहरी-श्योपुर। शिवपुरी से पोहरी होते हुए जब श्योपुर जाते है तो इस स्टेट हाइवे की हालत इतनी खराब है की लोग इस पर 20 की स्पीड में भी गाडी चलाते है तो भी दचके लगते है। यह सडक दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। श्योपुर के गोरस से शिवपुरी के पोहरी बायपास चौराहे तक 84.4 किमी का यह स्टेट हाइवे जगह-जगह उखड़ा पड़ा है।
इस सड़क पर बसों से लेकर, कार व बाइकों से सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। जिससे एक्सीडेंट भी अधिक हो रही है और प्रति दिन एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है। लेकिन भोपाल की आरएमएन कंपनी इस रोड की मरम्मत नहीं करा रही है।
यहां समझे पूरा मामला, इस रोड पर बनाये कंपनी ने दो टोल
दरअसल शिवपुरी से श्योपुर तक 84.4 किमी का यह स्टेट हाइवे क्रमांक 50 है जिसकी मरम्मत और टोल वसूलने का ठेका मार्च 2022 से भोपाल की आरएमएन कंपनी ने लिया है। कंपनी ने पोहरी-शिवपुरी के बीच सिरसौद के नजदीक अपना टोल प्लाजा लगाया है। जबकि दूसरा टोल प्लाजा श्योपुर जिले के कराहल में बनाया है। दोनों ही जगह कंपनी 21 महीने से कमर्शियल वाहनों से लगातार टोल वसूल रही है।
यहां समझे पूरा मामला, इस रोड पर बनाये कंपनी ने दो टोल
दरअसल शिवपुरी से श्योपुर तक 84.4 किमी का यह स्टेट हाइवे क्रमांक 50 है जिसकी मरम्मत और टोल वसूलने का ठेका मार्च 2022 से भोपाल की आरएमएन कंपनी ने लिया है। कंपनी ने पोहरी-शिवपुरी के बीच सिरसौद के नजदीक अपना टोल प्लाजा लगाया है। जबकि दूसरा टोल प्लाजा श्योपुर जिले के कराहल में बनाया है। दोनों ही जगह कंपनी 21 महीने से कमर्शियल वाहनों से लगातार टोल वसूल रही है।
जबकि सड़क खराब पड़ी है, फिर भी कंपनी सड़क पर पैचवर्क कराने की बजाय टोल वसूलने में व्यस्त है। जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि जनता की गंभीर समस्या पर गौर नहीं कर रहे हैं। इस समस्या से पिछले कई दिन से लाखों लोग झूज रहे है। उखड़ी सड़क से राहगीरों व वाहन चालकों का निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
लगातार दो बार की बारिश से सड़क की हालत और भी ज्यादा खराब हो चुकी है।
टोल वसूल रही भोपाल की आरएमएन कंपनी ने शुरुआती दौर में कराहल क्षेत्र में सड़क का मेंटेनेंस करा दिया था। लेकिन शिवपुरी जिले की सीमा में उखड़ी पड़ी सड़क पर पैचवर्क अभी तक नहीं कराया। बारिश का दूसरा सीजन बीत चुका है। इस बीच सड़क पहले से ज्यादा खराब हो गई है। बाइक सवारों को गड्ढों की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। और लगातार खतरा बना रहता है।
भोपाल की आरएमएन कंपनी ने एक साथ लिया है छह सड़कों का ठेका
भोपाल की आरएमएन कंपनी ने मार्च 2022 में प्रदेश की छह सड़कों का सालाना 15.39 करोड़ के प्रीमियम पर छह सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी ली है। इसी पैकेज में गोरस-शिवपुरी स्टेट हाईवे शामिल है। कंपनी ने मार्च 2022 से बिना मेंटेनेंस कराए टोल वसूलना शुरू कर दिया जो अभी भी जारी है। कंपनी ने पैचवर्क पर कहां कितना पैसा खर्च किया है कोई पूछ परख करने वाला नहीं है। जिससे आज दिनांक तक सड़कों की हालत खराब पढी हुई है।
सड़क जर्जर होने से ट्रैफिक जाम के हालात रहते है
शिवपुरी पोहरी रोड पर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड होने की वजह से काफी यात्रियों का रोजाना आना जाना रहता है अक्सर बस, ऑटो सहित कार व बाइक यहीं से होकर गुजरती हैं, जिससे यहां आए दिन ट्रैफिक जाम होता है। वहीं तीन बड़े निजी स्कूलों की बसें भी यहीं से आती-जाती हैं। स्कूल बसों को भी निकलने में परेशानी होती है जिससे स्कूली बच्चे भी स्कूल के लिए लेट हो जाते है।
लगातार दो बार की बारिश से सड़क की हालत और भी ज्यादा खराब हो चुकी है।
टोल वसूल रही भोपाल की आरएमएन कंपनी ने शुरुआती दौर में कराहल क्षेत्र में सड़क का मेंटेनेंस करा दिया था। लेकिन शिवपुरी जिले की सीमा में उखड़ी पड़ी सड़क पर पैचवर्क अभी तक नहीं कराया। बारिश का दूसरा सीजन बीत चुका है। इस बीच सड़क पहले से ज्यादा खराब हो गई है। बाइक सवारों को गड्ढों की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। और लगातार खतरा बना रहता है।
भोपाल की आरएमएन कंपनी ने एक साथ लिया है छह सड़कों का ठेका
भोपाल की आरएमएन कंपनी ने मार्च 2022 में प्रदेश की छह सड़कों का सालाना 15.39 करोड़ के प्रीमियम पर छह सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी ली है। इसी पैकेज में गोरस-शिवपुरी स्टेट हाईवे शामिल है। कंपनी ने मार्च 2022 से बिना मेंटेनेंस कराए टोल वसूलना शुरू कर दिया जो अभी भी जारी है। कंपनी ने पैचवर्क पर कहां कितना पैसा खर्च किया है कोई पूछ परख करने वाला नहीं है। जिससे आज दिनांक तक सड़कों की हालत खराब पढी हुई है।
सड़क जर्जर होने से ट्रैफिक जाम के हालात रहते है
शिवपुरी पोहरी रोड पर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड होने की वजह से काफी यात्रियों का रोजाना आना जाना रहता है अक्सर बस, ऑटो सहित कार व बाइक यहीं से होकर गुजरती हैं, जिससे यहां आए दिन ट्रैफिक जाम होता है। वहीं तीन बड़े निजी स्कूलों की बसें भी यहीं से आती-जाती हैं। स्कूल बसों को भी निकलने में परेशानी होती है जिससे स्कूली बच्चे भी स्कूल के लिए लेट हो जाते है।