शिवपुरी। शिवपुरी जिले की विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में वर्तमान समय में महिलाओ की नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं,इन नसबंदी ऑपरेशन में महिलाओ के प्रति गंभीर लापरवाही बरती जा रह है। इससे पूर्व जिले के पिछोर सामुदायिक अस्पताल में महिलाओ की नसबंद के उपरांत जमीन पर लिटा दिया गया।
अब ऐसी ही तस्वीर नरवर स्वास्थ्य केन्द्र से मिल रही है,जहां कडकडाती सर्दी में महिलाओ को अस्पताल की जमीन पर फर्श बिछाकर लिटा दिया गया है,अगर पिछोर के मामले में सीएमएचओ डॉ पवन जैन कार्रवाई करते तो नरवर में 28 दिसंबर को किए गए ऑपरेशन में लापरवाही सामने नही आती,लेकिन अभी तक इस मामले में सीएमएचओ ने कोई एक्शन नहीं लिया।
जानकारी के अनुसार नरवर के स्वास्थ्य केंद्र में बीते 28 दिसंबर को महिलाओ के नसबंदी ऑपरेशन किए गए थे। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के उपरांत महिलाओ को फर्श बिछाकर जमीन पर लिटा दिया गया। बताया जा रहा है कि जिम्मेदारों के इस कृत्य से इस कडकडाती ठंड में महिलाओ के परिजनों में बेचैनी बढ़ गई थी वह इसका विरोध करते नजर आए।
शिविर के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे
बताया जा रहा है कि सोमवार को आयोजित नसबंद शिविर में नरवर के स्वास्थ्य केन्द्र पर 109 महिलाएं पहुंची थी। 30 पलंग वाले अस्पताल में सिर्फ नसबंदी ऑपरेशन के समय तीस पलंग ही मौजूद थे जिसमें 12 लोगों पर डिलीवरी वाली महिलाओं को लिटा रखा था 6 पलंग पर अन्य बीमारी का इलाज करा रहे मरीज भर्ती थे, 6 पलंग नसबंदी ऑपरेशन वाली महिलाओं को 6 पलंग बरामदे में डाले और एनआरसी वार्ड के पास कमरे में 15 पलंग डाले एक पलंग पर दो मरीज देखे गए। केन्द्र लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की जाए तो सारी सच्चाई साफ तौर पर दिखाई देगी।
इनका कहना था
मैं नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सुबह 9 बजे अपनी पत्नी को लेकर आया था ,महिलाओं का नसबंदी का ऑपरेशन हुए थे पर्चे में मेरी पत्नी का 74 नंबर था शाम 6 बजे के बाद उसका ऑपरेशन हुआ था।
पवन कुशवाह परिजन निवासी मगरौनी
इनका कहना है
हम 25 किलोमीटर दूर गधाई गांव से अपनी बहन बर्षा को लेकर नसबंदी ऑपरेशन कराने सुबह 7 बजे नरवर अस्पताल में आए थे पूरे दिन इंतजार करने के बाद 76 नंबर पर शाम साढ़े 6 बजे ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन करने के बाद हमारी बहन को जमीन पर लिटाया गया, और भी कई महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया था। आप खुद देख लो यहां सर्दी में छोटे छोटे बच्चों को लेकर परिजन सुबह से घूम रहे हैं विभाग ने कोई व्यवस्था नहीं की है।
रविंद्र कुशवाह मगरौनी