संजीव जाट @ बदरवास। इस समय देश मे धर्म की बयार बह रही है। अयोध्या में हिंदुओं की आराध्य प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। भारत देश पर हजारों साल किसी ना किसी दूसरे धर्म के अनुयायियों का शासन रहा है और हिन्दू धर्म ध्वजा को झुकाने का प्रयास सभी ने किया है लेकिन हिन्दू धर्म ध्वजा हमेशा आसमान में लहराती आ रही है। इसके कई उदाहरण है हमारे पास है,हिंदुओं ने अपने धर्म नियम कभी तोडे है इसका उदाहरण शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे से मिल रहा हैं कि पिछले 75 वर्षो में कितनी बार सूर्य देव आसमान में प्रकट नहीं हुए होंगे,लेकिन बदरवास में 75 वर्षों से प्रभात फैरी अवश्य निकली है। एक भी दिन इस प्रभात फेरी में रुकावट नहीं आई हो,इसमें शामिल लोगो की संख्या अवश्य घटती बढ़ती रहती है।
बदरवास में प्रतिदिन निकाली जाने वाली रामधुन प्रभात फेरी का इतिहास 75 वर्ष पुराना है और आज तक अनवरत रूप से जारी है। 75 वर्ष पूर्व धर्म आस्था को लेकर प्रारंभ की गई इस प्रभात फेरी से जुड़ने वाला हर सदस्य पूरी तन्मयता और उमंग के साथ इसमें शामिल होकर अपने आप को धन्य मानता है।
तड़के प्रातः 3 बजे से इस प्रभात फेरी की हलचल और शुरुआत होती है। सभी धर्मप्रेमी लोग सुबह 3 बजे अस्पताल प्रांगण में स्थित मंदिर पर एकत्र होकर परंपरागत भारतीय वाद्ययंत्र ढोलक,मंजीरे, चमीटा,मंजीरा बजाते हुए भक्ति भाव में लीन होकर नगर के सभी मंदिरों पर पहुंचते हैं और प्रत्येक मंदिर पर रुककर भजन स्तुति कर दीपदान करते हैं। 75 वर्षों से चली आ रही प्रभात फेरी की ये परंपरा आज भी जारी है।
सम्पूर्ण नगर में धर्म जागरण का काम करती है प्रभात फेरी
जल्दी सुबह प्रारंभ होने वाली इस प्रभात फेरी में नगर के युवा, बाल,बुजुर्ग सभी शामिल रहते हैं और नगर में प्रभात फेरी के आने से पूर्व या आवाज सुनकर लोग जाग जाते हैं और अपने अपने घरों के आगे इसमें शामिल होकर अपने जीवन को राममय बनाने का काम करते हैं। युवा एवं बुजुर्ग संयुक्त रूप से रामधुन के संगीत पर भक्ति भाव में डूबे हुए नृत्य करते और झूमते हुए निकलते हैं।
प्रभात फेरी नगर के सभी वार्डों,गली मोहल्ले बदरवास के मंदिरों पर जाकर कुछ समय विराम लेकर भजन कीर्तन और स्तुति से भगवान को मनाने का प्रयास करते हैं। प्रभातफेरी में आने बाले बुजुर्गों ने बताया कि हमने इसको निकलते ही देखा है और हमारा जुड़ाव बचपन से ही प्रभात फेरी से है।
सर्दी, गर्मी और वर्षा में भी नहीं रुकी प्रभातफेरी
गत 75 वर्षों से बदरवास नगर में श्री राम की जयकारों से गुंजायमान होकर निकलने बाली इस प्रभात फेरी को कोई भी मौसम परिस्थिति नहीं रोक पाई है ।हर मौसम चाहे भयंकर गर्मी होनी ठिठुराती ठंड हो या भयंकर बारिश हो लेकिन रामधुन की अलख जगा रही इस प्रभात फेरी का रास्ता कोई भी मौसम नहीं रोका पाया है। कई लोगों की तो तीसरी पीढ़ी भी इस प्रभात फेरी में शामिल है
क्या कहते हैं बुजुर्ग
मेरी उम्र 80 वर्ष है और जब से मैंने होश संभाला है तब से मैं इस प्रभात फेरी में आ रहा हूं। यह बहुत पहले से चल रही है।जब यहां जंगल और वीरान क्षेत्र था तब से मैं इस प्रभात फेरी मैं शामिल होकर अपने जन्म को राम नाम से धन्य कर रहा हूं। प्रभात फेरी में कई बार तो ऐसी स्थिति बनती थी कि हम एक दो लोग ही खड़े रह जाते थे लेकिन प्रभात फेरी बंद नहीं हुई।
प्रीतम ग्वाल,उम्र 80 वर्ष ,प्रभात फेरी के सबसे बुजुर्ग और संस्थापक सदस्य
अस्पताल मंदिर से प्रारंभ होकर यहीं समापन होने वाली यह प्रभातफेरी को प्रारंभ हुए 75 वर्ष से अधिक समय हो चुका है।हम बचपन से ही इसे देख रहे हैं।
रमेश बैरागी,अस्पताल मंदिर